BSSC पेपर लीक में दो और सॉल्वर गिरफ्तार, बिहार कर्मचारी चयन आयोग बोला- सबूत हो तो हमें भेजें h3>
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बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) की संयुक्त स्नातक स्तरीय (CGL) प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक मामले में दो अन्य सॉल्वर को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने कुमार मनीष को नालंदा जिला के कतरीसराय और रविंद्र कुमार को बांका से गिरफ्तार किया। इन दोनों के पास भी सवाल आउट होने के तुरंत बाद भेजे गए थे। चार सॉल्वरों की टीम में ये दोनों भी शामिल थे। इससे पहले ईओयू ने पटना के मुसल्लहपुर हाट इलाके से रवीश कुमार और रौशन कुमार को गिरफ्तार किया था। ये दोनों सहरसा के रहने वाले थे।
शनिवार को कुमार मनीष और रवींद्र कुमार की गिरफ्तारी होने से सवालों को हल करने वाली टीम में शामिल चारों सॉल्वरों की गिरफ्तारी हो चुकी है। फिलहाल ईओयू इन दोनों से पूछताछ कर रही है। इसके बाद इन्हें जेल भेज दिया जाएगा। मोतिहारी स्थित परीक्षा केंद्र शांति निकेतन जुबली स्कूल के कमरा नंबर 42 से अजय कुमार ने बीएसएससी परीक्षा का पेपर लीक किया था। उसने इसे अपने भाई विजय कुमार को सबसे पहले भेजा। इसके बाद विजय ने इसे इन चार सॉल्वरों को भेजकर हल करवाया था।
इन्हीं सॉल्वरों ने इसे कुछ अन्य ग्रुप में भेज दिया था, जिससे यह वायरल हो गया। इस मामले की जांच कर रही ईओयू ने अब तक मुख्य आरोपी अजय कुमार, विजय कुमार समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। मामले की जांच पूरी होने के बाद कुछ अन्य लोगों के भी गिरफ्तार होने की संभावना है।
पेपर लीक का सबूत हो तो आयोग को भेजें
बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त (प्रारम्भिक) प्रतियोगिता परीक्षा के द्वितीय एवं तृतीय चरण की परीक्षा के प्रश्न पत्रों के लीक होने का आमजन से भी साक्ष्य मांगा है। आयोग ने कहा कि जिस किसी के पास पेपर लीक होने का प्रमाण है, वे अपना पूर्ण पता, मोबाइल नंबर देते हुए आयोग की ई-मेल आईडी secybssc@ gmail. com पर या पंजीकृत डाक द्वारा तीन दिनों के भीतर भेज सकते हैं। आयोग उसकी गहराई से जांच कर आवश्यक कार्रवाई करेगा।
आयोग इन मामलों को लेकर गंभीर है। आयोग के सचिव सुनील कुमार ने पत्र जारी कर कहा कि द्वितीय एवं तृतीय चरण की परीक्षा के प्रश्नपत्र वायरल होने की बात कही जा रही है। उन्होंने संबंधित परीक्षार्थियों और आम लोगों से प्रश्न पत्रों के लीक होने के संबंध में प्रमाण उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
BSSC पेपर लीक: दूसरी पाली की परीक्षा भी रद्द होगी? शिक्षा मंत्री का बयान
उन्होंने कहा कि उपलब्ध कराए गए प्रमाण को अग्रतर कार्रवाई के लिए आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना को भी भेजा जा सकता है। कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा स्वार्थ सिद्धि के लिए उक्त परीक्षा के संबंध में भ्रामक अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
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बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) की संयुक्त स्नातक स्तरीय (CGL) प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक मामले में दो अन्य सॉल्वर को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने कुमार मनीष को नालंदा जिला के कतरीसराय और रविंद्र कुमार को बांका से गिरफ्तार किया। इन दोनों के पास भी सवाल आउट होने के तुरंत बाद भेजे गए थे। चार सॉल्वरों की टीम में ये दोनों भी शामिल थे। इससे पहले ईओयू ने पटना के मुसल्लहपुर हाट इलाके से रवीश कुमार और रौशन कुमार को गिरफ्तार किया था। ये दोनों सहरसा के रहने वाले थे।
शनिवार को कुमार मनीष और रवींद्र कुमार की गिरफ्तारी होने से सवालों को हल करने वाली टीम में शामिल चारों सॉल्वरों की गिरफ्तारी हो चुकी है। फिलहाल ईओयू इन दोनों से पूछताछ कर रही है। इसके बाद इन्हें जेल भेज दिया जाएगा। मोतिहारी स्थित परीक्षा केंद्र शांति निकेतन जुबली स्कूल के कमरा नंबर 42 से अजय कुमार ने बीएसएससी परीक्षा का पेपर लीक किया था। उसने इसे अपने भाई विजय कुमार को सबसे पहले भेजा। इसके बाद विजय ने इसे इन चार सॉल्वरों को भेजकर हल करवाया था।
इन्हीं सॉल्वरों ने इसे कुछ अन्य ग्रुप में भेज दिया था, जिससे यह वायरल हो गया। इस मामले की जांच कर रही ईओयू ने अब तक मुख्य आरोपी अजय कुमार, विजय कुमार समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। मामले की जांच पूरी होने के बाद कुछ अन्य लोगों के भी गिरफ्तार होने की संभावना है।
पेपर लीक का सबूत हो तो आयोग को भेजें
बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त (प्रारम्भिक) प्रतियोगिता परीक्षा के द्वितीय एवं तृतीय चरण की परीक्षा के प्रश्न पत्रों के लीक होने का आमजन से भी साक्ष्य मांगा है। आयोग ने कहा कि जिस किसी के पास पेपर लीक होने का प्रमाण है, वे अपना पूर्ण पता, मोबाइल नंबर देते हुए आयोग की ई-मेल आईडी secybssc@ gmail. com पर या पंजीकृत डाक द्वारा तीन दिनों के भीतर भेज सकते हैं। आयोग उसकी गहराई से जांच कर आवश्यक कार्रवाई करेगा।
आयोग इन मामलों को लेकर गंभीर है। आयोग के सचिव सुनील कुमार ने पत्र जारी कर कहा कि द्वितीय एवं तृतीय चरण की परीक्षा के प्रश्नपत्र वायरल होने की बात कही जा रही है। उन्होंने संबंधित परीक्षार्थियों और आम लोगों से प्रश्न पत्रों के लीक होने के संबंध में प्रमाण उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
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उन्होंने कहा कि उपलब्ध कराए गए प्रमाण को अग्रतर कार्रवाई के लिए आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना को भी भेजा जा सकता है। कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा स्वार्थ सिद्धि के लिए उक्त परीक्षा के संबंध में भ्रामक अफवाहें फैलाई जा रही हैं।