Bihar Teacher: बीपीएससी TRE 1 में चयनित शिक्षकों के साथ नया खेल; नियुक्ति देना मजबूरी हुई तो वेतनपर्ची मांग दी

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Bihar Teacher: बीपीएससी TRE 1 में चयनित शिक्षकों के साथ नया खेल; नियुक्ति देना मजबूरी हुई तो वेतनपर्ची मांग दी
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Bihar Teacher: बीपीएससी TRE 1 में चयनित शिक्षकों के साथ नया खेल; नियुक्ति देना मजबूरी हुई तो वेतनपर्ची मांग दी


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विकास भवन पहुंचे चयनित शिक्षक कागजात मिलाते दिख रहे थे। अंदर जाने पर नया कागज मांग दिया गया।
– फोटो : NEWS4SOCIALडिजिटल

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बिहार लोक सेवा आयोग से नौकरी के लिए चयनित होने के बाद भी खेला हो जाता है। बीपीएससी TRE1 की परीक्षा में चयनित शिक्षकों के साथ तो ऐसा जरूर हुआ है। इस परीक्षा के मुख्य परिणाम में सफल रहे जिन प्रमाणपत्र वाले शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया, उसी प्रमाणपत्र वालों को पूरक परिणाम जारी होने के बाद नियुक्ति पत्र से ठीक पहले अवैध बता दिया गया। जिला आवंटन किए जाने के बाद भी नियुक्ति नहीं दी गई। ‘अमर उजाला’ ने तब भी इसपर सवाल उठाया था। तब शिक्षा विभाग की कमान विवादित आईएएस अधिकारी केके पाठक के पास थी। अभ्यर्थियों को कोई राहत नहीं मिली। अब कोर्ट के एक फैसले के कारण शिक्षा विभाग को जब यह प्रक्रिया आगे बढ़ानी पड़ी तो मांगे गए दस्तावेज से अलग कागज सत्यापन के समय मांग दिए गए। फिर मामला लटकाने की कोशिश दिख रही है।

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क्या है मामला और अब क्यों हंगामा होने वाला है

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार नौकरियां देने की बात कर रहे हैं। शिक्षा में सुधार के लिए विभाग के मौजूदा अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ भी लगातार जमीन पर काम कर रहे हैं। लेकिन, इसी के साथ शिक्षा विभाग में मनमानी का भी रवैया सामने आ रहा है। शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार की ओर से पिछली बार एक विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें TRE-1 के तहत बीपीएससी की ओर से प्रकाशित परीक्षाफल में अनुशंसित विद्यालय अध्यापकों के दस्तावेज सत्यापन की तारीख 10 फरवरी 2025 निर्धारित की गई थी। सोमवार 10 फरवरी की सुबह ही विकास भवन में इन सफल परीक्षार्थियों ने पहुंचकर इंतजार करना शुरू किया। जो कागजात मांगे गए थे, सारे लेकर पहुंचे थे। लेकिन, अंदर जाते ही इनसे एक ऐसे कागज की मांग की गई कि सभी का गला सूखने लगा।

दरअसल, इनसे 2017 में प्राइवेट स्कूलों में काम करने के दौरान का प्रमाणपत्र मांगा गया था और सत्यापन के समय अचानक उस समय की वेतनपर्ची मांग दी गई। कुछ बड़े चुनिंदा प्राइवेट स्कूलों को छोड़ दें तो कहीं भी वेतनपर्ची, यानी सैलरी स्लिप के साथ भुगतान नहीं होता है। सरकार वेतनपर्ची की गारंटी अभी के स्कूलों में भी नहीं ले सकती है और इन चयनित परीक्षार्थियों से 2017 और उससे पहले की वेतनपर्ची मांग दी गई है। इस कारण विकास भवन में तनाव की स्थिति है। कहीं सब्र न टूट जाए, यह देखने के लिए मीडियाकर्मी भी जुटने लगे हैं।

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