Cricket के ‘मैदान’ में आखिर कैसे धुरंधर बन गए Vaibhav Gehlot, दूसरी बार बने RCA के Chief

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Cricket के ‘मैदान’ में आखिर कैसे धुरंधर बन गए Vaibhav Gehlot, दूसरी बार बने RCA के Chief

Cricket के ‘मैदान’ में आखिर कैसे धुरंधर बन गए Vaibhav Gehlot, दूसरी बार बने RCA के Chief


जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत दूसरी बार राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने हैं। पिछली बार उन्हें कांग्रेसी नेता रामेश्वर डूडी के सामने चुनाव जीता था लेकिन इस बार (दिसंबर 2022) वैभव गहलोत और उनके गुट का पूरा पैनल निर्विरोध निर्वाचित हुआ है। आखिर वैभव गहलोत में ऐसी क्या विशेषता है कि उन्होंने राजस्थान के सभी जिलों के सचिवों को अपने समर्थन में कर लिया। क्या सभी जिला संघ के सचिव कांग्रेसी विचारधारा के हैं। ऐसा नहीं है। वैभव की जीत के पीछे उनके पिता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी का बड़ा हाथ है। डॉ. सीपी जोशी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के मुख्य संरक्षक हैं। कहने को ये सभी जिला संघों और पदाधिकारियों के प्रति निष्पक्ष रूप से काम करते हैं लेकिन चूंकि डॉ. जोशी कांग्रेस से जुड़े हैं। वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी होने के साथ राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष हैं। जब संरक्षक कांग्रेसी होने के साथ सत्ता पक्ष का वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री हो तो दूसरे दलों के प्रत्याशी भला कैसे जीत दर्ज कर सकते हैं।

राजे सरकार में ललित मोदी ने किया था राज

पूर्व में जब 2003 में वसुंधरा राजे की सरकार थी तब भाजपा के खास और वसुंधरा राजे के नजदीकी ललित मोदी ने राजस्थान क्रिकेट पर लगातार कई सालों तक राज किया था। ललित मोदी के कारनामों और करोड़ों रुपए के घोटालों के चलते बीसीसीआई ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर बैन लगा दिया। यहां राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और आईपीएल मैच होना ही बंद हो गए थे। तमाम प्रतिबंधों के बाद राजस्थान क्रिकेट बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गया। आरसीए पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ लम्बे समय तक यह मामला कानूनी पेचीदगियों में फंसा रहा। बाद में जिला संघों में कांग्रेसी नेताओं का वर्चस्व बढा और कांग्रेस सरकार के प्रयासों की वजह से बीसीसीआई ने विशेष शर्तों के साथ आरसीए के तमाम प्रतिबंध हटाए।

2019 में पहली बार वैभव गहलोत उतरे चुनावी मैदान में

2019-

इसके बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. सीपी जोशी को आरसीए का मुख्य संरक्षक बनाया गया और अध्यक्ष सहित पूरी कार्यकारिणी के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई। हालांकि ललित मोदी गुट ने कोर्ट में याचिका लगातर मामले को कई सालों तक लम्बित रखा। लेकिन आखिर कोर्ट के निर्णय के बाद चुनाव प्रक्रिया हुई और वैभव गहलोत अध्यक्ष बने। वैभव गहलोत के अध्यक्ष हनने के बाद राजस्थान क्रिकेट को नया जीवन मिला। यहां आईपीएल के साथ अंतर्राष्ट्रीय मैच भी होने लगे। वर्ष 2019 में हुए आरसीए कार्यकारिणी के चुनावों में वैभव गहलोत पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे। उन दिनों भी डॉ. जोशी गुट का दबदबा था। लिहाजा वैभव गहलोत ने आरसीए के अध्यक्ष पद पर जीत हासिल कर ली।

डूडी हुए थे वैभव के खिलाफ खड़े

डूडी हुए थे वैभव के खिलाफ खड़े

वर्ष 2019 में अशोक गहलोत और रामेश्वर डूडी में तनातनी हो गई थी। हालांकि रामेश्वर डूडी भी कांग्रेसी नेता हैं और पूर्व नेता प्रतिपक्ष भी हैं लेकिन गहलोत से नारागजी के चलते उन्होंने आरसीए चुनावों में वैभव गहलोत के खिलाफ नामांकन दाखिल किया था। डूडी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।

बरकतुल्ला स्टेडियम में हुए मैच

बरकतुल्ला स्टेडियम में हुए मैच

वैभव गहलोत के आरसीए अध्यक्ष बनने के बाद राजस्थान कांग्रेस को नया जीवन मिला। जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम और जोधपुर के बरकतुल्ला खां स्टेडियम में अंतरर्राष्ट्रीय मैच फिर से होने लगे।

सवाई मानसिंह स्टेडियम में हुआ आईपीएल

सवाई मानसिंह स्टेडियम में हुआ आईपीएल

पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. सीपी जोशी के प्रयासों से बीसीसीआई ने आरसीए से तमाम प्रतिबंध हटाए थे। बाद में वैभव के प्रयासों से जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में आईपीएल के मैच भी होने लगे।

याद रहेगा वैभव का कार्यकाल

याद रहेगा वैभव का कार्यकाल

वैभव का कार्यकाल राजस्थान क्रिकेट के लिए हमेशा यादगार रहेगा। क्योंकि उन्हीं के कार्यकाल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक और नया क्रिकेट स्टेडियम जयपुर के पास दिल्ली रोड़ स्थित चौंप गांव में तैयार हो रहा है।

2022 में भी रोचक रहा था चुनाव

2022-

चूंकि तीन जिला संघों को छोड़कर शेष 30 जिला संघ डॉ. जोशी के समर्थन में है। ऐसे में दिसंबर 2022 में हुए आरसीए के चुनाव केवल औपचारिकता वाले ही होते। मोदी के कट्टर समर्थक रहे राजेन्द्र सिंह नांदू गुट के पास केवल तीन जिला संघों का समर्थन था। चुनाव प्रक्रिया के दौरान नान्दू गुट के पैनल ने नामांकन तो किया। लेकिन बाद सभी प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिया।

नांदू गुट ने ले लिया था नामांकन वापस

नांदू गुट ने ले लिया था नामांकन वापस

मतदान से पहले तीस जिला संघों के सचिव डॉ. सीपी जोशी से मिले थे। बाद में ये 30 सचिव वैभव गहलोत के साथ बाड़ेबंदी के तहत एक होटल में चले गए थे। नांदू गुट का चुनाव जीतना संभव नहीं था। इसी वजह से उन्होंने नामांकन वापिस लिए। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

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