| CM ऑफिस नहीं जा सकेंगे अरविंद केजरीवाल, सुप्रीम कोर्ट ने 'इन' 5 शर्तों पर दी अंतरिम जमानत | Navabharat (नवभारत) h3>
सुप्रीम कोर्ट ने अरविन्द केजरीवाल को बड़ी राहत देते हुए शुक्रवार को उन्हें मौजूदा लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दे दी। कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार केजरीवाल को दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा और वापस जेल जाना होगा
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली शराब घोटाले (Delhi Liquor Policy Case) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को बड़ी राहत मिली है। सर्वाच्च अदालत ने कुछ शर्तों के साथ केजरीवाल को एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है। अदालत ने जमानत देते हुए कहा कि इस दौरान केजरीवाल वह वर्तमान मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे और वह किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे।
He will not make any comment with regard to his role in the present case and he will not interact with any of the witnesses and/or have access to any official files connected with the case.
— ANI (@ANI) May 10, 2024
SC ने इन शर्तों पर दी जमानत
1) केजरीवाल को 50 हजार रुपये के जमानत बॉन्ड के साथ इतनी ही राशि की जमानत भी जमा करनी होगी।
2) वह (केजरीवाल) मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं करेंगे।
3) वह (केजरीवाल) अपनी ओर से दिए गए बयान से बाध्य होंगे कि वह आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जब तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक न हो।
4) वह (केजरीवाल) वर्तमान मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
5) वह किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे और मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उनकी पहुंच नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अरविन्द केजरीवाल को बड़ी राहत देते हुए शुक्रवार को उन्हें मौजूदा लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दे दी। कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार केजरीवाल को दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा और वापस जेल जाना होगा। एक जून सात चरण के लोकसभा चुनाव के मतदान आखिरी दिन है। मतगणना चार जून को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता हैं। कोर्ट ने कहा, “इसमें कोई शक नहीं, गंभीर आरोप लगाए गए हैं, लेकिन उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह समाज के लिए खतरा नहीं है।” सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अंतरिम जमानत देने को मामले की योग्यता या आपराधिक अपील पर राय की अभिव्यक्ति के रूप में नहीं माना जाएगा जो उसके समक्ष विचाराधीन है।