COVID-19 lockdowns: लॉकडाउन और कोरोना का मंजर याद कर आज भी भर आती हैं आंखें | COVID-19 lockdown in madhya pradesh corona lockdown date 24 march 2020 | News 4 Social h3>
सिर्फ खाना खाने के लिए जाते थे घर
कोरोना संक्रमण काल के दौरान प्रभावित इलाकों में जाकर लोगों की सहायता की। सिर्फ खाना खाने के लिए घर जाते थे। दफ्तर में ही कई दिन और रात गुजरीं। इस दौरान बहुत कठिन समय निकाला। घर वाले तनाव में रहते थे कि कहीं कुछ हो न जाए लेकिन कर्तव्य पथ पर हमेशा चलते रहे।
-पंकज खरे, फायर सेफ्टी अधिकारी, भोपाल
आईसीयू में 12 घंटे तक करते थे ड्यूटी
बेटी छोटी थी इसलिए परिवार को इस संक्रमण से बचाने के लिए 20 दिन तक लगातार अस्पताल में रहे। 12 घंटे तक लगातार आईसीयू में ड्यूटी करने के बाद बीमारी के बारे में पढ़ते थे। इसी बीच अकेलापन और कोरोना पीडि़तों को देख कर मन में अलग सी उथल पुथल चलती रहती थी। ऐसे में खुद को शांत कर यह सोचते थे कि काम करना है।
-डॉ. पराग शर्मा, श्वांस रोग विशेषज्ञ
लॉकडाउन का पालन कराया
संक्रमण काल के दौरान अलग- अलग क्षेत्र में लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के लिए बेहतर ह्रश्वलाङ्क्षनग की। संक्रमित क्षेत्र को बंद करने के लिए परिवारों से संपर्क कर सामंजस्य बैठाया। सबसे बड़ी चुनौती थी लोगों को संक्रमण से बचाना। उन्हें घर से निकलने से रोकना सबसे ज्यादा जरूरी था।
-एडिशनल डीसीपी, शैलेंद्र सिंह चौहान
पसीने से हो जाते थे पूरी तरह तरबतर
22 साल के नर्सिंग कॅरियर में कोरोना काल जैसा कठिन समय नहीं देखा। अप्रेलम ई की तेज धूप में पीपीई किट पहनकर धूप में सैंपल लेने के लिए बैठते थे। अंदर पूरी तरह पसीने से तरबतर हो जाते थे, लेकिन काम ऐसा था कि छोड़ नहीं सकते थे। इसके बाद जब घर पहुंचते थे तो अलग एक कमरे में परिवार से दूर रहना पड़ता था।
-जूली जैकब, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, काटजू अस्पताल
क्या कहा था उस समय पीएम ने
पीएम ने देशभर के 135 करोड़ हिन्दुस्तानियों से 22 मार्च 2020 से जरूर जनता कर्फ्यू लगा दिया था, लेकिन उससे तीन दिन पहले 19 मार्च को रात 8 बजे देश को संबोधित करते हुए अपील की थी। तब मोदी ने कोरोना वायरस के खतरे को बताया था और हर किसी से 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का पालन करने की अपील की थी। इसके बाद 25 की रात 12 बजे 21 दिन का लॉकडाउन शुरू हो गया था।
घरों की बालकनी से बजाई थी थाली
पीएम मोदी ने सभी लोगों से जनता कर्फ्यू के साथ-साथ एक खास अपील भी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 22 मार्च को 5 बजकर 5 मिनट पर अपने घरों की बालकनियों में खड़े होकर थाली, चम्मच और ताली बजाते हुए एक जुट होकर इस समस्या से निपटने की अपील की थी। पीएम मोदी ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों, कोरोना वारियर्स को ताली और थाली बजाकर उन्हें सैल्यूट करने की भी अपील की थी।
पीएम की अपील का पड़ा था असर
पीएम की अपील का देशभर में असर देखने को मिला था। बड़े शहर ही नहीं, हर गांव और कस्बे, गली मोहल्ले में इसका असर देखने को मिला था। सड़कों पर सन्नाटा था। लोग थाली बजाते हुए भी दिखे। कई लोगों ने इसे उत्साह से किया था। इसके जरिए यह संदेश दिया गया था कि हम इस महामारी से एकजुट होकर लड़ेंगे। एक गरीब आदमी से लेकर बालीवुड के सुपर स्टार भी थाली और चम्मच बजाते हुए इस अभियान में शामिल हुए थे।
मध्यप्रदेश की और खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News
सिर्फ खाना खाने के लिए जाते थे घर
कोरोना संक्रमण काल के दौरान प्रभावित इलाकों में जाकर लोगों की सहायता की। सिर्फ खाना खाने के लिए घर जाते थे। दफ्तर में ही कई दिन और रात गुजरीं। इस दौरान बहुत कठिन समय निकाला। घर वाले तनाव में रहते थे कि कहीं कुछ हो न जाए लेकिन कर्तव्य पथ पर हमेशा चलते रहे।
-पंकज खरे, फायर सेफ्टी अधिकारी, भोपाल
आईसीयू में 12 घंटे तक करते थे ड्यूटी
बेटी छोटी थी इसलिए परिवार को इस संक्रमण से बचाने के लिए 20 दिन तक लगातार अस्पताल में रहे। 12 घंटे तक लगातार आईसीयू में ड्यूटी करने के बाद बीमारी के बारे में पढ़ते थे। इसी बीच अकेलापन और कोरोना पीडि़तों को देख कर मन में अलग सी उथल पुथल चलती रहती थी। ऐसे में खुद को शांत कर यह सोचते थे कि काम करना है।
-डॉ. पराग शर्मा, श्वांस रोग विशेषज्ञ
लॉकडाउन का पालन कराया
संक्रमण काल के दौरान अलग- अलग क्षेत्र में लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के लिए बेहतर ह्रश्वलाङ्क्षनग की। संक्रमित क्षेत्र को बंद करने के लिए परिवारों से संपर्क कर सामंजस्य बैठाया। सबसे बड़ी चुनौती थी लोगों को संक्रमण से बचाना। उन्हें घर से निकलने से रोकना सबसे ज्यादा जरूरी था।
-एडिशनल डीसीपी, शैलेंद्र सिंह चौहान
पसीने से हो जाते थे पूरी तरह तरबतर
22 साल के नर्सिंग कॅरियर में कोरोना काल जैसा कठिन समय नहीं देखा। अप्रेलम ई की तेज धूप में पीपीई किट पहनकर धूप में सैंपल लेने के लिए बैठते थे। अंदर पूरी तरह पसीने से तरबतर हो जाते थे, लेकिन काम ऐसा था कि छोड़ नहीं सकते थे। इसके बाद जब घर पहुंचते थे तो अलग एक कमरे में परिवार से दूर रहना पड़ता था।
-जूली जैकब, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, काटजू अस्पताल
क्या कहा था उस समय पीएम ने
पीएम ने देशभर के 135 करोड़ हिन्दुस्तानियों से 22 मार्च 2020 से जरूर जनता कर्फ्यू लगा दिया था, लेकिन उससे तीन दिन पहले 19 मार्च को रात 8 बजे देश को संबोधित करते हुए अपील की थी। तब मोदी ने कोरोना वायरस के खतरे को बताया था और हर किसी से 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का पालन करने की अपील की थी। इसके बाद 25 की रात 12 बजे 21 दिन का लॉकडाउन शुरू हो गया था।
घरों की बालकनी से बजाई थी थाली
पीएम मोदी ने सभी लोगों से जनता कर्फ्यू के साथ-साथ एक खास अपील भी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 22 मार्च को 5 बजकर 5 मिनट पर अपने घरों की बालकनियों में खड़े होकर थाली, चम्मच और ताली बजाते हुए एक जुट होकर इस समस्या से निपटने की अपील की थी। पीएम मोदी ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों, कोरोना वारियर्स को ताली और थाली बजाकर उन्हें सैल्यूट करने की भी अपील की थी।
पीएम की अपील का पड़ा था असर
पीएम की अपील का देशभर में असर देखने को मिला था। बड़े शहर ही नहीं, हर गांव और कस्बे, गली मोहल्ले में इसका असर देखने को मिला था। सड़कों पर सन्नाटा था। लोग थाली बजाते हुए भी दिखे। कई लोगों ने इसे उत्साह से किया था। इसके जरिए यह संदेश दिया गया था कि हम इस महामारी से एकजुट होकर लड़ेंगे। एक गरीब आदमी से लेकर बालीवुड के सुपर स्टार भी थाली और चम्मच बजाते हुए इस अभियान में शामिल हुए थे।