BJP ने आदिवासी वोट बैंक को साधने ‘मैदान’ में उतारे 3 मंत्री, कांग्रेस ने भी किए बड़े बदलाव ! | BJP fields 3 ministers to tap tribal vote bank | News 4 Social

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BJP ने आदिवासी वोट बैंक को साधने ‘मैदान’ में उतारे 3 मंत्री, कांग्रेस ने भी किए बड़े बदलाव ! | BJP fields 3 ministers to tap tribal vote bank | News 4 Social

BJP ने आदिवासी वोट बैंक को साधने ‘मैदान’ में उतारे 3 मंत्री, कांग्रेस ने भी किए बड़े बदलाव ! | BJP fields 3 ministers to tap tribal vote bank | News 4 Social


इंदौर। भाजपा ने मप्र की नई सरकार के मंत्रीमंडल में संतुलन बनाकर लोकसभा चुनाव को लेकर बिसात बिछा दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी मंत्रीमंडल का विस्तार कर मालवा-निमाड़ के तीन आदिवासी वर्ग के विधायकों को मौका दिया है। क्षेत्र की सबसे कमजोर लोकसभा सीट मानी जाने वाली रतलाम से दो मंत्री बनाए गए हैं। एक कद्दावर मंत्री भी फिर से कुर्सी पाने में कामयाब रहे हैं।

लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने प्रदेश में बड़े बदलाव किए, जिसमें गंधवानी विधायक उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाकर मजबूत किया। वैसे तो वे धार लोकसभा में आते हैं, लेकिन समाज में खासी पकड़ रखते हैं। मजबूत होने का असर स्थानीय तो ठीक, रतलाम-झाबुआ के अलावा बड़वानी लोकसभा पर भी पड़ता है। कांग्रेस की रणनीति के चलते भाजपा ने भी अपना दाव खेल दिया, जिसका असर मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मंत्रीमंडल में नजर भी आ रहा है।

विजय शाह : खंडवा और बड़वानी सीट पर मिलेगा फायदा

मालवा-निमाड़ से वैसे तो सात मंत्रियों को जगह दी गई है, लेकिन उसमें से तीन आदिवासी वर्ग से ताल्लूक रखते हैं। हरसूद से लगातार चुनाव जीतने वाले कद्दावर विधायक विजय शाह एक बार फिर सरकार में जगह बनाने में सफल रहे। वैसे तो लोकसभा चुनाव की दृष्टी से देखा जाए तो शाह की विधानसभा बैतूल में आती है, लेकिन उनका प्रभाव खंडवा और बड़वानी सीट के आदिवासी अंचल में भी है।

नागर सिंह, निर्मला भूरिया व चेतन कश्यप : रतलाम-झाबुआ सीट पर किया फोकस

भाजपा ने रतलाम-झाबुआ लोकसभा को मजबूत किया है। यहां से अलीराजपुर विधायक नागर सिंह और पेटलावद विधायक निर्मला भूरिया को मंत्री बनाया गया। गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद यहां पर 89 हजार वोटों से डीजी डामोर चुनाव जीतकर सांसद बने थे। कांग्रेस की रणनीति के हिसाब से जीतने वाली सीट है, जिस पर मेहनत की जा सके। इस वजह से भाजपा ने भी अपने विधायकों को मजबूत किया। यहीं से सामान्य सीट से चेतन्य काश्यप को भी मंत्री बनाया गया। एक ही लोकसभा से तीन मंत्री हो गए हैं।

मालवा को साधा : कैलाश, सिलावट और परमार को मौका

मंत्रीमंडल में इंदौर से कैलाश विजयवर्गीय को मंत्री बनाया गया। एक दशक बाद में मध्यप्रदेश सरकार में फिर से उनकी वापसी हो गई, जबकि वे राष्ट्रीय महासचिव जैसे महत्वपूर्ण और बड़े पद पर काबिज हैं। कई राज्यों के चुनाव प्रभारी रहे, जिसमें उनके नेतृत्व में सरकार भी बनी। शिवराज सरकार के मंत्री रहे सांवेर विधायक तुलसीराम सिलावट व शुजालपुर विधायक इंदर सिंह परमार को मालवा से फिर से मौका दिया गया।

कुछ नेताओं को इसलिए हो गया नुकसान

मंदसौर लोकसभा क्षेत्र से उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा आते हैं। इस वजह से यहां पर मंत्री रहे ओमप्रकाश सखलेचा और हरदीपसिंह डंग को मौका नहीं दिया गया, वहीं धार लोकसभा से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया। इससे लगी हुई रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से भूरिया को मंत्री बनाकर पार्टी ने महिला और आदिवासी दोनों का संतुलन किया है, जिसकी वजह से उषा ठाकुर को मौका नहीं मिल सका।

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