Bitcoin latest news: बिटकॉइन पर सरकार की ‘कभी हां कभी ना’, अजीब दुविधा में निवेशक

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Bitcoin latest news: बिटकॉइन पर सरकार की ‘कभी हां कभी ना’, अजीब दुविधा में निवेशक

हाइलाइट्स

  • क्रिप्टोकरेंसीज की लोकप्रियता में हाल के वर्षों में काफी तेजी आई है
  • भारत में 10 करोड़ से अधिक लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसीज होने का अनुमान
  • लेकिन बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज पर सरकार का रुख अभी साफ नहीं है
  • सरकार संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में इस पर एक बिल ला सकती है

नई दिल्ली
दुनियाभर में पिछले कुछ वर्षों से बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की लोकप्रियता काफी बढ़ी है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। इंडस्ट्री के सूत्रों की मानें तो देश में 10 करोड़ से अधिक लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है। इसमें युवाओं के साथ सीनियर सिटीजंस भी शामिल हैं। देश में क्रिप्टो ऑनर्स की संख्या अमेरिका से अधिक है। हालांकि होल्डिंग की वैल्यू के हिसाब से अमेरिका आगे है। लेकिन क्रिप्टोकरेंसीज पर सरकार का रुख अभी साफ नहीं है जिससे क्रिप्टो ऑनर्स दुविधा में हैं।

सरकार इस समय दुविधा में नजर आ रही है और उसका आखिरी फैसला क्या होगा, इसका पता तो संसद में विधेयक पेश किए जाने के बाद ही पता चल पाएगा। देश में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर अभी कोई सरकारी गाइडलाइन या नियम-कानून नहीं हैं। सरकार संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में एक बिल पेश कर सकती है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक सरकार बिटकॉइन सहित सभी क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगा सकती है।

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सरकार की दुविधा
हालांकि बिल में तकनीक को जारी रखने की बात कही गई है। इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। इंडस्ट्री का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसीज पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है और बिटकॉइन, ईथर और डॉगकॉइन जैसी करेंसीज को रियायत मिल सकती है। वर्चुअल करेंसी को रेगुलेट करने पर सरकार की एससी गर्ग समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसके अलावा सरकार के पास कई मंत्रालयों की एक संयुक्त समिति की रिपोर्ट भी है।

जानकारों का कहना है कि एससी गर्ग समिति ने क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में पाबंदी लगाने की सलाह दी है। लेकिन मार्च में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने संकेत दिए थे कि वर्चुअल करेंसियों को केवल रेगुलेट किया जाएगा, उन पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार एक जोखिम भरा क्षेत्र है और यह नियामक ढांचे में नहीं है। इस लिए इस पर अच्छी-तरह से विचार करना बेहद जरूरी है।

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विज्ञापनों पर रोक नहीं
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अभी तक क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विज्ञापनों पर किसी तरह का प्रतिबंध लगाने पर कोई फैसला नहीं लिया गया। इससे पहले खबर आई थी कि WazirX और bitbns जैसी कंपनियों ने क्रिप्टो से जुड़े विज्ञापन फिलहाल बंद करने का फैसला किया है। भारत में वर्चुअल करेंसी के बारे में आम लोगों की समझ बहुत कम है, लेकिन उसके बाद भी बहुत से लोग बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी में निवेश कर रहे हैं। क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स ने प्रिंट और टेलीविजन एडवर्टाइजमेंट से कुछ दिनों तक दूर रहने का फैसला किया है।

बिटबीएनएस ने अपने मौजूदा विज्ञापन बंद करने का फैसला किया है। बिट बीएनएस के विज्ञापन में कहा जाता है कि बिटकॉइन के फिक्स्ड डिपॉजिट में बैंक डिपॉजिट की तुलना में 4 गुना तक अधिक मुनाफा हो सकता है। इस मामले से जुड़े लोगों के अनुसार क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के दबाव के बाद बिटबीएनएस ने इस तरह का विज्ञापन रोकने का फैसला किया है। बिटबीएनएस के चीफ एग्जिक्यूटिव ने विज्ञापन बंद करने की पुष्टि की है।

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विज्ञापनों की बमबारी
पिछले कुछ वक्त में क्रिप्टो एक्सचेंज ने क्रिकेट इवेंट को विज्ञापनों से भर दिया है। इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि कंपनियां अब इस तरह के विज्ञापन बंद करने और अपने दावे को वापस लेने पर विचार कर रही हैं। क्रिप्टो एक्सचेंज के विज्ञापनों की पड़ताल की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टो एक्सचेंज और ट्रेडिंग प्लेटफार्म अनाप-शनाप दावे कर निवेशकों को भ्रमित कर रही हैं।

सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और पूंजी बाजार नियामक सेबी के माध्यम से इसको लेकर जागरुकता पैदा करने को कदम उठाए गए हैं। इसे लेकर तैयार किया गया क्रिप्टोकरेंसी बिल जल्द ही पेश किया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि इसके संभावित खतरों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। भारत में क्रिप्टो करेंसी से संबंधित धोखाधड़ी के मामले देखने को मिले हैं। इस तरह के आठ मामलों की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा फिलहाल जांच की जा रही है।

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लेनदेन के आंकड़े नहीं रखती सरकार
इससे पहले शीतकालीन सत्र के पहले दिन सीतारमण ने एक लिखित जवाब में कहा कि सरकार बिटकॉइन के लेनदेन के आंकड़े एकत्र नहीं करती है और इसे करेंसी के रूप में मान्यता देने की कोई योजना नहीं है। आरबीआई ने 2018 में क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में यह बैन हटाया था। क्रिप्टोकरेंसीज के रेग्युलेशन के लिए इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स और केंद्र के बीच बातचीत चल रही है। लेकिन आरबीआई लगातार इसके खतरों से सरकार को आगाह कर रहा है।

इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि देश में क्रिप्टोकरेंसीज पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं होगा। बिटकॉइन का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ डॉलर से अधिक है। सरकार ने क्रिप्टोकरेंसीज को एसेट क्लास में डालने की बात कही थी। इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि बिटकॉइन को एसेट क्लास में क्लासीफाई किया जा सकता है। Blockchain and Crypto Assets Council के मुताबिक भारत में 6 लाख करोड़ रुपये की क्रिप्टो एसेट्स है। जयंत सिन्हा की अगुवाई वाली Standing Committee on Finance ने क्रिप्टो एक्सचेंजेज, ब्लॉकचेन और Crypto Assets Council (BACC) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। समिति का कहना था कि क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन नहीं लगाया जाना चाहिए बल्कि इन्हें रेगुलेट करना चाहिए।

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