हनुमान जी के मंदिर में शिव जी की स्थापना हो सकती है या नहीं ?

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हनुमान जी के मंदिर में शिव जी की स्थापना हो सकती है या नही ?
हनुमान जी के मंदिर में शिव जी की स्थापना हो सकती है या नही ?

हनुमान जी के मंदिर में शिव जी की स्थापना हो सकती है या नहीं ? ( Can Shiva be established in Hanuman ji’s temple or not ? )

भारत देश प्राचीन काल से ही धार्मिक देश रहा है. अपने देश की सबसे बड़ी खुबशुरती यही है कि यहां पर विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं. अपनी आस्था के कारण लोगों के मन में भगवान को प्रसन्न करने से संबंधित कई तरह के सवाल होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर पूछा जाता है कि हनुमान जी के मंदिर में शिव जी की स्थापना हो सकती है या नही ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

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हनुमान जी

हनुमान जी के मंदिर में शिव जी की स्थापना हो सकती है –

हिंदू धर्म में मंदिर का निर्माण करवाना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने वाले की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. लेकिन किसी भी कार्य को करने के लिए कुछ विधि विधान होते हैं. अगर हम उनके अनुसार कार्य करते हैं, तो मान्यता है कि हमारा काम अवश्य ही सिद्ध होता है. इसी कारण लोग सोचते हैं कि अगर हम हनुमान जी का मंदिर बनाते हैं, तो उसमें शिव जी की मूर्ति स्थापित की जा सकती है या नहीं. इसका जवाब होगा- हाँ. आप हनुमान जी के मंदिर में शिवजी की मूर्ति को स्थापित कर सकते हैं. यह बहुत ही शुभ माना जाता है.

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शिव जी

दरअसल, शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने अपने भक्तों की रक्षा के लिए 12 रूद्र के अवतार लिए थे. इनमें से ही एक हनुमान जी का भी अवतार था. ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी की माता अंजनी ने भगवान शिव की घोर तपस्या की थी. उन्होंने भगवान शिव से एक पुत्र का वरदान मांगा था. तब भगवान शिव ने पवन देव के रूप में अपनी रौद्र शक्ति का अंश यज्ञ कुंड में अर्पित किया था और वही शक्ति अंजनी के गर्भ में प्रविष्ट हुई थी. फिर चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमानजी का जन्म हुआ था.

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काफी लोगों के मन में यह भी सवाल होता है कि आखिर शिव जी ने हनुमान के रूप में अवतार क्यों लिया. इसके पीछे भी एक पौराणिक कथा है. ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु से उनको दास्य का वरदान प्राप्त हुआ था. जब रावण का वध करने के लिए विष्णु भगवान ने राम के रूप में जन्म लिया तो सभी देवताओं ने अलग अलग रूपों में भगवान की सेवा की. इसी समय शिव जी ने भी रूद्र के 11 वें अवतार के रूप में या कहें कि हनुमान जी के रूप में जन्म लिया.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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