पर्यटन ​का आकर्षक केंद्र- ये है रहस्यों से भरा असीरगढ़ का किला | Asirgarh Fort full of mysteries | Patrika News

205

पर्यटन ​का आकर्षक केंद्र- ये है रहस्यों से भरा असीरगढ़ का किला | Asirgarh Fort full of mysteries | Patrika News

पुरातत्व विभाग के अनुसार भी मध्यप्रदेश में आज भी ऐसी कई ऐसी जगह हैं जो अपने आप में एक पहेली से कम नहीं है, इनका क्या अर्थ ये जानने की कोशिश करने वाला इसे जितना सुलझाने की कोशिश करता है उतना ही खुद इसमें उलझता जाता है। ऐसी ही एक अनसुलझी पहेली मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्थित असीरगढ़ के किले की भी है, जिससे जुड़े कई रोचक किस्से हर किसी को हैरान कर देते हैं।

ज्ञात हो कि असीरगढ़ किला भारत खास संरचनाओं में से एक है, जो सतपुड़ा की पहाड़ियों पर स्थित है। समुद्र तल से लगभग 250 फुट की ऊंचाई पर स्थित ये किला आज भी अपने वैभवशाली अतीत को बयान करता है।

ऐसा कहा जाता है कि ऊंचे पहाड़ पर स्थित इस किले में एक जलाशय भी है, जो कितनी ही भीषण गर्मी होने के बावजूद सूखता नहीं है। यहां के लोगों की माने तो भगवान कृष्ण के श्राप का शिकार अश्वत्थामा यहां स्नान करने के बाद पास में स्थित शिव मंदिर में पूजा करने भी जाते हैं। भगवान शिव का मंदिर तालाब से थोड़ी दूर गुप्तेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर के चारों ओर गहरी खाईंयां हैं। माना जाता है कि इन खाइयों में से ही किसी एक में गुप्त रास्ता है, जो मंदिर से जुड़ा है।

महाभारत की से जुड़ी मान्यताएं
कहा जाता है कि इस किले में महाभारत के कई प्रमुख चरित्रों में से एक, अश्वत्थामा आज भी यहां आता है। दरअसल पिता की मृत्यु का बदला लेने निकले अश्वत्थामा को उनकी एक चूक भारी पड़ी और भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें युगों-युगों तक भटकने का श्राप दे दिया।

मान्यता है कि अश्वत्थामा लगभग पिछले पांच हजार से यहीं भटक रहे हैं। किले के संदर्भ में लोगों का मानना है कि, किले के गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में अश्वत्थामा अमावस्या व पूर्णिमा तिथियों पर शिव की उपासना और पूजा करते हैं।

यह सिलसिला पांच हजार सालों से जारी है। हालांकि, इस दावे की पुष्टि तो नहीं हुई, लेकिन कुछ बातों और घटनाओं के आधार पर ये मान्यता है कि, ऐसा अश्वत्थामा ही कर सकते हैं। क्षेत्र के लोगों का मानना है कि, इस किले के रहस्य कभी खत्म ही नहीं होते। यहां आए दिन लोगों को इस किले से जुड़ी नई चीजों के बारे में पता चलता है। इसी के चलते पुरातत्व विभाग की टीम भी इस किले का समय समय पर निरीक्षण करती रहती है।

इसी को लेकर हाल ही में किले की पश्चिमी दिशा में खुदाई की गई थी, खुदाई के दौरान पुरातत्व विभाग की टीम को कई खास चीजें मिलीं। खुदाई किए गए स्थान पर जमीन के अंदर एक खूबसूरत महल मिला, जांच में सामने आया कि, ये महल रानी के लिए बनवाया गया होगा।

रानी महल में गुप्त 20 कमरों का भी पता चला है। पुरातत्व विभाग की मानें तो यह महल 100 बाय 100 की जगह में बना है। इस महल में एक स्नान कुंड भी है। साथ ही, खुदाई में एक जेल का भी पता चला है। जेल में लोहे की खिड़कियां लगी हुई हैं। साथ ही, दरवाजे भी मिले हैं। जेल में लगभग चार बैरकें हैं।



उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News