Bundelkhand News: यूपी के इस 1 KM लंबे रेलवे पुल पर कभी चलती थीं बैलगाड़ियां, अब होने जा रहा रिटायर

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Bundelkhand News: यूपी के इस 1 KM लंबे रेलवे पुल पर कभी चलती थीं बैलगाड़ियां, अब होने जा रहा रिटायर

Bundelkhand News: यूपी के इस 1 KM लंबे रेलवे पुल पर कभी चलती थीं बैलगाड़ियां, अब होने जा रहा रिटायर

हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में बांदा-सुमेरपुर-कानपुर रेल मार्ग पर यमुना नदी पर बने अंग्रेजों के जमाने के रेलवे ब्रिज की अब जल्द ही विदाई हो जाएगी। इस पुल के करीब 112 साल पूरे होने के बाद अब इसके समानान्तर एक नया ब्रिज बनाया जा रहा है। इसे लेकर निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है।यह नया ब्रिज पुराने से एक मीटर ऊंचा बनेगा। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस नए रेलवे ब्रिज को तैयार कराने के लिए कार्यदायी संस्थाओं के अभियंताओं ने डेरा डाल दिया है। बता दें बांदा-कानपुर रेलवे मार्ग को जोड़ने के लिए भरुआ सुमेरपुर रेलवे स्टेशन से करीब 18 किलोमीटर दूर यमुना साउथ पत्योरा में वर्ष 1908 में रेलवे ब्रिज बना था।

रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर उपेन्द्र कुमार ने बताया कि इस रेलवे ब्रिज पर वर्ष 1912 में ट्रेनों के आवागमन के लिए शुरू किया गया था। इस रेलवे ब्रिज से पहले बहुत कम ट्रेनें गुजरती थी लेकिन मौजूदा में तमाम यात्री और लम्बी दूरी की मालगाड़ियां निकलती हैं। यमुना नदी पर यही एक मात्र रेलवे ब्रिज है, जो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ता है। बताते हैं कि करीब 112 साल पूरे होने के बाद भी ये पुल आज भी बहुत मजबूत है।

916 मीटर लम्बा है यमुना साउथ बैंक का रेलवे ब्रिज
यमुना साउथ बैंक रेलवे स्टेशन के सीनियर सेक्शन इंजीनियर उपेन्द्र कुमार ने बताया कि पत्योरा गांव के पास यमुना साउथ बैंक में अंग्रेजी हुकूमत में 916 मीटर लम्बा रेलवे पुल बना था। इस पुल पर 12 पिलर (कोठी) बने है जिसमें पिलर से पिलर की दूरी करीब 250 फीट है। पुल के पिलरों को कटान से बचाने के लिए कुछ साल पहले पिलर के चारों ओर बोल्डर लगाकर फाउन्डेशन के कार्य कराए गए थे। साथ ही दो फीट ऊंची जाली भी चारों ओर से लगाई जा चुकी है। इस रेलवे पुल के ऊपर स्लीपर और रिंगों को भी सुरक्षा के लिहाज से अब बदला जा चुका है।

पुराने रेलवे पुल से किसी जमाने में निकलती थी बैलगाड़ी
पत्योरा गांव के बुजुर्ग करनसिंह, गोविन्द, बीडीसी सदस्य कुलदीप सिंह चंदेल सहित अन्य तमाम लोगों ने बताया कि यमुना बेतवा के संगम में बना यमुना साउथ बैंक का रेलवे पुल, किसी जमाने में दर्जनों गांवों के लोग मील का पत्थर था क्योंकि कई सालों तक इस पुल से लोग बैलगाड़ी से कानपुर आते-जाते थे। कई सालों बाद रेलवे पुल में पटरिया बिछाई गईं और फिर इस पुल पर ट्रेनें चलाई गईं। कई दशक पहले कोयले का इंजन बोगियों को लेकर इस रेलवे पुल से निकलता था लेकिन अब लम्बी दूरी के लिए तमाम ट्रेनें और मालगाड़ी भी पुराने पुल से निकलती है।

हमीरपुर में नए रेलवे पुल पर तेजी से चल रहा काम

300 करोड़ रुपये के फंड से तैयार होगा नया रेलवे ब्रिज
रेलवे बोर्ड ने यमुना साउथ बैंक पत्योरा में पुराने रेलवे पुल के समानांतर एक नए रेलवे पुल बनाए जाने की हरी झंडी दी थी। तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से इस नए पुल का सात कोठियां (पिलर) बनाने के लिए जीपीपी इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड कलकत्ता के अभियंता और तकनीकी कर्मियों के साथ यहां डेरा डाले हैं। कार्यदायी संस्था के इंजीनियर शुभम श्रीवास्तव ने बताया कि ये पुराने पुल से एक मीटर ऊंचा बनाए जाने का प्लान है। उन्होंने बताया कि अंग्रेजों के जमाने का यह रेलवे पुल आज भी मजबूत है। अब यहां डबल लाइन का रेलवे पुल बनने से यह क्षेत्र विकास के नए आयाम हासिल करेगा।

आगामी चुनाव से पहले रेलवे पुल तैयार करने की तैयारी
कार्यदायी संस्था के इंजीनियर शुभम श्रीवास्तव व रेलवे से सीनियर सेक्शन इंजीनियर उपेन्द्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2024 तक नये रेलवे ब्रिज के निर्माण कार्य कम्पलीट कराए जाने की पूरी तैयारी है। इस रेलवे ट्रैक पर कई ओवर बिर्ज पुलियां भी बनाई जाएगी। यह नया रेलवे ब्रिज कालपी पुल की तरह बनेगा। बताया कि नये पुल के पिलर डबल डी आकार व जमीनी सतह से इसकी नींव की गहराई 40 मीटर होगी।

रिपोर्ट-पंकज मिश्रा

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