CBI के खिलाफ कोर्ट जाएंगे हुलास पांडेय, ब्रह्मेश्वर मर्डर में नाम आने के बाद लोजपा संसदीय बोर्ड चेयरमैन पद छोड़ा h3>
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बिहार के बहुचर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में नाम आने के बाद पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय ने सीबीआई के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया है। इसके साथ ही उन्होंने चिराग पासवान की पार्टी लोजपा रामविलास के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। हुलास पांडेय ने खुद को निर्दोष बताया है और कहा कि सीबीआई ने उन्हें फंसाने के लिए चार्जशीट में नाम डाला है। बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने शनिवार को आरा कोर्ट में रणवीर सेना के प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की थी। इसमें चिराग पासवान के करीबी पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय समेत 8 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया।
हुलास पांडेय ने पटना में सोमवार को मीडिया के सामने आकर सीबीआई के आरोपों को खारिज किया है। पांडेय ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पर्सनल इमेज से ज्यादा पार्टी की इमेज ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसलिए उन्होंने तुरंत लोजपा रामविलास के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष पद छोड़ दिया है।
हुलास पांडेय ने कहा कि सीबीआई चार्जशीट के बारे में उन्हें अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। उन्हें मीडिया के जरिए ही इस बारे में पता चला है। पांडेय ने कहा कि उनका ब्रह्मेश्वर मुखिया से कोई संबंध नहीं था, नहीं उनके साथ दुश्मनी थी। इस स्थिति में आरोप बिल्कुल निराधार हैं। जब-जब चुनाव आते हैं, उनके विरोधी अपमानित करने की साजिश करते हैं। ऐसा लग रहा है कि किसी ने जांच एजेंसी को गुमराह किया है।
सीबीआई अधिकारियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कुछ अफसर राजनीतिक दुश्मनी की वजह से उनकी इमेज खराब करने में लगे हैं। उन्होंने इसके खिलाफ कोर्ट में अपील करने का ऐलान किया है। उन्हें कोर्ट पर भरोसा है। पांडेय ने कहा कि विरोधी राजनीतिक दल के कुछ लोग सीबीआई अधिकारियों के संपर्क में थे। इसके बाद ही उनका नाम सीबीआई चार्जशीट में डाला गया। जब ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या हुई तब वे अपने सिक्योरिटी गार्ड के साथ सरकारी आवास में थे।
हुलास पांडेय ने की थी ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या, सीबीआई चार्जशीट में 8 आरोपी
बता दें कि रणवीर सेना के ब्रह्मेश्वर मुखिया की 1 जून 2012 को आरा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के एक साल बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। करीब 10 साल तक जांच के बाद सीबीआई ने बीते सोमवार को नई चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की, जिसमें हुलास पांडेय के अलावा अभय पांडेय, नंद गोपाल, रीतेश कुमार, अमितेश, प्रिंस, बालेश्वर और मनोज राय को आरोपी बनाया गया है। हुलास पांडेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू से एमएलसी रह चुके हैं। अभी चिराग पासवान की लोजपा रामविलास में हैं।
जांच अधिकारी सियाराम सिंह ने बताया कि सीबीआई की चार्जशीट पर कोर्ट 3 जनवरी को सुनवाई करेगा। आरा के एमपी-एमएलए स्पेशल जज इस मामले की सुनवाई करेंगे। चार्जशीट के आधार पर सभी आरोपियों को अदालत में पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। वहां उनसे पूछा जाएगा कि क्या वे अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार करते हैं या नहीं। इसके बाद आगे की कार्यवाही होगी।
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बिहार के बहुचर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में नाम आने के बाद पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय ने सीबीआई के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया है। इसके साथ ही उन्होंने चिराग पासवान की पार्टी लोजपा रामविलास के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। हुलास पांडेय ने खुद को निर्दोष बताया है और कहा कि सीबीआई ने उन्हें फंसाने के लिए चार्जशीट में नाम डाला है। बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने शनिवार को आरा कोर्ट में रणवीर सेना के प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की थी। इसमें चिराग पासवान के करीबी पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय समेत 8 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया।
हुलास पांडेय ने पटना में सोमवार को मीडिया के सामने आकर सीबीआई के आरोपों को खारिज किया है। पांडेय ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पर्सनल इमेज से ज्यादा पार्टी की इमेज ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसलिए उन्होंने तुरंत लोजपा रामविलास के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष पद छोड़ दिया है।
हुलास पांडेय ने कहा कि सीबीआई चार्जशीट के बारे में उन्हें अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। उन्हें मीडिया के जरिए ही इस बारे में पता चला है। पांडेय ने कहा कि उनका ब्रह्मेश्वर मुखिया से कोई संबंध नहीं था, नहीं उनके साथ दुश्मनी थी। इस स्थिति में आरोप बिल्कुल निराधार हैं। जब-जब चुनाव आते हैं, उनके विरोधी अपमानित करने की साजिश करते हैं। ऐसा लग रहा है कि किसी ने जांच एजेंसी को गुमराह किया है।
सीबीआई अधिकारियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कुछ अफसर राजनीतिक दुश्मनी की वजह से उनकी इमेज खराब करने में लगे हैं। उन्होंने इसके खिलाफ कोर्ट में अपील करने का ऐलान किया है। उन्हें कोर्ट पर भरोसा है। पांडेय ने कहा कि विरोधी राजनीतिक दल के कुछ लोग सीबीआई अधिकारियों के संपर्क में थे। इसके बाद ही उनका नाम सीबीआई चार्जशीट में डाला गया। जब ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या हुई तब वे अपने सिक्योरिटी गार्ड के साथ सरकारी आवास में थे।
हुलास पांडेय ने की थी ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या, सीबीआई चार्जशीट में 8 आरोपी
बता दें कि रणवीर सेना के ब्रह्मेश्वर मुखिया की 1 जून 2012 को आरा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के एक साल बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। करीब 10 साल तक जांच के बाद सीबीआई ने बीते सोमवार को नई चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की, जिसमें हुलास पांडेय के अलावा अभय पांडेय, नंद गोपाल, रीतेश कुमार, अमितेश, प्रिंस, बालेश्वर और मनोज राय को आरोपी बनाया गया है। हुलास पांडेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू से एमएलसी रह चुके हैं। अभी चिराग पासवान की लोजपा रामविलास में हैं।
जांच अधिकारी सियाराम सिंह ने बताया कि सीबीआई की चार्जशीट पर कोर्ट 3 जनवरी को सुनवाई करेगा। आरा के एमपी-एमएलए स्पेशल जज इस मामले की सुनवाई करेंगे। चार्जशीट के आधार पर सभी आरोपियों को अदालत में पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। वहां उनसे पूछा जाएगा कि क्या वे अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार करते हैं या नहीं। इसके बाद आगे की कार्यवाही होगी।