गुर्जर और राजपूत समुदाय के लिए, बीजेपी लेने जा रही है एक बड़ा फैसला

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जयपुर: विधानसभा चुनाव को लेकर जहां सभी पार्टियों सक्रिय दिखाई दे रही है. वहीं राजस्थान सरकार इस साल के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए क्षतिपूर्ति कार्य में जुटी है. नाराज गुर्जर और राजपूत समुदाय के लोगों को सरकार मनाने के कार्य में लगी हुई है.

सरकार द्वारा दो बड़े फैसले

बता दें कि राजस्थान के ये दोनों समुदाय पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के वोटर भी रहा चुके है. इसके चलते सरकार द्वारा इन समुदाय के लोगों के लिए दो अहम फैसले लिए गए है. यहां सरकार से नाराजगी के चलते, 2 जुलाई को सरकार द्वारा दो बड़े और अहम फैसले लिए गए. पहला फैसला यह लिया गया कि गुर्जर समुदाय को ओबीसी और एमबीसी में आरक्षण देने को मंजूर हो गई है. वहीं दूसरा फैसला राजपूतों के खिलाफ दर्ज हुए मामलों को भी वापसी लेने को सरकार तैयार हो गई है.

Gujjar community -

जानकारी के मुताबिक, साल 2017 में नागौर जिले के सनवद गांव में हुई हिंसा की वजह से पुलिस ने 24 राजपूतों के खिलाफ मुकादम दर्ज किया था. इसमें राजपूत समुदाय के दिग्गज गिरिराज सिंह लोटवाड़ा और लोकेंद्र सिंह कलवी के खिलाफ भीड़ को भड़काने और दंगा फैलने के मामले को लेकर आरोप लगे और केस दर्ज किया गया. बता दें इन सभी लोगों ने पुलिस द्वारा राजपूत समुदाय के अपराधी आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था. इसी मामले को लेकर सोमवार को भाजपा के कुछ राजपूत नेताओं ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से इस मामले को लेकर मुलाकात की ओर मांग की मामला वापसी ले लिया जाए.

सुरेंद्र सिंह शेखावत का बयान

इन नेताओं ने मुलाकात के दौरान मांग पेश करते हुए कहा कि पुलिस ने निर्दोष लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इस मामले पर बीजेपी युवा मोर्चा प्रशिक्षण सेल के राज्य समन्वयक सुरेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हजारों लोगों के खिलाफ केस दर्ज किये गए है क्योंकि उन्होंने पुलिस एनकाउंटर में मारे गए आनंदपाल सिंह की मौत के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था. उन्होंने कहा कि हमने सीएम  वसुंधरा राजे से सहानुभूतिपूर्वक इस मामले को वापसे लेने की गुजारिश की है. उन्हें इस मामले को लेकर विचार करने के लिए भी कहा. वहीं बाद में नियमों के मुताबिक केस वापिस लेने का आश्वासन दिया.