Delhi Liquor Scam | मनीष सिसोदिया ने ली याचिका वापस, लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए मांगी थी अंतरिम जमानत | Navabharat (नवभारत) h3>
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से अपनी अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका वापस ले ली है.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली से मिली बड़ी खबर के अनुसार शराब नीति घोटाले (Delhi Liquor Case) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में आरोपित पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodiya) ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से अपनी अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका आज वापस ले ली।
जानकारी दें कि, उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी। पिछली सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील मोहित माथुर ने दलील दी थी कि मामले की जांच पूरी करने में जानबुझकर देरी की जा रही है। वकील माथुर ने अन्य आरोपी बेनॉय बाबू को दी गई जमानत पर हवाला देते हुए कहा था कि सिसोदिया अब प्रभावशाली पद पर नहीं हैं। CBI और ED दिल्ली शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की भूमिका जांच कर रही है।
AAP leader Manish Sisodia withdrew the plea seeking interim bail from Delhi’s Rouse Avenue Court. He sought interim bail for the election campaign.
CBI has opposed the regular bail application of Manish Sisodia. CBI said that he should not be granted bail as he was termed…
— ANI (@ANI) April 20, 2024
इसके साथ ही आज शनिवार को मामले की सुनवाई के दौरान CBI ने मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत अर्जी का विरोध किया है। इस बाबत CBI ने कहा कि, उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उन्हें इस मामले में मास्टरमाइंड बताया गया है। बता दें कि इससे पहले सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने 15 अप्रैल तक उनकी न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया था।
यह भी जानकारी दें कि, दिल्ली शराब घोटाले सीबीआई मामले में सुनवाई करते हुए बीते शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 24 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया था। अब अदालत उसी दिन आरोप पत्र में लगाए गए सभी आरोपों पर दलीलें सुनेगी।
क्या है मामला
जानकारी दें कि, 22 मार्च 2021- दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया। तब उन्होंने उन्होंने कहा था कि, इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकारी खजाना बढ़ेगा। तब तक दिल्ली में शराब की 60% दुकानें सरकारी और 40 %दुकानें प्राइवेट थीं। 17 नवंबर 2021- दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी।इस नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई। और पूरी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गई। लेकिन नई नीति शुरू से ही विवादों में थी। जब विवाद ज्यादा बढ़ा तो 28 जुलाई 2022 को सरकार ने अपनी शराब नीति को रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दिया।