Cheetah Good News: तब मौत को मात दी थी चीता आशा, अब भारत के लिए लाई खुशियां, लेकिन प्रेग्नेंसी से विशेषज्ञों को चिंता क्यों?

98
Cheetah Good News: तब मौत को मात दी थी चीता आशा, अब भारत के लिए लाई खुशियां, लेकिन प्रेग्नेंसी से विशेषज्ञों को चिंता क्यों?

Cheetah Good News: तब मौत को मात दी थी चीता आशा, अब भारत के लिए लाई खुशियां, लेकिन प्रेग्नेंसी से विशेषज्ञों को चिंता क्यों?

भोपाल: सात दशक बाद भारत की धरती पर नामीबिया (good news from kuno national park) से आठ चीते आए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर इन्हें कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। इस दौरान पीएम ने एक मादा चीता का नामकरण भी रखा था। उसके बारे में जानकार पीएम मोदी ने उस चीते का नाम आशा रखा था। नाम के अनुसार ही यह मादा चीता भारत की आशाओं पर खरी उतरी है। वन अधिकारियों के अनुसार नामीबिया से आई ‘आशा’ प्रेग्नेंट है। अगर यह सही साबित हुई तो जल्द कूनो में चीता के शावकों की किलकारी गूंजेगी होगी। ऐसा भारत में 70 साल के बाद होगा। ‘आशा’ ने भारत में एक नई उम्मीद जगाई है लेकिन विशेषज्ञों को चिंता है शावकों की मृत्यु दर को लेकर।

दरअसल, नामीबिया से आए चीतों का क्या नाम रखा जाए, पीएम मोदी इन दिनों इसे लेकर लोगों से सुझाव मांग रहे हैं। चीतों को बाड़े में रखा गया है। इस बीच एक अच्छी खबर आई है। नामीबिया से आई ‘आशा’ में प्रेग्नेंसी के संकेत मिले हैं। प्रेग्नेंट होने के संकेत मिलने के बाद भारत में चीता प्रोजेक्ट को लेकर एक नई उम्मीद जगी है। साथ ही भारत में चीतों की आबादी भी बढ़ेगी। कूनो में चीता प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहे अधिकारियों का कहना है कि ‘आशा’ के प्रेग्नेंट होने के सभी संकेत दिख रहे हैं। उसके व्यवहारिक, शारीरिक और हार्मोनल बदलाव से प्रेग्नेंसी को पुष्टि हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस बात की पुष्टि के लिए अक्टूबर के आखिरी तक हमें इंतजार करना होगा।

‘आशा’ दी थी मौत को मात
दरअसल, नामीबिया से जब आठ चीते आए थे, तब वहां से एक टीम भी आई थी। उस टीम के सदस्यों ने पीएम मोदी को बताया था कि आशा को करीब एक साल पहले नई जिंदगी मिली है। वह हवाई अड्डे के रनवे पर पहुंच गई थी और एक विमान से टकरा गई थी।

प्रेग्नेंट ‘आशा’ को चाहिए प्राइवेसी
चीता कंजर्वेशन फंड के कार्यकारी निदेशक लॉरी मार्कर ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा है कि अगर ‘आशा’ प्रेग्नेंट है तो वह उसका पहला मौका है। कहा जा रहा है कि वह नामीबिया के जंगल में ही गर्भ धारण की होगी। उसे जंगल में देखा गया था। उन्होंने कहा कि अगर उसके गर्भ में शावक पल रहे हैं तो उसे प्राइवेसी और शांत माहौल की जरूरत होगी। उसके आससपास कोई भी नहीं होना चाहिए। साथ ही बाड़े में खाने-पीने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘आशा’ जंगल से होकर आई है, ऐसे में संभव है कि वह गर्भवती हो सकती है। अगर यह बात सही साबित हुई तो चीता प्रोजेक्ट के लिए बेहद अहम होगा।

55 दिन का लगता है वक्त
दरअसल, चीता प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अभी के संकेत से यह प्रतीत हो रहा है कि वह गर्भवती है। हमें इसकी पुष्टि के लिए कुछ दिनों का इंतजार करना होगा। आम तौर पर इसकी पुष्टि के लिए 55 दिन का वक्त लगता है। साथ ही इसकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी।

विशेषज्ञों को है इस बात की चिंता
वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि चीता शावकों की मृत्यु दर सर्वाधिक होती है। यह 90 फीसदी तक होती है। यही वजह है कि महज 10 फीसदी ही चीता शावक जीवित रह पाते हैं। जन्म के समय उनका वजन 240 से 425 ग्राम तक होता है। वे देख भी नहीं पाते हैं। यही उनके लिए सबसे मुश्किल दौर होता है। मादा चीता अपने शावकों का देखभाल करीब डेढ़ साल तक करती है। शावक इस दौरान ज्यादा तेज नहीं चलते हैं।

चीता को देखने के लिए अभी और इंतजार
एमपी में एक अक्टूबर से सभी नेशनल पार्क खुल गए हैं। कूनो नेशनल पार्क को 15 अक्टूबर तक बंद रखा गया है। ‘आशा’ के प्रेग्नेंट होने की अगर पुष्टि हो जाती है तो चीतों के दीदार में अभी और वक्त लग सकता है। वहीं, कूनो प्रबंधन इस तैयारी में जुटी है कि चीतों के इलाके में गाड़ी की एंट्री नहीं होगी।

इसे भी पढ़ें
Good News: प्रेग्नेंट हो गई है नामीबिया से आई ‘आशा’, देश में चीतों की संख्या बढ़ने की जागी उम्मीदnavbharat times -Cheetah: प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी ने इन तीन सवालों पार मांगे हैं आपके सुझाव… चीता देखने का मिलेगा ट्रिप

उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News