खुलासा: देश में हैं 57 फीसदी डॉक्टर झोलाछाप, 31 फीसदी तो सिर्फ 12वीं पास,कहीं आप भी…

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125 करोड़ से ज्यादा वाली आबादी वाले भारत में कितने फर्जी डॉक्टर हैं। इसका खुलासा हो गया है। हालांकि सरकार ने 2018 में इस रिपोर्ट को गलत करार दिया था। मगर मोदी सरकार ने अब इस रिपोर्ट के आंकड़ें मान लिए हैं। रिपोर्ट की मानें तो देश में 57 डॉक्टर ऐसे हैं, जो बिना किसी डॉक्टरी की डिग्री लिए मरीजों का इलाज कर रहे हैं। कई तो सिर्फ 12वीं पास हैं।

बता दें कि पिछले साल तबके केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने लोकसभा में खड़े होकर कहा था कि देश में 57 प्रतिशत से अधिक झोलाछाप डॉक्टरों की रिपोर्ट गलत है, लेकिन अब केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय WHO की रिपोर्ट को सही बता रहा है। दरअसल, ये जानकारी 6 अगस्त को प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो के जरिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दी।

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इसके बाद राष्ट्रीय मेडिकल आयोग विधयेक पर हो रहे विरोध पर सवाल पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले डॉक्टरों की उपलब्धता में काफी अंतर है। ऐसे में ग्रामीण भारत की अधिकांश आबादी झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में है। देश में एलोपैथी की प्रैक्टिस करने वाले 57.3 फीसदी डॉक्टरों के पास योग्यता ही नहीं है।

दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 2016 की एक रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में काम करने वाले 57.3% मेडिकल की प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर झोलाछाप हैं और उनके पास कोई मेडिकल से संबंधित डिग्री नहीं है।

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रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 57.3 फीसदी डॉक्टरों के पास मेडिकल से संबंधित को भी शैक्षणिक योग्यता नहीं है। WHO ने 2001 की जनगणना के आधार पर अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट तौर परबताया है कि ग्रामीण इलाकों में 20 फीसदी बिना डिग्री वाले डॉक्टर लोगों का इलाज कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी बताया कि करीब 31% झोलाछाप डॉक्टर ऐसे हैं जिन्होंने सिर्फ 12वीं कक्षा तक ही पढ़ाई की है।

अब स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि ग्रामीण और शहरी इलाकों में डॉक्टरों को लेकर काफी असामांजस्य वाली स्थिति है। ग्रामीण इलाकों और गरीब आबादी के बीच बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मौजूद नहीं हैं। ऐसे में झोलाझाप डॉक्टरों की भरमार है।

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