Delhi Covid Cases: दिल्ली में भी मिला ओमीक्रोन का सब वेरिएंट BA.5, 7 से 10 परसेंट तक सैंपल मिल रहे हैं पॉजिटिव
विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः मुंबई के बाद अब दिल्ली में भी कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट का सब वेरिएंट BA.5 मिला है। एनसीडीसी के अधिकारियों के अनुसार कोई नया वेरिएंट नहीं पाया गया है, बावजूद हॉस्पिटल में एडमिट हो रहे मरीजों की खास निगरानी की जा रही है। उन मामलों पर नजर रखी जा रही है, जिनमें संक्रमण के बाद सीवियरिटी ज्यादा हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि नए सब वेरिएंट में तेजी से संक्रमण फैलाने की क्षमता तो है, लेकिन यह सीवियर नहीं है। ऐसे में पैनिक होने वाली बात नहीं है।
पिछले 15 दिनों से दिल्ली सहित पूरे देश में कोरोना के मामले में इजाफा हो रहा है। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से औसतन 20 हजार के आसपास ही कोविड सैंपल की जांच हो रही है, इसमें से 7 से 10 परसेंट तक सैंपल पॉजिटिव मिल रहे हैं। मई से लेकर 16 जून के बीच सैंपल की जीनोम जांच की गई। अधिकतर जांच एनसीडीसी के लैब और आईएलबीएस के लैब में की जा रही है। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि साउथ ईस्ट और सेंट्रल दिल्ली के कुल सैंपल में से 5 परसेंट में BA.5 की पुष्टि हुई है और साउथ दिल्ली में दो परसेंट सैंपल में यह सब वेरिएंट मिला है। इसके अलावा अधिकांश सैंपल में BA.2 सब वेरिएंट ही मिल रहा है। अभी दिल्ली में लगभग यही सब वेरिएंट फैला हुआ है।
वहीं, एनसीडीसी के अधिकारी का कहना है कि ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट BA.5 कोई नया वेरिएंट नहीं है। यह देश में सबसे पहले मुंबई में देखा गया था। अभी सारा फोकस नए मरीजों की निगरानी को लेकर है। जो भी नए मरीज आ रहे हैं, उसमें कितने अस्पताल में एडमिट हो रहे हैं, एडमिट होने की वजह और उनमें पाए जाने वाली सीवियरिटी पर है, ताकि यह पता चलता रहे कि संक्रमण का असर किस प्रकार हो रहा है। इसलिए अस्पतालों में एडमिशन और सीवियरिटी पर फोकस है। साथ में दूसरे देशों में आ रहे मामले और वहां की स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है।
डॉक्टरों का कहना है कि अभी मामले जरूर बढ़ रहे हैं, लेकिन इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत बहुते कम हो रही है। हालांकि कुछ मरीजों को भर्ती किया जा रहा है, इसकी वजह उनकी अपनी पुरानी बीमारी है। पहले से बीमार चल रहे लोग जिनमें हार्ट, किडनी, लीवर, डायबिटीज के मरीज हैं, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है। डॉक्टरों का कहना है कि अभी स्थिति कंट्रोल में है। फिर भी इसे लापरवाही में लेने की जरूरत नहीं है। लोगों को अपने अपने स्तर पर बचाव व कोविड बिहेवियर का पालन करना चाहिए, वहीं सरकार को स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखना चाहिए।
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वहीं, एनसीडीसी के अधिकारी का कहना है कि ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट BA.5 कोई नया वेरिएंट नहीं है। यह देश में सबसे पहले मुंबई में देखा गया था। अभी सारा फोकस नए मरीजों की निगरानी को लेकर है। जो भी नए मरीज आ रहे हैं, उसमें कितने अस्पताल में एडमिट हो रहे हैं, एडमिट होने की वजह और उनमें पाए जाने वाली सीवियरिटी पर है, ताकि यह पता चलता रहे कि संक्रमण का असर किस प्रकार हो रहा है। इसलिए अस्पतालों में एडमिशन और सीवियरिटी पर फोकस है। साथ में दूसरे देशों में आ रहे मामले और वहां की स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है।
डॉक्टरों का कहना है कि अभी मामले जरूर बढ़ रहे हैं, लेकिन इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत बहुते कम हो रही है। हालांकि कुछ मरीजों को भर्ती किया जा रहा है, इसकी वजह उनकी अपनी पुरानी बीमारी है। पहले से बीमार चल रहे लोग जिनमें हार्ट, किडनी, लीवर, डायबिटीज के मरीज हैं, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है। डॉक्टरों का कहना है कि अभी स्थिति कंट्रोल में है। फिर भी इसे लापरवाही में लेने की जरूरत नहीं है। लोगों को अपने अपने स्तर पर बचाव व कोविड बिहेवियर का पालन करना चाहिए, वहीं सरकार को स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखना चाहिए।