अगर सब कुछ ठीक रहा तो काँग्रेस को राहुल गांधी के रूप में एक नया पार्टी अध्यक्ष मिल जाएगा। रविवार को काँग्रेस के हेडक्वारटेर में एक मीटिंग हुई थी जिसमे राहुल के नामांकन पर चर्चा की गयी थी।
आज सुबह उन्होने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन करने की आज आखरी तारीख है, और उम्मीद की जा रही है कि कोई भी शख्स राहुल के खिलाफ खड़ा नही होगा। अगर ऐसा होता है तो कल स्क्रूटनी के बाद वो निर्विरोध चुनाव जीत जाएंगे। इस तरह राहुल नेहरू गांधी परिवार के छठे सदस्य होंगे जिनके हाथों में काँग्रेस की बाग़ डोर होगी।
राहुल को इन नेताओं का सबसे ज़्यादा समर्थन मिल रहा है
- आज नामांकन के वक़्त राहुल के साथ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह भी थे।
- वारिष्ठ नेता कमलनाथ, शीला दीक्षित, मोतीलाल वोरा और तरुण गोगोई राहुल के प्रस्तावक बने।
- मनमोहन सिंह ने कहा कि “19 साल तक सोनिया गांधी ने कांग्रेस को लीड किया। राहुल गांधी कांग्रेस के चहेते हैं, अब उनकी अगुआई में पार्टी महान परंपरा को आगे बढ़ाएगी।“
- वहीं नवजोत सिंह सिद्धू ने उन्हे शेर की उपाधी दी। उन्होने कहा “राहुल भाई कांग्रेस के खास हैं। लीडर वो है, जो मुश्किल वक्त में लड़े। 100 भेड़ों के आगे एक शेर लगा दो तो भेडें शेर हो जाती हैं। 100 शेरों के आगे एक भेड़ लगा तो शेर ढेर हो जाते हैं। यहां शेर नहीं बब्बर शेर है।”
- इलेक्शन की प्रक्रिया पर उठाए जा रहे सवालों पर मीडिया ने जवाब मांगा तो वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा, “क्या बीजेपी के प्रेसिडेंट चुने गए थे? क्या नितिन गडकरी को बैलट प्रॉसेस से चुना गया था? पहले उनसे जाकर पूछो।”
आसान नही है राह कुर्सी की
राहुल गांधी अगर निर्विरोध भी काँग्रेस के पार्टी अध्यक्ष बन जाते हैं तब भी उनके लिए आगे का रास्ता काफी मुश्किलों भरा है। पार्टी नेताओं को उनसे बहुत उम्मीदें हैं, और सब चाहते हैं कि अब पार्टी में एक नयी ऊर्जा भर दी जाए।
राहुल पर अपनी माँ सोनिया गांधी के नक्शे कदम पर चलने का दबाव होगा। कांग्रेस में सोनिया सबसे ज्यादा 19 साल से अध्यक्ष हैं।
ये भी गौर करने लायक
- 7 साल बाद पार्टी में चुनाव, अध्यक्ष बनने वाले नेहरू-गांधी परिवार के छठे शख्स होंगे राहुल।
- 132 साल में नेहरू-गांधी परिवार 44 साल अध्यक्ष रहा; मोतीलाल से राजीव तक 25 साल रहे।
- परिवार में पं. नेहरू सबसे कम 40 साल की उम्र में तो सोनिया सबसे ज्यादा 52 की उम्र में अध्यक्ष बनीं।
- जनवरी, 2013 में कांग्रेस उपाध्यक्ष चुने गए थे राहुल, तब से कांग्रेस करीब 27 चुनावों में हारी।
- कांग्रेस में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनने वाले राहुल तीसरे नेता हैं। उनसे पहले उपाध्यक्ष रहे दो नेताओं का पॉलिटिकल करियर ज्यादा ऊंचाई हासिल नहीं कर पाया। 1986 में अर्जुन सिंह और 1997 में जितेंद्र प्रसाद इस पद पर रहे थे, लेकिन दोनों किसी और ऊंचे मुकाम पर नहीं पहुंच सके।
सोनिया गांधी का रिटायरमेंट अभी नहीं
सोनिया कांग्रेस में मुख्य संरक्षक की भूमिका में रह सकती हैं। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने 20 नवंबर को कहा था, “सोनिया जी हमारी नेता और मार्गदर्शक हैं। उनका कुशल नेतृत्व और दिशा-निर्देश हमेशा उपलब्ध रहेंगे।“