Delhi-NCR AQI Live Updates: तेज हवाएं उड़ा ले गईं दिल्ली का जहरीला धुआं, तो क्या आज की बैठक में प्रतिबंध घटेगा?

124
Delhi-NCR AQI Live Updates: तेज हवाएं उड़ा ले गईं दिल्ली का जहरीला धुआं, तो क्या आज की बैठक में प्रतिबंध घटेगा?

Delhi-NCR AQI Live Updates: तेज हवाएं उड़ा ले गईं दिल्ली का जहरीला धुआं, तो क्या आज की बैठक में प्रतिबंध घटेगा?

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से शनिवार को थोड़ी राहत मिली लेकिन अब भी यह खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। माना जा रहा है कि जमीनी सतह पर हवाओं के तेज होने के चलते यह राहत मिली है। इस बीच रविवार यानी आजा हवा की क्वॉलिटी से जुड़े आयोग (CQAM) की बैठक होगी। प्रदूषण में कमी को देखते हुए संभावनाएं हैं कि चौथे चरण की पाबंदियों को वापस ले लिया जाए। अगर ऐसा होता है तो स्कूल-कॉलेजों में की गई छुट्टियों और वर्क फ्रॉम होम की सिफारिश को वापस लिया जा सकता है। लेकिन इन पर अंतिम फैसला सरकार ही कर सकती है। जो पाबंदियां सीधे हट सकती हैं, उनमें ट्रकों और मालवाहक वाहनों की एंट्री शामिल है। इसके अलावा BS-IV डीजल गाड़ियों पर से रोक हट सकती है। सरकारी कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट फिर शुरू हो सकते हैं। दूषित ईंधन से चलने वाली इंडस्ट्री पर से भी रोक हट सकती है। पलूशन से जुड़ी हर अपडेट यहां जानिए-

आज क्या है प्रदूषण का हाल
शनिवार के मुकाबले रविवार सुबह प्रदूषण से थोड़ी राहत देखी जा रही है। दिल्ली के आनंद विहार में सीपीसीबी की ओर से जारी सुबह 6 बजे के डेटा के अनुसार, AQI 338 दर्ज किया गया जो बहुत खराब की श्रेणी में आता है। एनसीआर की बात करें तो नोएडा सेक्टर 62 में 343, गाजियाबाद लोनी में 310, फरीदाबाद में 360 और गुरुग्राम में 351 AQI नोट किया गया है।

कब लागू होता है GRAP का चौथा चरण
चौथे चरण की बंदिशों को तब लगाया जाता है, जब AQI 450 या इससे ज्यादा हो। आयोग भी मानता है कि ये पाबंदियां इमरजेंसी उपाय हैं। इन बंदिशों का लोगों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है, इसलिए इनकी सीमित समय में समीक्षा जरूरी है। हालांकि पहले, दूसरे और तीसरे चरण की पाबंदियां जारी रहेंगी।

लंबे समय तक नहीं लागू किया जा सकता GRAP-4
ग्रीनपीस के सीनियर कैंपेनर अविनाश चंचल के अनुसार, ग्रैप-4 एक आपात उपाय हैं। इन्हें लंबे समय तक लागू नहीं किया जा सकता। ऐसे में सरकारों व विभागों को यह समझना होगा कि इसे लागू करने में और इसे हटाने में बहुत शीघ्रता की जानी चाहिए। आपात स्तर का प्रदूषण बहुत अधिक दिनों तक नहीं रहता। यह स्थिति दो से चार दिनों तक बनी रह सकती है। अविनाश के अनुसार, ये कदम इसलिए उठाए जाते हैं ताकि गतिविधियां कम से कम हों और स्मॉग बढ़ने की प्रक्रिया को कम से कम किया जाए। लेकिन दिल्ली की जनता के बीच मेसेज यह जा रहा है कि लोगों को स्वास्थ्य संबंधी नुकसान को देखते हुए यह पाबंदियां लगाई जाती हैं।

उनके मुताबिक, प्रदूषण की आपात स्थिति में स्वास्थ्य संबंधी नुकसान से किसी कीमत पर बचा नहीं जा सकता। घर और बाहर लगभग एक जैसा प्रदूषण है। ऐसे में इस सोच को बदलना जरूरी है। साथ ही, लोग इन बातों को समझें और इन कदमों का विरोध न हो इसके लिए यह भी जरूरी है कि इन स्थितियों को बनते ही जल्द से जल्द कदम उठा लिए जाएं और फिर उन्हें हटाने में भी उतनी ही तत्परता दिखाई जाए। अभी एजेंसियां जिस तरह काम कर रही हैं उससे इन नियमों को लागू करने और इन्हें हटाने में भी देरी हो रही है। ऐसा होगा तो लोगों का विरोध करना तय है।

दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News