6 दिसंबर भारत में महापरिनिर्माण दिवस के रूप में मनाया जाता है, आज डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि है। वह एक अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और सामाज सुधारक थे, उन्हें ‘भारतीय संविधान का पिता’ भी कहा जाता है। डॉक्टर अंबेडकर ने दलित, महिला और श्रम के खिलाफ सामाजिक भेदभाव को खत्म करने के लिए अभियान चलाए थे। आज उनकी 61 वीं पुण्यतिथि पर हम आपको डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में 14 तथ्य बताने जा रहे हैं।
1- 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू गांव में रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई के घर चौदहवीं और आखिरी संतान पैदा हुई थी। इनके पिता रामजी मालोजी सकपाल सूबेदार मेजर थे। यह ब्रिटिश शासन में किसी भारतीय के लिए सबसे बड़ी पोस्ट थी।
2- डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का नाम आंबावडेकर था। उनके टीचर ने उनका नाम अंबेडकर रखा था।
3- 15 साल की उम्र में सन 1906 में अंबेडकर की शादी नौ साल की रमाबाई से हुई थी। 1908 में वे एलफिंस्टन कॉलेज में दाखिला लेने वाले पहले दलित बच्चे बने।
4- अंबेडकर के पास कुल 32 डिग्री थीं। वो विदेश जाकर अर्थशास्त्र में पीएचडी करने वाले पहले भारतीय थे।
5- डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पहले दलित थे जिन्होंने मेट्रिक पास की।
6- डॉ. अंबेडकर पेशे से वकील थे। वो 2 साल तक मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज में प्रिंसिपल भी रहे थे।
7- डॉक्टर अंबेडकर को संविधान का निर्माता कहा जाता है। संविधान अगर अल्पसंख्यकों के कल्याण को ध्यान में नहीं रखता तो वह उसे जला देना चाहते थे।
8- डॉक्टर अंबेडकर भारतीय संविधान की धारा 370, जिसके अनुसार जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त है के सख्त खिलाफ थे। उन्हें लगा कि यह भेदभावपूर्ण है और एकता और अखंडता के सिद्धांतों के खिलाफ है। यह जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देता है।
9- डॉक्टर अंबेडकर को 1947 में देश का पहला लॉ एंड जस्टिस मिनिस्टर बनाया गया था। वूमन राइट्स बिल रिजेक्ट होने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
10- मध्य प्रदेश और बिहार को विभाजित करने का विचार पहले अंबेडकर द्वारा प्रस्तावित किया गया था। 1912 में दोनों राज्य बने।
11- अंबेडकर ने 1942 में नई दिल्ली में भारतीय श्रम सम्मेलन के 7 वें सत्र में भारत में काम करने के घंटों को 14 घंटे से घटाकर 8 घंटे कर दिया था।
12- 1935-36 में अंबेडकर ने ‘वेटिंग फॉर ए वीजा’ नाम से 20 पेज की ऑटोबायोग्राफी लिखी। इसका इस्तेमाल कोलंबिया यूनिवर्सिटी एक टेक्स्ट बुक के तौर पर करती है।
13- अपनी मृत्यु से तीन दिन पहले उन्होंने अपनी पांडुलिपि – बुद्ध और उनका धम्म (The Buddha and his Dhamma) को पूरा किया।
14- अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में अंबेडकर डायबिटीज से बुरी तरह पीड़त हो गए थे। 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में उनका निधन हो गया।