कलम के बल पर 800 करोड़ का चूना लगाने वाली ‘रोटोमैक कंपनी’ पर सीबीआई ने कसा शिकंजा

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पेन की मशहूर कंपनी रोटोमैक के खिलाफ सीबीआई ने 800 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले का केस दर्ज कर लिया है. कानपुर के कारोबारी और रोटोमैक पेन कंपनी के प्रमोटर विक्रम कोठारी पर इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया समेत कई सार्वजनिक बैंकों को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. विक्रम कोठारी पर आरोप है कि उन्होंने पांच सार्वजनिक बैंकों से 800 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज लिया था.

Rotomack company scam -

रोटोमैक पेन बनाने वाली कंपनी के प्रमोटर पर अलग-अलग सरकारी बैंकों से 800 करोड़ रुपये से अधिक का लोन लेकर भागने का आरोप है.  बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर रोटोमैक पेन कंपनी के प्रमोटर विक्रम कोठारी के खिलाफ सीबीआई ने कर्ज का भुगतान नहीं करने का मामला दर्ज किया है. इसके अलावा, जांच एजेंसी ने विक्रम कोठारी के दफ्तर और आवासीय परिसरों पर छापेमारी भी की है. सीबीआई अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि विक्रम कोठारी से भी पूछताछ की गई है. सूत्रों के अनुसार कोठारी को कर्ज देने में इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने नियमों के पालन में बड़े पैमाने पर ढिलाई की है.

खबर ये भी थी कि विक्रम कोठारी भी हीरा कारोबारी नीरव मोदी की तरह देश छोड़कर जाने वाला था. हालांकि, बाद में उन्होंने कैमरे पर खुद आकर यह साफ किया था कि वह कहीं नहीं गए हैं. एक दिन पहले ही वह कानपुर में एक शादी में नजर आए थे. खबरों के मुताबिक, कोठारी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 485 करोड़ रुपये और इलाहाबाद बैंक से 352 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. आपको बता दें कि कानपुर के मालरोड के सिटी सेंटर में रोटोमैक का ऑफिस है जो कि बहुत दिनों से बंद है.

पिछले साल कर्ज देने वाले बैंकों में शामिल बैंक ऑफ बड़ौदा ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को जानबूझकर ऋणचूक करने वाला (विलफुल डिफॉल्टर) घोषित किया था. वर्तमान जानकारी के मुताबिक विक्रम कोठारी ने कर्ज लेने के बाद कथित तौर पर ना तो मूलधन चुकाया और ना ही उस पर बना ब्याज. बैंकों पर भी आरोप है कि उन्होंने नियमों को तोड़कर विक्रम कोठारी को लोन दिया था.