देश के पूर्वोत्तर हिस्सों में लागू नहीं होगा CAA

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जब से देश में नागरिकता संशोधन कानून का आवाहन हुआ है तब से देश के अधिकतर हिस्सों में इसका पुरजोर विरोध हो रहा है। इतनी विरोध प्रदर्शन के बाद भी शुक्रवार से CAA लागू हो गया है। खबर यह भी है की देश के कुछ हिस्सों में CAA लागू नहीं किया जाएगा।

असम, मेघालय समेत बहुत से ऐसे राज्य हैं जहाँ , नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए। सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी हुई पब्लिक प्रॉपर्टी को भी काफी नुकशान पहुंचा। अब सरकार ने यह ऐलान किया है की मेघालय, असम, अरुणाचल, मणिपुर के कुछ क्षेत्रों में कानून लागू नहीं होगा।


केंद्र सरकार ने यहां इनर लाइन परमिट जारी किया है. इसकी वजह से ये नियम यहां लागू नहीं होंगे. इनर लाइन परमिट एक यात्रा दस्तावेज है, जिसे भारत सरकार अपने नागरिकों के लिए जारी करती है, ताकि वो किसी संरक्षित क्षेत्र में निर्धारित वक्त के लिए यात्रा कर सकें।

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में अपने भाषण में दावा किया था कि लाखों-करोड़ों ऐसे लोग हैं जिन्हें इस कानून से फायदा मिलेगा. नया कानून सभी शरणार्थियों पर लागू होगा. सरकार की ओर से एक कटऑफ तारीख भी तय की जायेगी जिसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले आए सभी हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान की जायेगी। पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी. अभी तक उन्हें अवैध शरणार्थी माना जाता था।

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आपको बता दे की CAA के विरोध का कारण यह बतया गया की यह कानून भारत के संविधान के विरोध में है। भारत के संविधान की सेक्युलर संरचना पर एक तरीके का आक्रमण है। अब देखना होगा की caa के लागु होने से देश में क्या बदलाव आते है और देश में क्या सकारात्मक और नकारात्मक मिलेगा।