बिहार में बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं और बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर आम जनता का आक्रोश अब खुलकर सामने आने लगा है। इसी सिलसिले में इंकलाबी नौजवान सभा, आइसा और एपवा के बैनर तले सैकड़ों कार्यकर्ता बुधवार को सीवान की सड़कों पर उतर आए। उन्होंने अंबेडकर पार्क से बेबुनिया मोड़ होते हुए जेपी चौक तक मार्च निकालकर पीड़िताओं को न्याय और सरकार से जवाबदेही की मांग की।
न्याय की लड़ाई के लिए सड़कों पर उतरे युवा और महिलाएं
मार्च में शामिल प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर आरोप लगाया कि राज्य में महिला सुरक्षा की हालत बेहद चिंताजनक है। न केवल दुष्कर्म की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं, बल्कि पीड़िताओं को समय पर उचित इलाज तक नहीं मिल रहा है। जेपी चौक पर आयोजित जनसभा में वक्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को कटघरे में खड़ा किया।
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‘हर दिन हो रहे हैं रेप, कहां है न्याय के साथ विकास?’
सभा को संबोधित करते हुए एपवा की राज्य अध्यक्षा सोहिला गुप्ता ने कहा कि नीतीश सरकार ‘न्याय के साथ विकास’ का दावा करती है। लेकिन हकीकत यह है कि हर दिन बिहार में बेटियों के साथ दुष्कर्म हो रहे हैं। मुजफ्फरपुर और पिरो की घटनाएं इसकी ताजा मिसाल हैं। पीड़िताओं को पीएमसीएच जैसे सरकारी अस्पतालों में भी समय पर इलाज नहीं मिला। मुजफ्फरपुर की नाबालिग पीड़िता ने छह घंटे तक एंबुलेंस में तड़पने के बाद दम तोड़ दिया। यह सरकार की संवेदनहीनता और स्वास्थ्य व्यवस्था की असफलता का सबसे कड़वा सच है।
‘बेटी बचाओ का नारा खोखला साबित’
इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष जयशंकर पंडित और जिला अध्यक्ष उपेंद्र गोंड ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार में बेटियां सबसे असुरक्षित हैं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्नेहा कुशवाह, मुजफ्फरपुर और पिरो की पीड़िताओं के साथ हुई घटनाएं बताती हैं कि यह सरकार सिर्फ जुमलों में विश्वास रखती है। अपराधियों की गिरफ्तारी में देरी सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि स्नेहा कुशवाह की मां ने प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं मिला। वहीं, मुजफ्फरपुर मामले में अपराधियों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाकर सख्त सजा देने की मांग की गई।
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स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की उठी मांग
सभा के दौरान वक्ताओं ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के इस्तीफे की मांग कर कहा कि जब मंत्री अपने ही विभाग को संभाल नहीं पा रहे, तो उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ देना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दोषियों को जल्द सजा नहीं मिली और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।
इस प्रदर्शन में विशाल यादव, अमित साह, सोनू कुशवाहा, प्रिंस पासवान, मंजू, गीता देवी सहित बड़ी संख्या में युवाओं और महिलाओं ने भाग लिया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह सिर्फ एक मार्च नहीं, बल्कि बिहार की बेटियों को न्याय दिलाने और आमजन की आवाज को सत्ता तक पहुंचाने का एक जनआंदोलन है।