भागलपुर हिंसा को लेकर बेटे के पक्ष में मैदान में उतरे केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे

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बिहार विधानसभा में केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे के बेटे अरिजीत शाश्वत चौबे की गिरफ्तारी को लेकर जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस और आरजेडी इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव की मांग कर रहे थे, जिस कारण सदन को स्थगित करना पड़ा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के इस्तीफे की मांग को लेकर बिहार विधानसभा में पिछले दो दिनों से कारवाई नहीं चल पा रही है. चौबे के पुत्र और भाजपा नेता अर्जित शाश्वत के ऊपर एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. लेकिन चौबे अपने बेटे के बचाव में खुल कर मैदान में कूद गये हैं.

मेरे बेटे का कुसूर क्या है…

केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद अश्विनी चौबे ने उल्टे राज्य सरकार के ऊपर सवाल खड़ा किया है. उनके अनुसार, क्या वन्दे मातरम कहना गैर कानूनी है या जय श्री राम कहना. चौबे ने आरोप लगाया है कि स्थानीय प्रशासन अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए उनके बेटे के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.

भागलपुर ज़िला प्रशासन का कहना है कि अभिजीत शाश्वत बिना किसी अनुमति के ना सिर्फ जुलूस ले जा रहे थे, बल्कि उनके व्यवहार के कारण सांप्रदायिक तनाव भी फैला. हालांकि, इस सम्बन्ध में फिलहाल कोई गिरफ्तारी की कार्यवाही नहीं हुई है. लेकिन अश्विनी चौबे का कहना है कि अगर पुलिस अपने आरोपों को साबित कर दे, तब वो अपनी राजनीति से सन्यास ले लेंगे. फिलहाल, बिहार भाजपा के किसी भी वरिष्ठ नेता ने इस मुद्दे पर बयान नहीं दिया है.

विपक्ष के सवाल

वहीं इस मामले में आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि बीजेपी जानबूझ कर दंगा करवाने पर तुली है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि वो कानून के राज की बात करते है तो फिर अरिजीत शाश्वत की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही.

साथ ही केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा दरभंगा में डीएसपी के खिलाफ नारेबाज़ी के लिए उकसाने वाले वीडियो पर भी कार्रवाई की मांग की जा रही है.

कांग्रेस के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि ये जानबूझ कर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का मामला है, साथ में यह भी कहा गया कि पुलिस ने अरिजीत को बचाने के लिए उस पर हल्के मामलों का इस्तेमाल किया है ताकि उसे बेल मिल जाए. कांग्रेस ने कहा कि 1989 में जब भागलपुर में दंगा हुआ था तब के एसपी अभी के बिहार के डीजीपी हैं.

2003 Ashwini Kumar Choubey 1 -

इनके खिलाफ हुई रिपोर्ट

भागलपुर के नाथनगर में शनिवार को दो समुदायों के बीच हुए विवाद के बाद भागलपुर प्रशासन ने केंद्रीय मंत्री अश्वनी कुमार चौबे के बेटे अरिजीत शाश्वत चौबे समेत 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है. इनके ऊपर बिना इजाज़त का जूलुस निकालने और इस दौरान आपत्तिजनक गाना बजाने का आरोप लगाया गया है.

वहीं एसएसपी मनोज कुमार ने बताया की जल्द ही इन लोगों के खिलाफ कानूनी एक्शन लिया जाएगा. अश्विनी चौबे ने मामले की जांच की मांग करते हुए कहा कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए ताकि दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जाए. उन्होंने कहा कि भाजपा के सभी कार्यकर्ता मेरे बेटे की तरह हैं. हिंदू नव वर्ष मनाने के लिए आयोजित की गई रैली का प्रतिनिधित्व करने में क्या गलत है? क्या भारत माता की बात करना गलत है? क्या वंदे मातरम कहना गलत है?

भागलपुर में भड़की थी हिंसा

पिछले हफ्ते शनिवार को भाजपा और आरएसएस समेत कई हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हिंदू नववर्ष मनाने के लिए भागलपुर में रैली निकाली थी जिस पर दंगा भड़क गया. रैली का आयोजन हिंदू नववर्ष के उपलक्ष्य में नववर्ष जागरण समिति द्वारा किया गया था. रैली का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजीत शाश्वत ने किया था. रैली में शामिल लोगों पर कथित तौर पर उकसाने वाले नारे लगाने का आरोप है.

कहा जा रहा है कि यह रैली अपने 15 किलोमीटर लंबे रास्ते से गुजरी जिसमें ज्यादातर मुस्लिम बहुल इलाके शामिल थे. झड़प भागलपुर के नाथनगर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले मेदिनी चौक पर हुई और यह इलाका मुस्लिम बहुल है.