बीजेपी की सूची में “शहीद ” लेकिन हकीकत में जिंदा

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कर्नाटक चुनाव का शंखनाद हो चूका है l इस शंखनाद के साथ शुरू हो चूका फिर बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला lबीजेपी और कांग्रेस दोनों ही कर्नाटक की जनता को लुभाने में लग गए है l लेकिन इस सिलसिले ने फिर एक नया रुख इख्तियार कर लिया है ,जी हाँ दरअसल कर्नाटक चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है कि पांच साल के उनके शासनकाल में ‘जिहादी’ बलों ने उनके पार्टी के 23 कार्यकर्ताओं की हत्‍या की थी l इस मुद्दे पर उडुपी से बीजेपी सांसद शोभा करंदलाजे ने गृह मंत्रालय को उन मारे गये 23 लोगो के नाम भेजे l बाद में बीजेपी ने इन सभी व्यक्तियों को जिनकी हत्या कर दी गयी थी,शहीद का दर्जा दिया था l लेकिन आपको बता दें की हाल ही में इस मुद्दे को लेकर एक चौका देने वाली बात सामने आई हैl दरअसल ,भाजपा ने जो लिस्ट गृह मंत्रालय को भेजी थी उस लिस्ट में सबसे पहला नाम अशोक पुजारी का आता है, जिसकी हत्‍या 20 सितंबर 2015 को कर दी गई थीl लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि पुजारी आज भी जिंदा हैl इस बात की पुष्टि तब हुई जब एनडीटीवी के पत्रकार ने पुजारी के गाँव जाकर उससे मुलाकात की l

कौन है ये पुजारी ?
आपको बता दें की पुजारी बजरंग दल का कार्यकर्ता था l और बीजेपी का कहना था कि उस  पर 2015 में छह बाइक सवार लोगों ने हमला किया था l उन्‍होंने पुजारी पर इसलिए हमला किया क्‍यों‍कि वह हिन्‍दूवादी संगठन से जुड़ा हुआ थाl उनका कहना था कि आरोपियों ने उनकी पहचान उनके सिर पर बंधे भगवा कपड़े से की जब वह काम से घर लौट रहे थेl आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुजारी शादियों में ड्रम बजाने का काम करता हैl

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कहाँ थे इतने दिनों तक ?
पुजारी से हुई बात -चीत में उसने बताया कि वह 15 दिन आईसीयू में रहा और उन्‍होंने सोचा कि मैं मरने वाला हूं लेकिन भगवान का शुक्र है कि मुझे कुछ नहीं हुआl उन्‍होंने बताया कि शोभा करंदलाजे का फोन उनके पास आया था और स्‍वीकार किया कि गलती से उसका नाम उस लिस्‍ट में चला गयाl लेकिन बीजेपी आज भी दावा करती है कि उसके 23 कार्यकर्ताओं की हत्‍या की गईl कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दो दर्जन से ज्‍यादा कर्नाटक में हमारे कार्यकर्ताओं की हत्‍या की गई हैl वहीँ दूसरी ओर राज्य सरकार ने इन दावों को ख़ारिज कर दिया है l राज्य सरकार ने कहा की उन कार्यकर्ताओं की मौत में मुस्लिम हमलावरों का कुछ लेना देना नहीं थाl