Burhanpur News: बुरहानपुर शासन व्यवस्था को मुंह चिढ़ाती तस्वीर, स्कूल के बच्चे धूप में बैठकर पढ़ने को मजबूर
बुरहानपुर: जिले में शासन की शिक्षा नीति को मुंह चीढ़ाती हुई एक तस्वीर सामने आई है। सरकारी स्कूल के बच्चों को कभी बरांडे में, तो कभी धूप में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। 3 दिन से बच्चे पढ़ाई करने के लिए खुले मैदान में बैठ रहे हैं।
बुरहानपुर पूर्व शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस का गृह जिला है। पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस के शिक्षा मंत्री रहते हुए क्षेत्र में बड़ी तादाद में स्कूल खुले थे। बावजूद इसके आज उनके ही गृह जिले में स्कूली विद्यार्थियों को धूप में बैठकर पढ़ाई करना पड़ रहा है।
दरअसल, बुरहानपुर के पुरुषार्थ वार्ड में संचालित प्राथमिक स्कूल में छोटे-छोटे बच्चे खुले में पढ़ाई कर रहे हैं। क्योंकि 7 अगस्त को मानवाधिकार आयोग की टीम पुरुषार्थ स्कूल पहुंची थी। उन्होंने इस स्कूल का निरीक्षण किया, तो स्कूल के कमरे जर्जर हालत में थे। जिसके चलते मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्य ने शिक्षा विभाग को यह आदेश दिया था कि बच्चों को भवनों में बैठा कर न पढ़ाएं।
आदेश मिलने के बाद शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुरुषार्थी स्कूल के प्राचार्य संजय अज्ञानानी ने स्कूल के कमरों में ताले लगा दिए। कमरे कोई खोल न सके, इसलिए दो-दो ताले लगा दिए। मिडिल स्कूल की प्राचार्या कल्पना पवार ने बच्चों को बैठाने के लिए भवन की मांग की। तो प्राचार्य ने कहा कि आप जिला शिक्षा अधिकारी से लिखित में लाइए मैं कमरों के ताले खोल दूंगा। इसी बात को लेकर दोनों प्राचार्य और प्रधान पाठक के बीच 3 दिन से विवाद चल रहा था। जिसके चलते बच्चों को बाहर धूप में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है।
इस मामले को लेकर कल्पना पवार प्रधान पाठक शासकीय नवीन प्राथमिक शाला इंदिरा कॉलोनी ने बताया कि उनका स्कूल पहले इंदिरा कॉलोनी में लगता था, लेकिन वहां भवन न होने की वजह से उनकी स्कूल को यहां शिफ्ट किया गया। कमरे जर्जर होने के कारण आयोग ने इसे बंद करने के निर्देश दिए। जब स्कूल के प्राचार्य से हमने बच्चों को पढ़ाने के लिए कमरा मांगा तो उन्होंने मना कर दिया।
जबकि एक कमरे में लाडली बहना योजना और मतदान का काम चल रहा है। तो वहीं दूसरे कमरों में ताले लगे हुए हैं। इसके चलते विद्यार्थी बाहर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं इस मामले में दूसरी ओर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुरुषार्थी के प्राचार्य संजय अज्ञानानी ने कहा कि हमने भवन आवंटित कर दिया है। ऊपर वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देश पर आयोग ने क्षतिग्रस्त घोषित किया था। हमने कई बार मैडम को बोला है कि दूसरे कमरों में बैठा लीजिए, लेकिन मैडम बैठने को तैयार नहीं है। वहीं इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी संतोष सिंह सोलंकी ने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। मैं तुरंत इस दिशा में कोई ना कोई एक्शन लेकर इस समस्या का समाधान करूंगा।
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बुरहानपुर पूर्व शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस का गृह जिला है। पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस के शिक्षा मंत्री रहते हुए क्षेत्र में बड़ी तादाद में स्कूल खुले थे। बावजूद इसके आज उनके ही गृह जिले में स्कूली विद्यार्थियों को धूप में बैठकर पढ़ाई करना पड़ रहा है।
दरअसल, बुरहानपुर के पुरुषार्थ वार्ड में संचालित प्राथमिक स्कूल में छोटे-छोटे बच्चे खुले में पढ़ाई कर रहे हैं। क्योंकि 7 अगस्त को मानवाधिकार आयोग की टीम पुरुषार्थ स्कूल पहुंची थी। उन्होंने इस स्कूल का निरीक्षण किया, तो स्कूल के कमरे जर्जर हालत में थे। जिसके चलते मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्य ने शिक्षा विभाग को यह आदेश दिया था कि बच्चों को भवनों में बैठा कर न पढ़ाएं।
आदेश मिलने के बाद शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुरुषार्थी स्कूल के प्राचार्य संजय अज्ञानानी ने स्कूल के कमरों में ताले लगा दिए। कमरे कोई खोल न सके, इसलिए दो-दो ताले लगा दिए। मिडिल स्कूल की प्राचार्या कल्पना पवार ने बच्चों को बैठाने के लिए भवन की मांग की। तो प्राचार्य ने कहा कि आप जिला शिक्षा अधिकारी से लिखित में लाइए मैं कमरों के ताले खोल दूंगा। इसी बात को लेकर दोनों प्राचार्य और प्रधान पाठक के बीच 3 दिन से विवाद चल रहा था। जिसके चलते बच्चों को बाहर धूप में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है।
इस मामले को लेकर कल्पना पवार प्रधान पाठक शासकीय नवीन प्राथमिक शाला इंदिरा कॉलोनी ने बताया कि उनका स्कूल पहले इंदिरा कॉलोनी में लगता था, लेकिन वहां भवन न होने की वजह से उनकी स्कूल को यहां शिफ्ट किया गया। कमरे जर्जर होने के कारण आयोग ने इसे बंद करने के निर्देश दिए। जब स्कूल के प्राचार्य से हमने बच्चों को पढ़ाने के लिए कमरा मांगा तो उन्होंने मना कर दिया।
जबकि एक कमरे में लाडली बहना योजना और मतदान का काम चल रहा है। तो वहीं दूसरे कमरों में ताले लगे हुए हैं। इसके चलते विद्यार्थी बाहर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं इस मामले में दूसरी ओर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुरुषार्थी के प्राचार्य संजय अज्ञानानी ने कहा कि हमने भवन आवंटित कर दिया है। ऊपर वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देश पर आयोग ने क्षतिग्रस्त घोषित किया था। हमने कई बार मैडम को बोला है कि दूसरे कमरों में बैठा लीजिए, लेकिन मैडम बैठने को तैयार नहीं है। वहीं इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी संतोष सिंह सोलंकी ने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। मैं तुरंत इस दिशा में कोई ना कोई एक्शन लेकर इस समस्या का समाधान करूंगा।