Delhi Monsoon: बारिश आई, वायरल, डायरिया, टायफाइड भी लाई… बचने के लिए एक्सपर्ट ने बताए ये आसान टिप्स

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Delhi Monsoon: बारिश आई, वायरल, डायरिया, टायफाइड भी लाई… बचने के लिए एक्सपर्ट ने बताए ये आसान टिप्स

Delhi Monsoon: बारिश आई, वायरल, डायरिया, टायफाइड भी लाई… बचने के लिए एक्सपर्ट ने बताए ये आसान टिप्स

नई दिल्ली: मॉनसून में बारिश के साथ गर्मी से कुछ राहत तो मिलेगी, मगर कई बीमारियां भी आपको गिरफ्त में ले सकती हैं। बारिश के साथ पानी और मच्छरों से जुड़ी बीमारियां पनपती हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि मॉनसून में वायरल, डायरिया, इन्फ्यूएंजा, त्वचा की बीमारियों से लेकर डेंगू, टायफाइड, मलेरिया, हेपटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों का इस वक्त खास ख्याल जरूरी है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। डॉक्टर्स का कहना है कि मॉनसून में बुखार एक खास लक्षण है और अगर बुखार दो दिन तक बना हुआ है, तो डॉक्टर के पास जाने से ना बचें।

​खुला रखा हुआ खाना ना खाएं

आईएलबीएस के डायरेक्टर डॉ. शिव कुमार सरीन कहते हैं, मॉनसून में हेपेटाइटिस, डायरिया, टायफाइड, वायरल इन्फेक्शन का खतरा रहता है। खासतौर पर हेपेटाइटिस ए और ई बच्चों और बुजुर्गों को पकड़ता है।

  • डॉ. सरीन ने सलाह दी, सबसे पहले इस मौसम में कभी भी खुला और काफी देर से रखा हुआ खाना ना खाएं, क्योंकि इनमें बैक्टिरिया पनपते हैं। सबसे बेहतर है कि आप ताजा खाना बनाकर खाएं।
  • दूसरा, बाहर का ठंडा खाना जैसे दही, छाछ वगैरह ना खाएं, इनका पॉश्चराइजेशन सही तरीके से होना चाहिए।
  • तीसरा पानी उबालकर ठंडा करके पिएं, यह सबसे अच्छा ऑप्शन है। अगर नहीं कर सकते तो बाजार से अच्छी क्वॉलिटी का पानी खरीदें।
  • चौथा, अगर बाहर किसी रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं तो ध्यान दें कि स्टाफ ग्लव्स पहनकर खाना परोस रहा हो।
  • पांचवां, उस खाने से बचे, जो गरिष्ठ हो। आखिरी बात कि अगर किसी को डायरिया या वॉमिटिंग हो रही है, तो तुरंत एंटीबायटिक ना लें क्योंकि फूड पॉइजनिंग से शरीर के टॉक्सिन निकलते हैं। मगर अगर लक्षण गंभीर हैं और बुखार हो, तो एंटीबायटिक देनी पड़ सकती है।

​एक-दिन में ठीक न हों तो डॉक्टर को दिखाएं

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डॉ. सरीन कहते हैँ, अगर फूड पॉइजनिंग के बाद डायरिया, वॉमिटिंग के लक्षण हैं, तो तीन दिन तक गेहूं से बने प्रोडक्ट ना लें, बल्कि चावल और दही लें क्योंकि गेहूं लेने से लंबे समय में सीलिएक बीमारी और ग्लूटन सेंसेटिविटी का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर सरीन कहते हैं, इन बीमारियों के लक्षण एक-दो दिन में ठीक होने लगते हैं मगर ये लक्षण बने रहें और बुखार बना रहे, यूरिन कम हो, क्रैम्प रहे, कमजोरी रहे तो डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है।

​पानी से बढ़ती हैं पेट की बीमारियां

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मैक्स साकेत अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ रोमेल टिक्कू कहते हैं, पानी दूषित होता है तो पानी से जुड़ी से बीमारियां होती हैं। जैसे टायफाइड, जॉन्डिस, पेट की बीमारियां। इससे खाना भी दूषित होता है तो पेट की कई बीमारियां भी बढ़ जाती हैं। इनके लक्षण हैं बुखार, डायरिया, वॉमिटिंग। इसके अलावा, पानी में मच्छर पनपते हैं तो मच्छरों से जुड़ी कई बीमारियां सामने आती हैं। इनमें डेंगु, मलेरिया, चिकनगुनिया शामिल हैं। इनके लक्षण है सिर दर्द, बुखार, शरीर में दर्द, आंखों में दर्द, बीपी कम होना।

​मच्छर हैं खतरा, इनसे बचें

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मच्छर खतरा हैं और इनसे बचना बेहद जरूरी है, इसलिए कहीं भी पानी जमने ना दें, मॉस्किटो रेपलेंट-क्रीम का इस्तेमाल करें, पूरी बाजू के कपड़े पहनें। अगर मरीज को दो दिन तक बुखार है, पैरासिटामोल खाने से यह जा नहीं रहा या वापस आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। डॉ. टिक्कू कहते हैं, इस समय हमारे पास इन्फ्यूंजा जैसे लक्षण वाले मामले भी सामने आ रहे हैं, जैसे सर्दी, खासी, जुकाम, गला दर्द। हालांकि, यह मौसमी बदलाव की वजह से है, लक्षण भी हल्के हैं और घर पर अलर्ट रहकर और खयाल रखकर आप मैनेज कर सकते हैं। मगर दिक्कत ज्यादा है तो फिजिशन को जरूर दिखाएं।

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