कर्नाटक दौरे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बीजेपी को देंगे करारी टक्कर

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कर्नाटक की सत्ता को बरकार रखने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राज्य के चार दिवसीय दौरे पर हैं. इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के सियासी माहौल को कांग्रेस के पक्ष में बनाने के लिए उन्होंने चार राजनीतिक प्रयोग किए हैं.

दो महीने बाद ही कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. राहुल गांधी ने अपने मिशन कर्नाटक की शुरुआत कांग्रेस की मजबूत पकड़ वाले हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र से की. इस इलाके की कुल 40 सीटों में से 23 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेस, राज्य की सत्ता पर दोबारा से काबिज होने के लिए बेताब है तो वहीं बीजेपी बीएस येदुरप्पा के नेतृत्व में सत्ता में फिर से वापसी के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है.

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बता दें कि दूसरी तरफ़ राहुल बीजेपी के कोर वोट लिंगायत को कांग्रेस के पाले में लाने की कोशिश करेंगे. कर्नाटक में पहले चरण का प्रचार अभियान ऐसी जगहों में रहेगा जहां लिंगायत की आबादी सबसे ज्यादा है.

राहुल गाँधी लिंगायतों को कांग्रेस की तरफ करने की पुरज़ोर कोशिश में है. बताया जा रहा है कि राज्य में लिंगायत समुदाय करीब १८ फीसदी हैं. लिंगायतों को बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है. यही वजह है कि राहुल गाँधी ने राज्य के लिंगायत समुदाय के वर्चस्व वाले 6 जिलों में यात्रा की. राहुल चार दिवसीय दौरे में लिंगायत समुदाय से जुड़े धार्मिक मठों पर गए. वो होसपेट स्थित हुलीगामा (शक्ति) मंदिर, कोप्पल में गवी सिद्धेश्वरा मठ और बसावाकल्याण स्थित अनुभवा मंटपा भी गए.

गुजरात की तरह कर्नाटक में राहुल गांधी सिर्फ ‘सॉफ्ट हिंदुत्‍व’ की राजनीति ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि धर्मनिरपेक्ष कार्ड खेल रहे हैं. यहां भी वह मंदिर और मस्जिद दौरे के बहाने हिंदू-मुस्लिम दोनों को साधने में जुटे हुए हैं. कर्नाटक में मुस्लिम आबादी १२ फीसदी है. इसीलिए राहुल कर्नाटक में मुस्लिमों को दरकिनार करने की गलती नहीं कर सकते. इसी के मद्देनजर वो  दोनों समुदायों के धार्मिक स्थलों पर माथा टेकते हुए नजर आ रहे हैं.

राहुल गांधी कर्नाटक यात्रा के दौरान राज्य के किसानों और आदिवासियों के बीच भी गए. राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुये वहां की जनता से कहा वो झूठे वादे करते हैं, झूठे सपने दिखाते हैं और उनपर भरोसा करके आपको कोई फायदा नहीं मिलने वाला है, कांग्रेस पार्टी जो कहती है वो करती है नरेंद्र मोदी जी के शब्द खोखले हैं, वो जो कहते है वो करते नहीं है.