त्रिपुरा: बिप्लब देब ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, कहा गलती पर कान पकड़ने की छूट

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शुक्रवार की सुबह त्रिपुरा के लिए एक नया सूरज चमका. देश के पूर्वोत्तर में स्थित इस राज्य में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है और आज इसी जीत पर मुहर लगाने का दिन था. भाजपा के जुझारू नेता बिप्लब कुमार देब ने त्रिपुरा के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है.

ये शपथ ग्रहण समारोह भाजपा के लिए कितना ख़ास था इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार सहित बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद रहे.

गौरतलब है कि त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई में प्रदेश में पहली बार सरकार बनी है. पिछले लगभग ढाई दशक से यहाँ पर वाम दलों की सत्ता थी. भाजपा-आईपीएफटी ने 18 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में 59 में से 43 सीटों पर जीत दर्ज की. प्रदेश के 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की है वहीं आईपीएफटी की झोली में आठ सीटें आई हैं.

ऐसा रहा पहला भाषण

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने शपथ ग्रहण के बाद कहा कि ‘वैभवशाली त्रिपुरा बनाने के लिए सबका साथ ज़रूरी है. इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व का आशीर्वाद चाहिए. आज 37 लाख राज्यवासियों का दिन है. उन्होंने उपस्थित जनसमूह से कहा कि कहीं गलती होती है तो, गांव से लेकर शहर तक, मैं मुख्यमंत्री नहीं हूँ, आप में से कोई भी मुझे अपना पुत्र, भाई समझकर मेरे पास आइएगा. कान पकड़ कर मेरी गलती ठीक कराइएगा. मैं एकदम नया हूँ, मुझे आशीर्वाद दीजिएगा.’ बिप्लब ने कहा कि ‘मेरे त्रिपुरावासियों, बीजेपी नेताओं ने इस जीत के लिए पर्दे के पीछे से बहुत मेहनत की है. सभी मंत्रियों, बड़ों से आशीर्वाद मिला है. जिस विश्वास के साथ आप लोगों ने सरकार बनाई है, आपके विश्वास पर खरा उतरेंगे.’

राज्य में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बने बिप्लब ने कहा कि प्रधानमंत्री के आशीर्वाद से चाहेंगे कि त्रिपुरा को बड़ा राज्य बना सकें. विजन डॉक्युमेंट लागू कर सकें. इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व का आशीर्वाद चाहिए.

Biplab dev -

बिप्लब कुमार देब का परिचय

बिप्लब कुमार देब का जन्म 25 नवंबर 1969 को त्रिपुरा में गोमती जिले के राजधर नगर गांव में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता हराधन देब जनसंघ के स्थानीय नेता थे. बिप्लब देब ने त्रिपुरा के उदयपुर कॉलेज से 1999 में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए. मीडिया रिपोर्ट के हवाले से खबर है कि शुरुआत में उन्होंने जिम इंस्ट्रक्टर का भी काम किया, लेकिन देब ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि वह जिम सिर्फ एक्सरसाइज करने जाते थे. दिल्ली में वह राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े और 16 साल तक संघ के कार्यकर्ता बने रहे. उन्होंने संघ के दिग्गज नेताओं गोविंदाचार्य और कृष्णगोपाल शर्मा के संरक्षण में ट्रेनिंग ली. बिप्लब देब की पत्नी नीति स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अधिकारी हैं. बिप्लब देब के दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी है.

भाजपा के विश्वसनीय नेता

2014 में बनारस में लोकसभा चुनाव की पीएम मोदी की कैंपेनिंग को मैनेज करने का श्रेय भी बिप्लब देब के नाम जाता है. इसके बाद ही बिप्लब देब त्रिपुरा भेजे गए थे. नॉर्थ-ईस्ट में पीएम मोदी की खासी दिलचस्पी थी. इसलिए साल 2014 में मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद बिप्लब देब को दिल्ली से त्रिपुरा भेजा, ताकि बीजेपी वहां अपनी पैठ जमा सके.