दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरजातीय विवाह पर दिया बड़ा फैसला, ‘कानून अभी ज़िंदा है’

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सुप्रीम कोर्ट ने खाप पंचायत को लेकर सख्त रुख अपनाया है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा ने साफ कहा कि अगर कोई दो वयस्‍क शादी करते हैं, तो कोई भी तीसरा व्यक्ति दखल नहीं दे सकता है. चाहे वह परिवार वाले हों, समाज हो या फिर कोई और. अदालात ने कहा कोई भी नहीं, चाहे वह कोई व्यक्ति हो या समूह भी क्यूँ ना हो, दो बालिग़ लोगों की शादी में हस्तक्षेप नहीं कर सकता.

कोर्ट ने क़ानून के दायरे में रहने की हिदायत दी

सुनवायी के दौरान कोर्ट ने काफी कड़ा रुख अपनाया. कोर्ट ने खाप पंचायतों से पूछा कि आपको समाज का गार्जियन बनने का हक किसने दिया?  कोर्ट ने साफ कहा कि अगर दो लोग शादी करते है तो उनको ज़बरदस्ती अलग करना गलत है. कोर्ट ने कहा कि हम यहां कहानी लिखने नही बैठे है और न ही इस लिए कि शादी किस तरह से हो रही है.

इस केस की सुनवायी के दौरान दिलचस्प बात ये रही कि कोर्ट में खाप पंचायतों के वकील नरेंद्र हूडा ने कहा, खाप इंटर कास्ट शादियों को एन्करेज करती है. हालांकि, हूडा ने आगे कहा- ‘खाप सिर्फ सगोत्र शादियों का विरोध करती है. खाप शताब्दियों से चली आ रही परंपरा को बनाए रखना चाहती है. जेनेटिक साइंस में भी ऐसा कहा गया है.’

सुप्रीम कोर्ट ने खाप पंचायत के वकील को कहा कि आप कौन होते हैं दो वयस्कों की शादी में दखल देने वाले. कानून अपने हिसाब से काम करेगा. आपको ऐसे कपल को लेकर चिंता मत करिए कानून है और कानून अपने हिसाब से काम करेगा. कोर्ट ने कहा कि हम केवल उन दो वयस्क लोगों के अधिकारों को लेकर चिंतत है जो शादी कर चुके है. कोर्ट ने ये भी कहा कि यहां कानून के आधार पर शादी की वैधता तय होगी, न कि गोत्र के आधार पर.

कानून की सख्ती की ज़रुरत

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि खाप पंचायतों का काम शादी लीगल है या नहीं, ये तय करना नहीं है. कोर्ट ने कहा, इंटर कास्ट शादियों से जुड़े अपराधों को लेकर केंद्र सरकार गंभीर नहीं है. इसके बाद एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि सरकार दो हफ्तों में जवाब दाखिल करेगी. खाप मामले में अगली सुनवाई 16 फरवरी को होगी.

COUPLE -

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि पंचायत किसी लड़के या लड़के को समन जारी कर शादी करने से नही रोक सकती. अगर कोई बालिग़ लड़के-लड़की को शादी करने से रोकता है तो ग़ैरकानूनी है. अगर बालिग़ शादी करते है तो कोई सोसायटी, कोई पंचायत, कोई व्यक्ति सवाल नहीं कर सकता. सुप्रीम कोर्ट ने इशारा किया कि मुद्दे पर कोई गाइडलाइन जारी कर सकता है.

अंकित सक्सेना की हत्या की चर्चा

सोमवार को खाप पंचायत मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में एक याचिकाकर्ता ने दिल्‍ली के ख्‍याला में हुई अंकित सक्सेना की मौत का मामला उठाया. इस पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि अंकित सक्सेना की हत्या ऑनर किलिंग है और इसके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तुरंत करवाई होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला हमारे सामने नहीं है. इसलिए इस पर कुछ नही कहेंगे.