Chhatarpur Borewell Rescue: दीपेंद्र ने जीत ली जिंदगी की जंग, अस्पताल पहुंचाने में एंबुलेंस ने दिया धोखा तो धक्का लगाते दिखे पुलिसकर्मी h3>
छतरपुर: पांच साल के मासूम दीपेंद्र यादव (borewell rescue update news) को लगभग आठ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बोरवेल से सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। बोरवेल से बाहर आने के बाद दीपेंद्र बेहोश था। उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था। इस दौरान रास्ते में कुछ ऐसा हुआ, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। रास्ते में ही दीपेंद्र का एंबुलेंस खराब हो गया। इसके बाद साथ चल रहे सुरक्षाकर्मी उसे धक्का देते नजर आए हैं। धक्का लगाते स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है।
बताया जा रहा है कि धक्का लगाने के बाद भी जब एंबुलेंस स्टार्ट नहीं हुई तो उसे वहीं छोड़ दिया गया। इसके बाद छतरपुर एसपी सचिन शर्मा की गाड़ी से बच्चे और उसके माता-पिता को अस्पताल ले जाया गया है। बच्चे का इलाज छतरपुर जिला अस्पताल में चल रहा है। अभी वह स्वस्थ है। मगर एंबुलेंस खराब होने की घटना के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। दीपेंद्र के बोरवेल से बाहर आते ही स्वास्थ्य के हिसाब से एक-एक मिनट अहम था। दीपेंद्र को जल्द से जल्द मेडिसन की जरूरत थी। ऐसे में जरा सी भी चूक भारी पड़ सकती थी। गनीमत यह रही है कि दीपेंद्र जिंदगी की जंग जीत गया।
एंबुलेंस का टूट गया था एक्सल
एंबुलेंस के ड्राइवर ने बताया कि अचानक गाड़ी का एक्सल टूट गया, जिस वजह से गाड़ी आगे नहीं जा सका। अब सवाल यह उठता है कि बड़ी घटना में इतनी खस्ता हाल एंबुलेंस क्यों भेजी गई जो कुछ किलोमीटर का ही सफर तय नहीं कर सकी जबकि घटना स्थल से जिला अस्पताल की दूरी महज 10 किलोमीटर थी।
सीएम ने माता-पिता से की बात
वहीं, दीपेंद्र को बाहर निकाले जाने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉल पर उसके माता-पिता से बात की है। साथ ही बच्चे के स्वास्थ्य का हाल जाना है। बोरवेल में गिरते ही मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। इसकी वजह से दीपेंद्र को बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
बताया जा रहा है कि धक्का लगाने के बाद भी जब एंबुलेंस स्टार्ट नहीं हुई तो उसे वहीं छोड़ दिया गया। इसके बाद छतरपुर एसपी सचिन शर्मा की गाड़ी से बच्चे और उसके माता-पिता को अस्पताल ले जाया गया है। बच्चे का इलाज छतरपुर जिला अस्पताल में चल रहा है। अभी वह स्वस्थ है। मगर एंबुलेंस खराब होने की घटना के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। दीपेंद्र के बोरवेल से बाहर आते ही स्वास्थ्य के हिसाब से एक-एक मिनट अहम था। दीपेंद्र को जल्द से जल्द मेडिसन की जरूरत थी। ऐसे में जरा सी भी चूक भारी पड़ सकती थी। गनीमत यह रही है कि दीपेंद्र जिंदगी की जंग जीत गया।
एंबुलेंस का टूट गया था एक्सल
एंबुलेंस के ड्राइवर ने बताया कि अचानक गाड़ी का एक्सल टूट गया, जिस वजह से गाड़ी आगे नहीं जा सका। अब सवाल यह उठता है कि बड़ी घटना में इतनी खस्ता हाल एंबुलेंस क्यों भेजी गई जो कुछ किलोमीटर का ही सफर तय नहीं कर सकी जबकि घटना स्थल से जिला अस्पताल की दूरी महज 10 किलोमीटर थी।
सीएम ने माता-पिता से की बात
वहीं, दीपेंद्र को बाहर निकाले जाने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉल पर उसके माता-पिता से बात की है। साथ ही बच्चे के स्वास्थ्य का हाल जाना है। बोरवेल में गिरते ही मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। इसकी वजह से दीपेंद्र को बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।