CM गहलोत के कट्टर समर्थक खाचरियावास से मिले पायलट, राजस्थान की सियासत में क्या पक रहा है?

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CM गहलोत के कट्टर समर्थक खाचरियावास से मिले पायलट, राजस्थान की सियासत में क्या पक रहा है?

CM गहलोत के कट्टर समर्थक खाचरियावास से मिले पायलट, राजस्थान की सियासत में क्या पक रहा है?

जयपुर: प्रदेश कांग्रेस में घमासान और आरोप-प्रत्यारोपों के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने प्रताप सिंह खाचरियावास से मुलाकात की। सोमवार देर शाम को अचानक सचिन पायलट अपनी गाड़ी से प्रताप सिंह खाचरियावास के उनके सरकारी आवास पर पहुंचे। वहां पर करीब डेढ घंटे तक पायलट और खाचरियावास में सियासी चर्चाएं हुई। रात दस बजे पायलट खाचरियावास के बंगले से वापस लौटे। यह मुलाकात अचानक हुई। मंगलवार दोपहर बाद प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मुलाकात की पुष्टि की। पायलट और खाचरियावास की मीटिंग के अगले ही दिन सचिन पायलट दिल्ली लौट गए।

भजन-कीर्तन तो नहीं हुए, सियासी चर्चाएं हुई
मंगलवार दोपहर बाद प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस बात की पुष्टि की कि पायलट उनके घर आए थे। जब उनसे यह पूछा गया कि पायलट और आपके बीच क्या बातें हुई। इसके जवाब में खाचरियावास ने यहा कि सचिन पायलट मेरे घर आए हैं तो भजन कीर्तन करने तो नहीं आए। जाहिर तौर पर वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य पर चर्चा करने आए थे। डेढ घंटे तक हमने प्रदेश के सियासी हालात पर चर्चा की। खाचरियावास ने यह भी कहा कि हमारे बीच क्या क्या बातें हुई, यह तो मैं बता नहीं सकता।

पायलट के खिलाफ खुलेआम बयान दे चुके हैं खाचरियावास
पिछले 10 दिनों में गहलोत गुट के कई नेताओं ने सचिन पायलट के खिलाफ मोर्चा खोला और खुलकर बयानबाजी की। पायलट को गद्दार तक करार दिया गया था। ऐसी बयानबाजी करने वालों में प्रताप सिंह खाचरियावास भी पीछे नहीं थे। उन्होंने भी कहा था कि सचिन पायलट कांग्रेस सरकार को गिराने के षड़यंत्र में शामिल थे। जो लोग सरकार गिराने के षड़यंत्र में शामिल थे, वे मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं है। खाचरियावास ने यह भी कहा था कि अगर पायलट मुख्यमंत्री बन गए तो सरकार बचाने वाले 102 विधायक डर के साये में रहेंगे। कई मंत्रियों को भी यही डर है कि पायलट आ गए तो उन्हें भगा देंगे।

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कभी पायलट के खासमखास हुआ करते थे प्रताप सिंह
जनवरी 2014 में जब सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने थे तब से प्रताप सिंह खाचरियावास सचिन पायलट के समर्थक थे। जुलाई 2020 में जब सचिन पायलट ने बगावती तेवर दिखाए थे। उस दौरान खाचरियावास ने पाला बदल लिया। वे पायलट का समर्थन करने के बजाय गहलोत के समर्थन में आ गए थे। खाचरियावास की ओर से खेमा बदलना सचिन पायलट के लिए काफी आश्चर्यजनक रहा। सब जानते हैं कि प्रताप सिंह खाचरियावास को मंत्रिमंडल में शामिल कराने के लिए सचिन पायलट अड़ गए थे। पायलट की जिद के कारण ही उन्हें मंत्री बनाया गया।

खाचरियावास को मैनेज करने की सियासी चर्चाएं
मुख्यमंत्री के रूप में सचिन पायलट का विरोध करने वालों में प्रताप सिंह खाचरियावास सबसे आगे हैं। तमाम गालियां सुनने के बावजूद भी सचिन पायलट शांत रहे। अब सचिन पायलट का अचानक खाचरियावास के आवास पर जाना और सियासी चर्चाएं करने के बाद राजनैतिक गलियारों में यही चर्चाएं चल रही है कि पायलट खाचरियावास को मैनेज करने में जुटे हैं। लोगों के जहन में एक ही सवाल उठ रहा है कि पूरे पायलट गुट के खिलाफ मुखर रहने वाले खाचरियावास क्या फिर से पाला बदलने वाले हैं। वर्तमान परिदृश्य में ऐसा नहीं लग रहा लेकिन अशोक गहलोत की उस बात में दम है कि राजनीति में जो होता है, वह दिखाई नहीं देता और जो दिखाई देता है, वह होता नहीं है।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़

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