आम चुनाव के प्रचार में व्यस्त भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से बीजेपी विधायक अशोक सिंह चंदेल को हमीरपुर बहुचर्चित हत्याकांड में दोषी पाया है और विधायक अशोक सिंह चंदेल समेत 10 लोगों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। बता दें कि 22 साल पहले हमीरपुर के एक बाज़ार में पांच लोगों की हत्या राजनीतिक रंजिश की कारण की गई थी। इस सामूहिक हत्याकांड में अशोक सिंह चंदेल समेत 12 आरोपियों पर मुक़दमा दर्ज हुआ था।
दूसरे चरण का मतदान ख़त्म हो चुका है। अब सभी राजनीतिक पार्टियों की नज़र तीसरे चरण में होने वाले मतदान पर टिकी है, लेकिन उससे पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के हमीरपुर से बीजेपी विधायक अशोक सिंह चंदेल समेत 10 लोगों को बहुचर्चित हमीरपुर हत्याकांड में दोषी क़रार देते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश ज़रूर करेंगी।
क्या था पूरा मामला?
हमीरपुर से विधायक अशोक सिंह चंदेल और
भाजपा नेता राजीव शुक्ला में लंबे समय से राजनीतिक रंजिश थी। 26 जनवरी 1997 को देर शाम
भरे बाज़ार में राजीव शुक्ला के दो सगे भाइयों और भतीजों समेत पांच लोगों की हत्या
हुई थी। इसमें राजीव शुक्ला के बड़े भाई राजेश शुक्ला, राकेश शुक्ला, राकेश का पुत्र गणेश
के अलावा वेद प्रकाश नायक और श्रीकांत पांडे थे। वेद प्रकाश और श्रीकांत इनके निजी
सुरक्षाकर्मी थे। इस सामूहिक हत्याकांड में विधायक अशोक सिंह चंदेल के निजी गनर
समेत 12 नामज़द आरोपियों के
खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।
गिरफ्तार आरोपी अजय सक्सेना दोनों पक्षों के बीच मुकदमे में
मुख्य गवाह थे। मुकदमे में विधायक समेत 11 लोगों को अपर ज़िला एवं सत्र
न्यायाधीश अश्विनी कुमार ने बरी कर दिया था। इसके बाद राजीव शुक्ला ने मामले की अपील इलाहाबाद
हाईकोर्ट में की थी। 22 साल तक चले इस मामले में पूर्व में हाईकोर्ट से एक आरोपी रूक्कू
को हाज़िर होने पर अदालत आजीवन कारावास की सजा दे चुकी है। आज हाईकोर्ट ने सामूहिक
हत्याकांड का दोषी मानते हुए भाजपा विधायक अशोक सिंह चंदेल समेत 10 दोषियों को
आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई।