Corona in Delhi: 5 मौतें, दिल्ली में छह महीने बाद फिर 2 हजार पार कोरोना, डरने की कितनी बात?

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Corona in Delhi: 5 मौतें, दिल्ली में छह महीने बाद फिर 2 हजार पार कोरोना, डरने की कितनी बात?

Corona in Delhi: 5 मौतें, दिल्ली में छह महीने बाद फिर 2 हजार पार कोरोना, डरने की कितनी बात?

नई दिल्ली: कोविड 19 के संक्रमण दर में कुछ दिनों से लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। पिछले तीन दिन से संक्रमण दर 10% के पार है। रोजाना दो-तीन मौतें भी सामने आ रही हैं। इस स्थिति में डॉक्टर्स का कहना है कि कोविड को हल्के में लेना सही नहीं है, भीड़भाड़ वाली जगहों खासतौर पर बंद जगहों पर लोगों को मास्क जरूर लगाना चाहिए। डॉक्टर्स का कहना है कि मेट्रो में यह जरूरी होना चाहिए, क्योंकि खुली भीड़ वाली जगह के मुकाबले यहां संक्रमण का खतरा ज्यादा बना रहता है। बीच में कोविड के कम होते हुए मामलों के साथ लोग बूस्टर डोज को लेकर भी ढीले पड़ गए हैं, जबकि जिसको यह डोज लेने का समय आ आ गया है, उन्हें इसे जरूर लेना चाहिए।

11% के ऊपर पहुंचा संक्रमण दर
पिछले एक महीने में कोविड के मामले रोजाना 600 से बढ़कर 1600 तक के करीब पहुंच गए हैं और रोजाना 1 से 3 मौतें सामने आ रही हैं। इस एक महीने में संक्रमण दर 4% से बढ़कर 11% से ऊपर चला गया है। 2 अगस्त को संक्रमण दर 10.63% रहा और 1 अगस्त को यह 11.41% था। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या बहुत कम हैं। एक महीने पहले 2% बेड भरे थे और अब 3.75% बेड भरे हैं।

संक्रमण दर बढ़ा, मगर भर्ती हैं कम
गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुभाष गिरी कहते हैं, पिछले कुछ दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ी है मगर वायरस माइल्ड है। तेज बुखार, खांसी, सिर-गला दर्द, कमजोरी लक्षण हैं। मरीज तीसरे दिन से ठीक होना शुरू कर रहे हैं। डॉ गिरी कहते हैं, कोविड की वजह से जिन मरीजों की मौत हो रही हैं, उन्हें पहले से डायबिटीज, कैंसर, लिवर, दिल की बीमारी जैसी बड़ी बीमारियां थीं। हमारे अस्पताल में भी अभी 15-16 मरीज भर्ती हैं मगर ये वो हैं जिन्हें पहले से कोई बीमारी है या दुर्घटना हुई है। अस्पताल में इनका कोविड टेस्ट किया गया है और तब संक्रमण का पता चला है।

डॉ गिरी का कहना है कि पहले किसी दूसरे वायरस के साथ मौसमी फ्लू आता था और 15-20 दिन में निकल जाता था, कोराना वायरस भी इसी लाइन पर जा रहा है। मगर अगर बीच में वायरस में फिर से बदलाव हो जाता है, तो मुश्किलें दोबारा आ सकती हैं इसलिए इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। वायरस के लक्षण आते हैं तो कोशिश करें कि फोन पर डॉक्टर से ट्रीटमेंट लें। 10 दिन क्वारंटीन रहें। जो हेल्थ वर्कर्स हैं या जिन्हें पहले से कोई बीमारी है, वे बूस्टर डोज जरूर लें।

वायरस बदल सकता है रूप

सफदरजंग हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ बी एल शेरवाल कहते हैं, कोविड को लेकर हर वक्त अलर्ट रहना जरूरी है। इस वक्त जो मामले सामने आ रहे हैं, वो हल्के हैं। चार-पांच दिन में मरीज ठीक हो जा रहा है और सबसे बड़ी बात फेफड़ों इसका असर बहुत कम है। मगर फिर भी सावधानी जरूरी है खासतौर पर बंद जगह में जैसे मेट्रो-बस। यह बात भी समझनी जरूरी है कि वायरस हल्का इसलिए पड़ गया है, क्योंकि बड़ी जनसंख्या ने वैक्सीन की दोनों डोज ली हैं। मगर इसका असर एक तय समय के लिए रहता है, इसलिए जिनकी बूस्टर डोज या तीसरी डोज बाकी है, वो जरूर ले लें।

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