लोकसभा चुनाव 23 मई को आने हैं लेकिन मध्यप्रदेश की सरकार में अभी से हलचल मचनी शुरू हो गयी है. असल में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उनके MLA को पैसे और पद का प्रलोभन दे कर खरीदने का प्रयास किया जा रहा है.
असल में कुछ दिन पहले प्रदेश सरकार में मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर ने भी भाजपा पर आरोप लगाया था कि वे कांग्रेस के विधायकों को पैसे देकर खरीदने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि इस मुद्दे पर कमलनाथ का कहना है कि उन्हें अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है.
मालूम हो कि पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने सरकार बनाई है लेकिन उनके पास भाजपा से बस कुछ ही सीट कम है, ऐसे मसले में सरकार के गिरने की आशंका को भी खारिज नही किया जा सकता है.
मसलन अगर इतिहास पर नजर डालें तो 70 और 80 के दशक में केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष के कई राज्य सरकारों को बर्खास्त करने का रिकॉर्ड रहा है लेकिन अब न तो वैसे परिस्थिति है और न ही वो समय. लेकिन फिर भी मध्य प्रदेश में मची इस हलचल से किनारा नही किया जा सकता है.
फिलहाल अभी तो 23 मई तक का इंतज़ार करना ही उचित होगा, क्योंकि केंद्र में सरकार तभी बनेगी और मध्यप्रदेश की राजनीती की भी किस्मत लगभग उसी पर निर्भर है.