CJI रमना ने की इंदिरा पर इलाहाबाद HC के साहसिक फैसले की तारीफ, बोले-बदली दी देश की दिशा

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CJI रमना ने की इंदिरा पर इलाहाबाद HC के साहसिक फैसले की तारीफ, बोले-बदली दी देश की दिशा

हाइलाइट्स

  • तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी को अयोग्य घोषित करने का फैसला साहसिक-सीजेआई
  • इस फैसले ने पूरे देश को हिला दिया था-सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना
  • ‘अंग्रेजों के जाने के बाद अदालतों को नहीं मिल सका अच्छा बुनियादी ढांचा’

प्रयागराज
इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना (cji nv ramana) ने कहा कि इस अदालत का गौरवशाली इतिहास रहा है। सीजेआई ने कहा कि 1975 में इसी कोर्ट के जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा ने चुनावी कदाचार के आरोप में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी को अयोग्य घोषित करने का साहसिक फैसला दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि इस फैसले ने पूरे देश को हिला दिया था और बाद में देश में आपातकाल लागू किए जाने की वजह भी बना। वह यहां यूपी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, एडवोकेट चैंबर और मल्टीलेवल पार्किंग के शिलान्यास कार्यक्रम में आए हुए थे।

क्या था इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला?
गौरतलब है कि 1971 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी ने राय बरेली सीट से जीत हासिल की थी। उनके खिलाफ राज नारायण चुनाव में उतरे थे। उन्होंने इस नतीजे को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि इंदिरा गांधी के चुनाव एजेंट यशपाल कपूर एक सरकारी अधिकारी थे, जिनका इस्तेमाल इंदिरा गांधी ने अपने निजी चुनाव संबंधित कामों में किया था। इस पर इंदिरा गांधी को लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत अपने पद से हाथ धोना पड़ा था।

‘अंग्रेजों के जाने के बाद अदालतों को नहीं मिल सका अच्छा बुनियादी ढांचा’
चीफ जस्टिस ने कहा कि अंग्रेजों के जाने के बाद अदालतों को अच्छा बुनियादी ढांचा नहीं मिल सका। अदालत में यह स्थिति कर्मचारियों और न्यायाधीशों के लिए अप्रिय माहौल बनाती है जिससे उन्हें अपना काम प्रभावी ढंग से करने में मुश्किल होती है।

राष्ट्रपति बोले, फैसले लोगों को समझ आनेवाली भाषा में हों
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बतौर मुख्य अतिथि 640.37 करोड़ से निर्मित होने वाले विश्वविद्यालय, एडवोकेट चैंबर और मल्टीलेवल पार्किंग का शिलान्यास किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने न्याय व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, जन-जन को सरलता, सहजता से न्याय दिलाने और न्याय व्यवस्था को कम खर्चीला बनाने पर जोर दिया।

सीएम योगी और कानून मंत्री किरन रिजिजू भी रहे मौजूद
वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं कानून मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि विश्वविद्यालय में एक हजार से अधिक छात्र शिक्षा प्राप्त करेंगे। कहा कि आर्बिट्रेशन और मीडिएशन के क्षेत्र में हम नई पहल कर रहे हैं। हम रिटायर्ड जजों का भी योगदान चाहते हैं।



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