Bihar Politcs : बिहार से यूपी तक ‘राम पर संग्राम’, 2015 जैसा खेल दोहराना चाहता है विपक्ष?

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Bihar Politcs : बिहार से यूपी तक ‘राम पर संग्राम’, 2015 जैसा खेल दोहराना चाहता है विपक्ष?

Bihar Politcs : बिहार से यूपी तक ‘राम पर संग्राम’, 2015 जैसा खेल दोहराना चाहता है विपक्ष?


नीलकमल, पटना : बिहार समेत देश के कई हिस्सों से राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से विवादास्पद बयानबाजी की जा रही है। संभवतः देश में पहली बार यह देखने को मिल रहा है कि राजनीतिक दलों की ओर से हिंदुओं की आस्था पर प्रहार किए जा रहे हैं। इसके अलावा हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर गोलबंद हो रहे हिंदुओं को तोड़ने की कोशिश भी की जा रही है। उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान देते हुए उसमें लिखी कुछ चौपाई को हटाने की मांग की है। इससे पहले लालू यादव की पार्टी आरजेडी के विधायक और बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव (Bihar Minister Chandrashekhar Yadav) ने भी रामचरितमानस को लेकर विवादास्पद कमेंट (Ramcharitmanas Controversy) किया था।

लालू और अखिलेश की पार्टी के नेताओं की भाषा एक

यूपी में समाजवादी पार्टी का भी मुस्लिम यादव गठजोड़ यानी ‘MY’ समीकरण पर भरोसा रहा है। ठीक उसी तरह बिहार में लालू यादव की पार्टी के लिए भी मुस्लिम-यादव गठजोड़ किसी संजीवनी से कम नहीं है। राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से मुसलमान एक बार फिर कांग्रेस की ओर आकर्षित होने लगे हैं। देश के मुसलमानों को लगने लगा है कि केंद्र की सत्ता से बीजेपी को कांग्रेस ही हटा सकती है। लिहाजा क्षेत्रीय पार्टियों को वोट देने का कोई फायदा नहीं है। विश्लेषकों का कहना है कि यही वजह है समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल जैसे राजनीतिक दल के नेता, मुसलमानों को अपनी ओर बनाए रखने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।

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2015 बिहार चुनाव की तरह माहौल बनाना चाहता है विपक्ष?

बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और लालू यादव की आरजेडी ने मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। उस वक्त यह अनुमान लगाया जा रहा था कि बिहार की जनता लालू यादव को स्वीकार नहीं करेगी और इस चुनाव में बीजेपी को बहुमत मिल सकता है। लेकिन तब संघ प्रमुख मोहन भागवत का आरक्षण की समीक्षा करने वाला बयान सामने आ गया था। हालांकि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का आशय कुछ और था। लेकिन लालू यादव जैसे कुशल राजनीतिज्ञ ने भागवत के इस बयान का जमकर इस्तेमाल किया। लालू यादव बिहार की जनता के मन में यह बात बिठाने में कामयाब रहे की बीजेपी आने वाले समय में आरक्षण को ही समाप्त कर देगी। 2015 विधानसभा चुनाव को लालू प्रसाद यादव ने बैकवर्ड-फॉरवर्ड की लड़ाई में बदल दिया था। जिसका नतीजा यह हुआ कि नीतीश-लालू की जोड़ी वाली महागठबंधन ने प्रचंड बहुमत के साथ बिहार में सरकार का गठन किया।

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2024 लोकसभा चुनाव को भी बैकवर्ड बनाम फॉरवर्ड बनाने की कोशिश

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आरजेडी नेता बिहार के शिक्षा मंत्री का रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान का सही तरीके से अध्ययन करें। यह पता लगता है कि उन्होंने धार्मिक ग्रंथ का अपमान ही नहीं किया है। बल्कि उन्होंने रामचरितमानस के एक दोहे के जरिए यह बताने की कोशिश की है कि आदि काल से ही पिछड़ों को दबाने की कोशिश की जाती रही है। उन्होंने अपने बयान से पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, महादलित को यह संदेश देने की कोशिश की है। सामंतवादी सोच वाले शुरू से ही कमजोर वर्ग का दमन करते रहे हैं। यानी राष्ट्रीय जनता दल की ओर से 2024 लोकसभा चुनाव को भी बैकवर्ड-फॉरवर्ड की लड़ाई में बदलना चाहती है। यूपी के समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का भी उद्देश्य वही है।

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नीतीश के सहकारिता मंत्री का बयान भी इसी ओर करता है इशारा

राष्ट्रीय जनता दल के एक नेता ने जहां रामचरितमानस के जरिए पिछड़ा-अति पिछड़ा और दलित को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है। वहीं दूसरी तरफ आरजेडी के ही एक दूसरे नेता बिहार सरकार में सहकारिता मंत्री आलोक मेहता ने नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर अगड़ों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने पर सवाल उठाया है। नीतीश कुमार के मंत्री और आरजेडी के नेता आलोक मेहता ने तो फॉरवर्ड जाति को 10 फीसदी का आरक्षण देने वालों को अंग्रेजों का गुलाम तक बता दिया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों की गुलामी करने वालों ने ही यह व्यवस्था लागू की है। इसके अलावा उन्होंने मंदिर में पूजा किए जाने पर भी टिप्पणी करते हुए बीजेपी को घेरने की कोशिश की है।

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बिहार और देश की समझदार जनता सब समझ रही है: BJP

इस पूरे मसले पर बीजेपी के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म ग्रंथ पर विवादित टिप्पणी, भारतीय सेना को लेकर विवादित बयान और समाज को बांटने की विपक्षी कोशिश कामयाब नहीं होगी। बिहार के साथ-साथ देश की जनता काफी समझदार है। विकसित हो रहे भारत में दूर-दराज के गांव में भी इंटरनेट का साधन उपलब्ध है। प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि अब वह दिन बीत गए जब नेता झूठे बयान देकर देश की जनता को बरगला देते थे। और देश की जनता भी नेताओं के झूठी बातों को सुनकर भ्रमित हो जाती थी। लेकिन नए भारत की जनता इंटरनेट के माध्यम से नेताओं की ओर से कही गई बात की सच्चाई जान लेती है। इसलिए इस बार विपक्ष का कोई भी झूठा फंडा देश की जनता को भ्रमित नहीं कर सकता। प्रेम जी पटेल ने कहा कि देश में लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार प्रचंड बहुमत के साथ बनने जा रही है। बिहार में भी बीजेपी कम से कम 36 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेगी।

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