#climateMasterPlan: खतरे में क्लाइमेट, एक्शन में इंदौर….

11
#climateMasterPlan: खतरे में क्लाइमेट, एक्शन में इंदौर….

#climateMasterPlan: खतरे में क्लाइमेट, एक्शन में इंदौर….


शहर में प्रदूषण का बड़ा खतरा है। अभी इंडस्ट्री से 59, ट्रांसपोर्ट से 30 व अन्य वेस्ट से 11 प्रतिशत प्रदूषण फैल रहा है। ऐसी ही स्थिति रही तो आने वाले कुछ समय में वातावरण का टेम्प्रेचर 1.5 फीसदी बढ़ जाएगा। इंदौर नगर निगम ने इस खतरे से निपटने के लिए लोकल क्लाइमेट एक्शन प्लान 2050 तैयार कर काम शुरू कर दिया है।

दुबई में आयोजित विश्व जलवायु शिखर सम्मेलन में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने लोकल क्लाइमेट एक्शन प्लान 2050 पेश किया है। देशभर से शामिल हुए महापौर में से स्वच्छता में छह साल से नंबर वन इंदौर के महापौर को पक्ष रखने का मौका मिला। उन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि इंदौर में एक्शन प्लान पर काम शुरू कर दिया है।

दुबई से लौटकर पत्रिका कार्यालय आए महापौर भार्गव ने एक्शन प्लान पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि नगर निगम की ओर से प्रदूषण कम करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। हालांकि अभी जिस तरह के प्रयास चल रहे हैं, उससे वर्ष 2050 तक 44 प्रतिशत प्रदूषण में कमी का आंकलन हैै। सोलर एनर्जी, पॉवर जनरेशन पर ध्यान देकर बड़े प्रोजेक्ट पर काम करना होगा। जरूरत पढ़ने पर इसके लिए लोन भी लिया जाएगा। बड़े प्रोजेक्ट लाए जाते हैं तभी 80 प्रतिशत तक प्रदूषण कम कर पाएंगे। प्रदूषण को शून्य करने के लिए और काम करने होंगे। नगर निगम ने इसकी तैयारी कर ली है। साथ ही काम भी चल रहा है।

इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन कम करने के लिए सोलर व ग्रीन एनर्जी पर जोर देना होगा। प्रयास होगा कि लोग थर्मल एनर्जी का इस्तेमाल कम करें, सोलर एनर्जी पर ज्यादा जाएं।

ट्रांसपोर्टेशन के प्रदूषण को कम करने के लिए ईवी (इलेक्ट्रिकल व्हीकल) पर जाना होगा। सबसे पहले निगम के डीजल-पेट्रोल वाहनों को ईवी में कन्वर्ट करेंगे। कचरा वाहन व सिटी बसें भी ईवी होंगी।

वेस्ट सिस्टम को बदलने के लिए काम होगा। फ्लड वाटर, स्टॉर्म वाटर के ट्रीटमेंट प्लांट बनाएंगे, पानी का री-यूज बढ़ाएंगे।

इन कारणों से हो रहा ज्यादा प्रदूषण

शहर में वातावरण की खराबी, प्रदूषण के बड़े कारणों को नगर निगम ने चिन्हित किया है। प्रेजेंटेशन के जरिए इसे दुनिया के सामने रखने के साथ सुधार के प्रयासों की जानकारी भी दी गई। महापौर ने बताया कि शहर के लिए प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण इंडस्ट्री है। इसमें उद्योगों का कचरा शामिल है। इससे 59 प्रतिशत प्रदूषण फैल रहा है। दूसरा बड़ा कारण वाहनों से होने वाला प्रदूषण है। तीसरा कारण रहवासी क्षेत्र का वेस्ट है।

शुरुआती प्रयासों से हुई आय

– कचरे को क्लीन स्वीप कर प्रदूषण रोकने से निगम को 0.3 मिलियन डॉलर वार्षिक आय हुई।

– कार्बन क्रेडिट से 1 मिलियन डॉलर मिले।

– ग्रीन बांड जारी कर 86 मिलियन डॉलर इकट्ठा किए।

मध्यप्रदेश की और खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News