Budget 2023: CM योगी ने क‍िया बजट का स्‍वागत, महंगाई बेरोजगारी को लेकर अखिलेश और मायावती ने बोला BJP पर हमला

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Budget 2023: CM योगी ने क‍िया बजट का स्‍वागत, महंगाई बेरोजगारी को लेकर अखिलेश और मायावती ने बोला BJP पर हमला

Budget 2023: CM योगी ने क‍िया बजट का स्‍वागत, महंगाई बेरोजगारी को लेकर अखिलेश और मायावती ने बोला BJP पर हमला


लखनऊ: आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने देश का आम बजट (Aam Budget 2023) पेश किया। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जहां आम बजट 2023 को 130 करोड़ देश वासियों की सेवा का लक्ष्य बताया है। वहीं अख‍िलेश यादव और मायावती ने इस बजट को लेकर भाजपा पर हमला बोला है।

क्या बोले अखिलेश यादव

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी। भाजपाई बजट महंगाई व बेरोजगारी को और बढ़ाता है। किसान, मजदूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है।

डिंपल यादव ने जतायी नाराजगी

अखिलेश यादव की पत्नी और मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि यह चुनाव को ध्यान में रखकर पेश किया गया बजट है, हालांकि मध्यम वर्ग को कुछ छूट दी गई है। लेकिन सरकार ने किसानों, रोजगार और युवाओं के लिए एमएसपी (MSP) के बारे में कुछ नहीं कहा। इस बजट में रेलवे की भी अनदेखी की गई। यह निराशाजनक बजट रहा।

मायावती ने बजट को बताया बेमानी

वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि देश में पहले की तरह पिछले 9 वर्षों में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही, किन्तु वे सब बेमानी हो गए जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया, अति-दुखद। इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं। पिछले साल की कमियाँ कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसेे ही दाव पर लगा रहता है जैसे पहले था। लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों?

सरकार की संकीर्ण नीतियों व गलत सोच का सर्वाधिक दुष्प्रभाव उन करोड़ों गरीबों किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों के जीवन पर पड़ता है जो ग्रामीण भारत से जुड़े हैं और असली भारत कहलाते हैं। सरकार उनके आत्म-सम्मान व आत्मनिर्भरता पर ध्यान दे ताकि आमजन की जेब भरे व देश विकसित हो। केन्द्र जब भी योजना लाभार्थियों के आँकड़ों की बात करे तो उसे जरूर याद रखना चाहिए कि भारत लगभग 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचितों, किसानों आदि का विशाल देश है जो अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं। उनके लिए बातें ज्यादा हैं। बजट पार्टी से ज्यादा देश के लिए हो तो बेहतर।

इसके उलट सीएम योगी ने आज पेश हुए देश के आम बजट की सराहना की और ट्वीट कर कहा कि वर्तमान केंद्रीय बजट गांव, गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं समेत समाज के हर वर्ग की आशाओं और राष्ट्र के समग्र उत्थान की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला है। निःसंदेह, यह बजट भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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