थैलेसीमिया से जूझ रहे बच्चों को इंदौर में मिलेगा फ्री इलाज | Children suffering from Thalassemia will get free treatment in Indore | Patrika News
पीड़ित बच्चों का इलाज आयुष्मान भारत बीमा योजना से करवाने का प्रस्ताव
इंदौर
Published: November 19, 2022 01:28:42 am
इंदौर. थैलेसीमिया पीडि़त बच्चों के इलाज के लिए प्रशासन ने नि:शुल्क सेंटर बनाए हैं। इनका संचालन और दवाई खर्च जुटाना प्रशासन व अभिभावक दोनों के लिए मुश्किल होता है। ऐसे बच्चों का इलाज सरकारी बीमा योजना आयुष्मान भारत से कराने की पहल करते हुए प्रशासन सरकार को प्रस्ताव भेज रहा है। सरकार इस संवेदनशील पहल को मंजूरी देगी तो शहर के बच्चों को तो आयुष्मान बनाने में बड़ी मदद मिलेगी, देश के लाखों पीडि़त बच्चों के लिए भी वरदान साबित होगी। बता दें, पीडि़त बच्चों के इलाज में हर माह मेडिसिन पैकेज पर ही 10 से 25 हजार रुपए और अतिरिक्त ब्लड की व्यवस्था करनी होती है। शहर में सामाजिक संस्थाएं कई वर्ष से पीडि़तों की मदद कर रही है। पिछले दिनों प्रशासन ने इनके सहयोग के लिए खजराना गणेश और रणजीत हनुमान मंदिर में इलाज के लिए दो सेंटर बनाए हैं। यहां गरीब वर्ग के बच्चों को ही मदद दी जा रही है। सामान्य वर्ग के लिए कमेटी इसके लिए पात्र तय करती है। दोनों सेंटर के संचालक कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी. से मिलने पहुंचे थे। कलेक्टर ने उन्हें हरसंभव मदद के लिए आश्वस्त किया। इसके बाद उन्होंने अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर से जानकारी ली कि इसका इलाज आयुष्मान योजना से कैसे संभव हो सकता है? उन्होंने आयुष्मान योजना के निदेशक से चर्चा की और अपर कलेक्टर को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। इसमें प्रयास किया गया है कि सभी श्रेणी के मरीजों को यह सुविधा मिल सके। सरकार से मंजूरी मिलने पर आयुष्मान कार्ड बनाकर मरीज किसी भी हाॅस्पिटल में इलाज करा सकेंगे। डॉ. बेडेकर के अनुसार, दोनों सेंटर पर हर माह दवाई के लिए 100 से ज्यादा पीडि़त पहुंच रहे हैं। प्रशासन पीड़ित बच्चों का प्रदेश स्तर पर डाटा बैंक बनाने के लिए विशेष ऐप क्योर थैलेसीमिया भी तैयार कर रहा है। थैलेसीमिया व सिकल सेल एसोसिएशन के सुधीर मंदवानी का कहना है कि सरकार यदि इतना सहयोग कर दे तो पीडि़तों को बड़ी राहत मिलेगी।
स्थाई इलाज की व्यवस्था होगी
कलेक्टर राजा के अनुसार, इस बीमारी का स्थाई इलाज बोन मैरो ट्रांसप्लांट होता है। सुपर स्पेशिएलिटी हाॅस्पिटल में इसका सेंटर बना रहे हैं। इसे जल्द शुरू कर दिया जाएगा। हर माह लगने वाले खर्च का इंतजाम आयुष्मान योजना से हो जाए तो पीडि़तों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा महंगी मेडिसिन पब्लिक हेल्थ बजट से उपलब्ध करवाने का सुझाव भी दे रहे हैं।
यह है थैलेसीमिया
थैलेसीमिया असामान्य ब्लड डिसऑर्डर है। यह आनुवांशिक स्थिति है और बचपन में ही इसका निदान किया जा सकता है। गंभीर पीड़ितों के लिए स्टेम सेल यानी बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही उपचार है।
थैलेसीमिया से जूझ रहे बच्चों को इंदौर में मिलेगा फ्री इलाज
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पीड़ित बच्चों का इलाज आयुष्मान भारत बीमा योजना से करवाने का प्रस्ताव
इंदौर
Published: November 19, 2022 01:28:42 am
इंदौर. थैलेसीमिया पीडि़त बच्चों के इलाज के लिए प्रशासन ने नि:शुल्क सेंटर बनाए हैं। इनका संचालन और दवाई खर्च जुटाना प्रशासन व अभिभावक दोनों के लिए मुश्किल होता है। ऐसे बच्चों का इलाज सरकारी बीमा योजना आयुष्मान भारत से कराने की पहल करते हुए प्रशासन सरकार को प्रस्ताव भेज रहा है। सरकार इस संवेदनशील पहल को मंजूरी देगी तो शहर के बच्चों को तो आयुष्मान बनाने में बड़ी मदद मिलेगी, देश के लाखों पीडि़त बच्चों के लिए भी वरदान साबित होगी। बता दें, पीडि़त बच्चों के इलाज में हर माह मेडिसिन पैकेज पर ही 10 से 25 हजार रुपए और अतिरिक्त ब्लड की व्यवस्था करनी होती है। शहर में सामाजिक संस्थाएं कई वर्ष से पीडि़तों की मदद कर रही है। पिछले दिनों प्रशासन ने इनके सहयोग के लिए खजराना गणेश और रणजीत हनुमान मंदिर में इलाज के लिए दो सेंटर बनाए हैं। यहां गरीब वर्ग के बच्चों को ही मदद दी जा रही है। सामान्य वर्ग के लिए कमेटी इसके लिए पात्र तय करती है। दोनों सेंटर के संचालक कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी. से मिलने पहुंचे थे। कलेक्टर ने उन्हें हरसंभव मदद के लिए आश्वस्त किया। इसके बाद उन्होंने अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर से जानकारी ली कि इसका इलाज आयुष्मान योजना से कैसे संभव हो सकता है? उन्होंने आयुष्मान योजना के निदेशक से चर्चा की और अपर कलेक्टर को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। इसमें प्रयास किया गया है कि सभी श्रेणी के मरीजों को यह सुविधा मिल सके। सरकार से मंजूरी मिलने पर आयुष्मान कार्ड बनाकर मरीज किसी भी हाॅस्पिटल में इलाज करा सकेंगे। डॉ. बेडेकर के अनुसार, दोनों सेंटर पर हर माह दवाई के लिए 100 से ज्यादा पीडि़त पहुंच रहे हैं। प्रशासन पीड़ित बच्चों का प्रदेश स्तर पर डाटा बैंक बनाने के लिए विशेष ऐप क्योर थैलेसीमिया भी तैयार कर रहा है। थैलेसीमिया व सिकल सेल एसोसिएशन के सुधीर मंदवानी का कहना है कि सरकार यदि इतना सहयोग कर दे तो पीडि़तों को बड़ी राहत मिलेगी।
स्थाई इलाज की व्यवस्था होगी
कलेक्टर राजा के अनुसार, इस बीमारी का स्थाई इलाज बोन मैरो ट्रांसप्लांट होता है। सुपर स्पेशिएलिटी हाॅस्पिटल में इसका सेंटर बना रहे हैं। इसे जल्द शुरू कर दिया जाएगा। हर माह लगने वाले खर्च का इंतजाम आयुष्मान योजना से हो जाए तो पीडि़तों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा महंगी मेडिसिन पब्लिक हेल्थ बजट से उपलब्ध करवाने का सुझाव भी दे रहे हैं।
यह है थैलेसीमिया
थैलेसीमिया असामान्य ब्लड डिसऑर्डर है। यह आनुवांशिक स्थिति है और बचपन में ही इसका निदान किया जा सकता है। गंभीर पीड़ितों के लिए स्टेम सेल यानी बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही उपचार है।
थैलेसीमिया से जूझ रहे बच्चों को इंदौर में मिलेगा फ्री इलाज
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