Delhi Liquor Policy Case: क्या मोदी जी को देश से माफी नहीं मांगनी चाहिए? दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का पीएम पर बड़ा अटैक
नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाला (Delhi Liquor Scam) मामले में ईडी ने कारोबारी समीर महेंद्रु के खिलाफ तीन हजार पन्नों की आरोप पत्र दाखिल किया है। इससे पहले शुक्रवार को सीबीआई ने शराब घोटाला मामले में 7 आरोपियों के खिलाफ 10 हजार से अधिक पन्नों का आरोप पत्र दायर किया था। दोनों ही एजेंसियों के आरोप पत्र में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है। इस बीच इस प्रकरण को लेकर राजनीति गर्म हो गई है। दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला है। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘ED की चार्जशीट में भी मनीष जी का नाम नहीं है, शिक्षा क्रांति से दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाले मनीष जी को झूठे केस में फंसाने के लिए क्या मोदी जी को देश से माफ़ी नहीं माँगनी चाहिए? अच्छा काम करने वालों को जेल में डालने से क्या देश आगे बढ़ेगा?’
इससे पहले दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को अपनी पहली चार्जशीट दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश की। आम आदमी पार्टी(आप) के संचार प्रभारी और पेशे से कारोबारी विजय नायर समेत सात लोगों के खिलाफ दायर केंद्रीय जांच एजेंसी की फाइनल रिपोर्ट में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है। हालांकि एजेंसी का कहना है कि उसकी जांच अभी जारी है और कथित अपराध में अन्य आरोपियों की भूमिका तय की जा रही है।
चार्जशीट में आरोपित व्यक्तियों में दो नाम उन लोगों के हैं, जिन्हें इस केस के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली के अलावा पांच अन्य में एक न्यूज चैनल के प्रमुख, हैदराबाद और दिल्ली के दो शराब कारोबारी और दिल्ली आबकारी विभाग के दो पूर्व अधिकारी हैं। चार्जशीट में इंडिया अहेड न्यूज चैनल के मुठ गौतम, हैदराबाद के शराब कारोबारी और बोइनपल्ली के पार्टनर रोबिन, डिस्टिलरीज एलएलपी के अरुण आर पिल्लई, इंडोस्पिरिटी के मालिक समीर महेंद्रू, आबकारी विभाग के पूर्व अधिकारी कुलदीप सिंह और नरेंद्र सिंह के नाम शामिल हैं।
क्या है मामला
सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के अंतर्गत रिश्वतखोरी का मुकदमा बनाया है। इसमें अन्य आरोपियों की भूमिका, लाइसेंसधारकों के साथ साजिश, रकम के लेन-देन, बिजनेस ग्रुप बनाने और दिल्ली में विवादास्पद आबकारी नीति बनाने और उसे लागू करने में बड़े पैमाने पर साजिश को लेकर एजेंसी ने अपनी जांच खुली रखी है। सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा की मदद सारे ‘गड़बड़झाले’ का पर्दाफाश करने में काम आ रही है। अरोड़ा ने मैजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया है। विशेष अदालत ने जांच में सहयोग करने को लेकर उसे माफ कर दिया था। सीबीआई ने इस साल अगस्त में 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद कई जगहों की तलाशी की थी। अधिकारियों के अनुसार, आरोप है कि शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति कुछ डीलरों को लाभ पहुंचाने के मकसद से बनाई गई थी और बदले में उन्होंने इसके लिए कथित रूप से रिश्वत दी थी। हालांकि, दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इसका पुरजोर विरोध किया था।
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इससे पहले दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को अपनी पहली चार्जशीट दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश की। आम आदमी पार्टी(आप) के संचार प्रभारी और पेशे से कारोबारी विजय नायर समेत सात लोगों के खिलाफ दायर केंद्रीय जांच एजेंसी की फाइनल रिपोर्ट में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है। हालांकि एजेंसी का कहना है कि उसकी जांच अभी जारी है और कथित अपराध में अन्य आरोपियों की भूमिका तय की जा रही है।
चार्जशीट में आरोपित व्यक्तियों में दो नाम उन लोगों के हैं, जिन्हें इस केस के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली के अलावा पांच अन्य में एक न्यूज चैनल के प्रमुख, हैदराबाद और दिल्ली के दो शराब कारोबारी और दिल्ली आबकारी विभाग के दो पूर्व अधिकारी हैं। चार्जशीट में इंडिया अहेड न्यूज चैनल के मुठ गौतम, हैदराबाद के शराब कारोबारी और बोइनपल्ली के पार्टनर रोबिन, डिस्टिलरीज एलएलपी के अरुण आर पिल्लई, इंडोस्पिरिटी के मालिक समीर महेंद्रू, आबकारी विभाग के पूर्व अधिकारी कुलदीप सिंह और नरेंद्र सिंह के नाम शामिल हैं।
क्या है मामला
सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के अंतर्गत रिश्वतखोरी का मुकदमा बनाया है। इसमें अन्य आरोपियों की भूमिका, लाइसेंसधारकों के साथ साजिश, रकम के लेन-देन, बिजनेस ग्रुप बनाने और दिल्ली में विवादास्पद आबकारी नीति बनाने और उसे लागू करने में बड़े पैमाने पर साजिश को लेकर एजेंसी ने अपनी जांच खुली रखी है। सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा की मदद सारे ‘गड़बड़झाले’ का पर्दाफाश करने में काम आ रही है। अरोड़ा ने मैजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया है। विशेष अदालत ने जांच में सहयोग करने को लेकर उसे माफ कर दिया था। सीबीआई ने इस साल अगस्त में 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद कई जगहों की तलाशी की थी। अधिकारियों के अनुसार, आरोप है कि शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति कुछ डीलरों को लाभ पहुंचाने के मकसद से बनाई गई थी और बदले में उन्होंने इसके लिए कथित रूप से रिश्वत दी थी। हालांकि, दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इसका पुरजोर विरोध किया था।
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