Bihar Politics: उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी में जाएंगे या नीतीश ही पलट जाएंगे? बिहार में क्यों बढ़ रही है बेचैनी

8
Bihar Politics: उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी में जाएंगे या नीतीश ही पलट जाएंगे? बिहार में क्यों बढ़ रही है बेचैनी

Bihar Politics: उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी में जाएंगे या नीतीश ही पलट जाएंगे? बिहार में क्यों बढ़ रही है बेचैनी


Bihar Politics: बिहार के सियासी गलियारे में इस वक्त बेचैनी बढ़ रही है। जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के पार्टी से नाराजगी के चलते उनके बीजेपी में जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। दूसरी ओर, आरजेडी और जेडीयू में हो रही खटपट के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी एक बार फिर पलटी मारने की अटकलें तेज हो गई हैं। इन अटकलों को बीजेपी ने भी हवा दे दी है। बीजेपी उपेंद्र कुशवाहा को पहले ही खुला ऑफर दे चुकी है, तो वहीं पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी नीतीश को एनडीए में फिर से शामिल किए जाने की बात से इनकार नहीं कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में करीब डेढ़ साल का वक्त ही बचा है। उससे पहले बिहार की राजनीति किस ओर करवट लेगी, यह कहना अभी मुश्किल नजर आ रहा है।

अगस्त 2022 में एनडीए छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार की पार्टी में खलबली मची हुई है। जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा खुद को साइडलाइन किए जाने से नाराज हैं। वे खुद को नीतीश कुमार का वफादार बता रहे हैं लेकिन आरजेडी से डील होने की भी बात कर रहे हैं। उनके बीजेपी में जाने की अटकलें हैं। बीजेपी उन्हें खुला ऑफर तक दे चुकी है। पिछले दिनों उनकी दिल्ली में कुछ बीजेपी नेताओं से मुलाकात भी हुई। 

दूसरी ओर, आरजेडी और जेडीयू के बीच भी विभिन्न मुद्दों को लेकर तकरार हो रही है। हाल ही में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरती ग्रंथ बताया था। इसकी जेडीयू नेताओं ने निंदा करते हुए सरकार से बर्खास्त करने की मांग तक कर दी। मगर आरजेडी के नेता उनका समर्थन कर रहे हैं। आरजेडी कोटे से एक और मंत्री आलोक मेहता सवर्णों पर हमला बोलकर उन्हें अंग्रेजों का एजेंट बता चुके हैं। उस पर भी विवाद हो रहा है।

फिर पलटेंगे नीतीश कुमार?

बिहार के सियासी गलियारे में बढ़ रही बेचैनी के बीच चर्चा है कि नीतीश कुमार फिर पलट सकते हैं। वे लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन को छोड़कर वापस एनडीए में जा सकते हैं। पूर्व डिप्टी सीएम एवं बीजेपी सांसद सुशील मोदी से मंगलवार को पूछा गया कि क्या वे नीतीश का एनडीए में स्वागत करेंगे? इस पर उन्होंने कहा कि इस बारे में फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेगा। नीतीश कुमार तीन बार बीजेपी के साथ आए और फिर चले गए। वे बार-बार पलटते रहते हैं। सुशील मोदी ने नीतीश के बीजेपी के साथ गठबंधन में आने की बात से इनकार नहीं किया। ऐसे में राज्य में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

नीतीश फिर पलटेंगे? जेडीयू के बीजेपी संग जाने पर सुमो का रिएक्शन

उपेंद्र कुशवाहा बोले- जेडीयू के नेता बीजेपी के संपर्क में

कुशवाहा ने बीते रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा था कि जेडीयू में बड़े से बड़े नेता बीजेपी का करीबी है। उनके इस बयान से कयास लगाए गए कि नीतीश कुमार फिर से पाला बदल सकते हैं। इसके बाद सुशील मोदी के बयान ने इन अटकलों को और हवा दे दी। हालांकि, आने वाले समय में ऊंट किस करवट बैठेगा, यह तो वक्त ही बताएगा।

default -छलक गया नीतीश का दर्द- कोई आया, कोई चला गया, जिसे आगे बढ़ाया वो भाग गया…

नीतीश का पीएम कैंडिडेट बनने का सपना टूटा?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले साल देश भर के विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम शुरू की थी, जो कि अब ठंडे बस्ते में चली गई है। इस संबंध में उन्होंने सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार समेत अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से भी मुलाकात की थी, लेकिन कोई बात नहीं बन पाई। जेडीयू नेता उन्हें पीएम कैंडिडेट के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हैं। मगर AAP, बीआरएस, कांग्रेस सरीखी पार्टियों के नेताओं की अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं। इस वजह से नीतीश की मोर्चेबंदी की मुहिम काम नहीं आ रही है।

default -नीतीश से आगे केसीआर, एक साथ कई नेताओं को जुटाया

दूसरी ओर, महागठबंधन में आने के बाद नीतीश यह ऐलान कर चुके हैं कि 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। यानी कि वे तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर चुके हैं। सवाल यह भी है कि अगर 2024 के चुनाव से पहले नीतीश कुमार की राष्ट्रीय राजनीति में दाल नहीं गली और अगले चुनाव में तेजस्वी को बिहार की गद्दी सौंपने की नौबत आई तो फिर नीतीश क्या करेंगे?

 

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News