Budget 2023: बजट पर आई CM नीतीश की पहली प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा

8
Budget 2023: बजट पर आई CM नीतीश की पहली प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा

Budget 2023: बजट पर आई CM नीतीश की पहली प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा


ऐप पर पढ़ें

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किये गये आम बजट-2023-24 को निराशाजनक बताया है। कहा है कि इसमें दूरदृष्टि का अभाव है। हर वर्ष बजट की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं, जो फोकस और निधि के अभाव में पूरी नहीं हो पा रही हैं। बिहार को इस बजट से निराशा हाथ लगी है और एक बार फिर विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की अनदेखी की गई है। समावेशी विकास का सपना बिहार जैसे राज्यों को आगे बढ़ाये बिना संभव नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समावेशी विकास के तहत बिहार सरकार ने केंद्रीय बजट (2023-24 ) में वित्त मंत्रियों की बैठक में राज्य के लिए 20,000 करोड़ रुपये के स्पेशल पैकेज की मांग की थी, जिसे बजट में नहीं दिया गया है। युवाओं के लिये रोजगार सृजन को लेकर बजट में कोई खाका दिखाई नहीं दे रहा है। राज्यों की वित्तीय स्थिति को नजर अंदाज किया गया है। राज्य सरकार की ऋण सीमा में वर्ष 2023-24 में कोई छूट नहीं दी गई है। बिहार सरकार ने अपने ज्ञापन में इसे 4.5 प्रतिशत ( 4% एवं 0.5% सशर्त) तक रखने का आग्रह किया था, जो पिछड़े राज्यों के विकास में तथा नए रोजगार सृजन में लाभप्रद होता। 

नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्रीय बजट में भारत सरकार ने सात प्राथमिकताओं (सप्तऋषि) का निर्धारण किया है। यह योजना केन्द्र सरकार की पूर्व से चल रही योजनाओं की केवल री- पैकेजिंग है। बिहार सरकार वर्ष 2016 से ही सात निश्चय-1 एवं वर्ष 2021 से सात निश्चय-2  के अंतर्गत नई योजनाओं को सफलता से क्रियान्वित कर रही है। केंद्रीय आम बजट में बिहार सरकार की सात निश्चय योजनाओं के पैटर्न पर ही सात प्राथमिकताएं (सप्तऋषि) निर्धारित की गयी है, लेकिन इसके लिये पर्याप्त बजट का प्रावधान नहीं किया गया है। कुल मिलाकर बजट से बिहार के आर्थिक विकास में कुछ लाभ मिलता प्रतीत नहीं हो रहा है। 

केंद्रीय बजट में बिहार की गरीबी एवं उपलब्धियों की उपेक्षा : विजय चौधरी

बिहार सरकार के वित्त, वाणिज्यकर व संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि केंद्रीय बजट ने बिहार की गरीबी एवं इसकी उपब्धियां, दोनों की ही उपेक्षा की है। इससे बिहारवासी निराश हैं। बजट पूर्व विमर्श के क्रम में मेरे द्वारा बिहार की तरफ से जो महत्वपूर्ण मांगें रखी गई थीं, सभी को केन्द्र सरकार द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया। इस कार्यकाल के अपने अंतिम बजट में भी केन्द्र सरकार ने संवेदनहीनता का ही परिचय दिया है। 

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News