Champa Singh Thapa: बालासाहेब ठाकरे के पीछे काले कपड़ों में चंपा सिंह थापा कौन, जानें तस्वीर के पीछे की कहानी

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Champa Singh Thapa: बालासाहेब ठाकरे के पीछे काले कपड़ों में चंपा सिंह थापा कौन, जानें तस्वीर के पीछे की कहानी

Champa Singh Thapa: बालासाहेब ठाकरे के पीछे काले कपड़ों में चंपा सिंह थापा कौन, जानें तस्वीर के पीछे की कहानी

मुंबई:बालासाहेब ठाकरे की एक आवाज मायानगरी की रफ्तार रोकने के लिए काफी हुआ करती थी। उन्हीं बालासाहेब के संग साए जैसा दिखने वाला एक शख्स चर्चा में आ गया है। हम बात कर रहे हैं चंपा सिंह थापा की। 17 नवंबर 2012 को शिवसेना संस्थापक का निधन होने तक चंपा सिंह थापा बाल ठाकरे के हर खास और आम पलों के गवाह रहे। चंपा सिंह थापा अक्सर बालासाहेब के पीछे दिखते थे। उनकी चौकन्नी नजर किसी ब्लैक कैट कमांडो की तरह आस-पास के माहौल को मानो भांपने में जुटी रहती थी। बालासाहेब के ‘ब्लैक कैट कमांडो ‘जैसे दिखने वाले चंपा सिंह थापा की एक तस्वीर काफी दिलचस्प है। इस फोटो में बालासाहेब के पीछे वह काले कपड़ों में नजर आ रहे हैं। आखिर चंपा सिंह क्यों बालासाहेब के लिए इतने स्पेशल थे। आइए जानते हैं….

कैसे मातोश्री में हुई चंपा सिंह की एंट्री
चंपा सिंह थापा जब 16 वर्ष के थे तब वह शिवसेना प्रमुख की सेवा में आए थे। नेपाल से मुंबई आए चंपा सिंह थापा का बालासाहेब के करीब पहुंचने का किस्सा भी बड़ा रोचक है। उस समय मुंबई के उपनगर भांडुप से शिवसेना के एक नगरसेवक (पार्षद) हुआ करते थे केटी थापा। केटी थापा अपने इलाके के बाहुबली तो थे ही साथ ही कबड्डी के बड़े अच्छे खिलाड़ी थे। उन्हीं के मार्फत थापा की मातोश्री में एंट्री हुई। थापा के दो बच्चे भी हैं। दोनों दुबई में रहते हैं। यदा-कदा वे अपने परिवार से मिलने आते हैं। थापा के लिए मातोश्री में बालासाहेब ठाकरे के कमरे के पास ही एक छोटा सा कमरा भी अलॉट किया गया था। धीरे-धीरे करके थापा ठाकरे परिवार का ही एक हिस्सा हो गए।

बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार में उद्धव ठाकरे के बाएं चंपा सिंह थापा

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27 साल तक बालासाहेब की अनवरत सेवा
2012 में बालासाहेब के निधन तक लगातार 27 साल तक चंपा उनकी सेवा करते रहे। बालासाहेब को खाना-पानी देने, समय पर दवा का इंतजाम, हमेशा साफ तौलिया तैयार रखने जैसे कई काम चंपा सिंह थापा ही करते थे। वह हमेशा बालासाहेब की सेवा में साये की तरह ही रहते थे। अक्सर लोग बालासाहेब तक अपनी बात पहुंचाने या उनकी खोज खबर लेने के लिए थापा से ही बात करते थे। बालासाहेब की संगत में रहते-रहते थापा को भी राजनीति का चस्का लग गया था। बहुत साल पहले जब नेपाल शिवसेना की स्थापना की गई थी, तो चंपा सिंह थापा को उसका मुख्य संरक्षक भी बनाया गया था।

CHAMPA SINGH THAPA

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अब शिंदे के साथ आए चंपा सिंह थापा
चंपा सिंह थापा अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाले शिवसेना गुट में शामिल हो गए हैं। सीएम एकनाथ शिंदे ने उनके साथ आने की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘चंपा सिंह थापा, जिन्हें शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की छाया माना जाता है और मोरेश्वर राजे, जिन्होंने मातोश्री पर लंबे समय तक सेवा की। दोनों लोगों ने आज टेम्बी नाका में जय अम्बे चैरिटी ट्रस्ट की दुर्गेश्वरी माता के आगमन जुलूस में हमारा समर्थन करने के अपने फैसले की घोषणा की है।’

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मातोश्री में कर दिए गए थे दरकिनार
बालासाहेब की पत्नी मीनाताई ठाकरे के निधन के बाद मातोश्री में उद्धव के परिवार का प्रभाव धीरे-धारे बढ़ने लगा था। पत्नी के निधन के बाद बालासाहेब भी विरक्त से हो चले थे। उद्धव का पर्सनल स्टाफ अब ज्यादा सक्रिय होने लगा था। मोबाइल क्रांति के चलते लैंडलाइन पर निर्भरता भी कम हो गई थी। इसलिए थापा और राजे मातोश्री के नेपथ्य में चले गए थे।

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बालासाहेब के पीए उद्धव के साथ
इन दोनों के अलावा बालासाहेब के पर्सनल स्टाफ में एक और महत्वपूर्ण व्यक्ति उनके पर्सनल सेक्रेटरी रवि म्हात्रे थे। रवि म्हात्रे ही बालासाहेब की मीटिंगों और रोजमर्रा की मुलाकातों को मैनेज करते थे। म्हात्रे ही बालासाहेब को अखबारों की खबरें पढ़कर सुनाते थे। बालासाहेब के निर्देश पर वह जरूरी खबरों की कतरनें काटते थे। उन खबरों को संबंधित जिम्मेदार लोगों तक बालासाहेब की रिमार्क के साथ पहुंचाते थे। शिवसेना के शाखा प्रमुखों, विभाग प्रमुखों और बालासाहेब के बीच रवि म्हात्रे एक सेतु का काम करते थे। वही रवि म्हात्रे इन दिनों उद्धव ठाकरे के साथ हैं। पिछले दिनों नेस्को मैदान पर शिवसेना के जिस गट प्रमुख सम्मेलन में उद्धव ने बीजेपी नेता और देश के गृहमंत्री अमित शाह को चैलेंज दिया था उसी मंच पर लंबे अरसे बाद रवि म्हात्रे बगल में फाइल दबाए दिखाई दिए थे। तब से यह कहा जा रहा है कि शायद उद्धव ने अपने विवादित हो चुके पीए मिलिंद नार्वेकर की जगह पर रवि म्हात्रे को तरजीह देना शुरू कर दिया है।

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