तेजस्वी पर देशद्रोह का मुकदमा हुआ दर्ज!

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तेजस्वी पर देशद्रोह का मुकदमा हुआ दर्ज!
तेजस्वी पर देशद्रोह का मुकदमा हुआ दर्ज!

हमारे देश के मानवीय नेतागण देश का अपमान क्यों करते है, यह सबसे बड़ा सवाल है? अभी हाल ही में जम्मू कश्मीर की सीएम ने तिरंगे का अपमान किया था, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की नेता स्वाधीनता दिवस के मौके पर उल्टा तिरंगा फहराती हुई नजर आई थी, जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी जमकर खिंचाई भी की। लेकिन अभी हाल ही में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ है। तेजस्वी पहले से ही मुसीबतों में फंसे हुए है, लेकिन लगता तो ऐसा है, जैसे मुसीबतों को वो दावत देते रहते है। बिहार में गठबंधन की सरकार टूटने पर बिहार की राजनीति पार्टी खासकर आरजेडी पर लगातार मुसीबतों का पहाड़ टूटता जा रहा है। आइये जानते है कि आखिरल बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम पर मुकदमा क्यों दर्ज हुआ है,वो भी देशद्रोह का?

आपको बता दें कि बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव कानूनी पचड़े में फंसते दिख रहे हैं। तेजस्वी यादव पर देश के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के अपमान का आरोप लगा है, जिसकी वजह से तेजस्वी यादव पर बिहार के दरभंगा में केस दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि तेजस्वी पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही आपको याद दिला दें कि 13 अगस्त को तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट में तेजस्वी यादव ने उमाशंकर सिंह नाम के शख्स के ट्वीट के पर टिप्पणी की थी। उमाशंकर सिंह ने लिखा था, ‘बंदे मारते हैं हम।’ इसके जवाब में ट्वीट को रिट्वीट करते हुए तेजस्वी यादव ने लिखा था, ‘सही कहा इनका “वंदे मातरम्” = बंदे मारते हैं हम।’ तेजस्वी यादव की इस टिप्पणी पर जदयू तकनीकी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष इकबाल अंसारी ने सीजीएम कोर्ट में याचिका दायर की है और कहा है कि तेजस्वी यादव ने 13 अगस्त के एक ट्वीट से राष्ट्रगीत का अपमान किया है। साथ ही उनके इस ट्वीट से देश के सम्मान पर ठेस पहुंचा है। इस केस में जदयू नेता ने उमाशंकर सिंह को भी अभियुक्त बनाया है।

आरजेडी नेता तेस्जवी पर आईपीसी की धारा 124 (A) (राष्ट्रद्रोह), 120 (B) भा. दण्ड विधान, 501 (B) भारतीय दण्ड विधान, प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट 69 (1971) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। खबर के मुताबिक, याचिका में कहा गया है कि एक पूर्व उपमुख्यमंत्री के ऐसे राष्ट्रविरोधी ट्वीट से यह बात साबित हो जाती है कि इनको अपना राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए न तो राष्ट्र के सम्मान की चिंता है और न ही राष्ट्र की छवि की। इकबाल अंसारी ने कहा कि इस ट्वीट पर कड़ी आलोचना होना के बावजूद तेजस्वी यादव ने ना तो इस ट्वीट को डिलीट किया और ना ही इसके लिए माफी मांगी।

बहरहाल, तेजस्वी को अब जेल होती है या नहीं, यह तो खैर वक्त ही बताएगा, लेकिन यह बात तो तय है कि तेजस्वी यादव पर मुसीबतों का पहाड़ एक के एक टूटता ही जा रहा है।