कन्नड़ फिल्म स्टार उपेन्द्र को बीजेपी का समर्थक माना जाता था, और ये चर्चा जोर-शोर से चल रही थी कि वो अमित शाह के 12 अगस्त, को कर्नाटक दौरे पर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। लेकिन यहां बाजी उल्टी पड़ती दिख रही है। उपेन्द्र ने तो उल्टे ही अपनी पार्टी बनाने का एलान कर दिया है। खास बात ये है कि उपेन्द्र ने पार्टी बनाने का एलान उसी दिन (12 अगस्त) को किया जिस दिन अमित शाह कर्नाटक दौरे पर थे।
ऐसा क्यों किया?
अब सवाल ये है कि उपेन्द्र ने ऐसा क्यों किया? इस घोषणा पर गौर किया जाए तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। पहली बात तो ये कि बीजेपी से उनकी किसी मसले पर बात बनी नहीं होगी। दूसरी ये कि अमित शाह के कहने पर ही उन्होंने पार्टी बनाने का एलान किया हो, लेकिन आप सोचेंगे कि वो बीजेपी के समर्थक हैं और अपनी पार्टी बना रहे हैं तो वोट तो बीजेपी का ही कटेगा तो हम आपको बता दें कि भाषा और कर्नाटक का अलग झंडा मामले में कांग्रेस ने स्थानीय लोगों में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है ऐसे में हो सकता है कि स्थानीय वोट में सेंध लगाने के लिए अमित शाह उपेन्द्र का प्रयोग इस तरह से कर रहे हों। तीसरी संभावना ये है कि बीजेपी से बात नहीं बनने पर कांग्रेस ने उन्हें बीजेपी का वोट काटने के लिए पार्टी बनाने के लिए उकसाया होगा। लेकिन अगर ऐसा है तो कर्नाटक के विधानसभा चुनाम में ये बीजेपी के लिए झटका ही है।
उपेन्द्र ने क्या कहा?
उपेन्द्र ने पार्टी बनाने का एलान करते हुए कहा कि हमें ऐसे नेताओं की जरूरत है जो हमारे समस्याओं को ना केवल समझता हो बल्कि वो उसका हल भी निकाल सकें, पर ऐसा होता नहीं है, हमारे कई नेता तो शिक्षित भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम पार्टी बनाने का हमारा उदेश्य केवल जीतना नहीं है बल्कि हम पार्टी का कोई भारी भरकम प्रचार भी नहीं करेंगे।