कांग्रेस की जीत का सपना देख रही पार्टी के अध्यक्ष राहुल गाँधी को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब बुधवार को हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने सख्त तेवर के साथ ऐलान किया की उनकी पार्टी राजस्थान, और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ चुनाव नहीं लड़ेगी. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में गठबंधन के साथ कम से कम जीत की उम्मीद लगाई बैठी कांग्रेस यह मानकर चल रही थी कि मायावती के साथ इन तीन राज्यों में जीत का स्वाद चख लेगी, मगर अब मायावती के इस ऐलान के बाद कांग्रेस के लिए जीत का यह रास्ता बहुत ही कठिन हो गया है|
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया की कांग्रेस पार्टी बसपा के अस्तित्व को खत्म करना चाहती है. साथ ही यह कहा कि कांग्रेस खुद अपनी सहयोगी या फिर फ्रेंडली पार्टियों को नुकसान पहुंचाना चाहती है. उन्होंने यह भी कहा कि दरअसल, कांग्रेस कभी चाहती ही नहीं की बीजेपी हारे. हालांकि, मायावती के इस ऐलान के बाद भले ही कांग्रेस पार्टी सकते में हो, मगर बीजेपी को जैसे संजीवनी मिल गई हो.
हालांकि, अभी तक लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर मायावती ने कुछ भी नहीं बोला है. उन्होंने अपना सस्पेंस कायम रखा है. मगर विधानसभा चुनाव से पहले मायावती का एकला चलो का ऐलान कांग्रेस ही नहीं, बल्कि विपक्षी एकता के लिए भी नुकसानदायक ही साबित होगा. हो सकता है कि बसपा के अलग होने से कांग्रेस को इन राज्यों में नुकसान उठाना पड़े.