Bihar News : ‘शुक्रवार को स्कूलों को बंद करना स्कूलों में शरिया कानून लागू करने जैसा’ जानिए गिरिराज सिंह ने क्यों कही ये बात
केवल उर्दू होने के कारण इन स्कूलों को मदरसा समझ लिया गया है। जो कहीं से सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन भी स्कूलों के नाम में ‘उर्दू’ से मदरसे की तरह शुक्रवार की छुट्टी दी जा रही है। इसके लिए सरकार की तरफ से कोई आदेश नहीं है। गिरिराज सिंंह ने कहा यह स्कूलों में किसी खास धर्म का शरिया कानून लागू करने जैसा है। बेगूसराय के सांसद ने कहा कि इस तरह की घटना सबसे पहले उत्तर प्रदेश में सामने आईं थी। बिहार में भी इस तरह की घटना के सामने आने के बाद उन्होंने इसे शरिया कानून लागू करना बताया है।
पटना : हिंदुत्व के मुद्दे पर अपने साफ स्पष्ट और तीखे बयानों के लिए जाने जाने वाले केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार की छुट्टी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने बिहार के लगभग पांच सौ से ज्यादा उर्दू स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी को देश में शरिया कानून लागू करने जैसी घटना करा दिया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में आजादी के बाद से ही रविवार को छुट्टी की परंपरा है। जिसे शुक्रवार कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह किसी खास धर्म का शरिया कानून लागू करने जैसा है। बेगूसराय के सांसद ने कहा कि इस तरह की घटना सबसे पहले उत्तर प्रदेश में सामने आईं थी। बिहार में भी इस तरह की घटना के सामने आने के बाद उन्होंने इसे शरिया कानून लागू करना बताया है।
बिहार में स्कूलों के जरिए लागू किया जा रहा शरिया कानून?
मामला प्रकाश में आने के बाद उठे सवाल
बताते चलें कि बिहार के किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधेपुरा जैसे सीमावर्ती या जिलों के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में रविवार की छुट्टी की जगह शुक्रवार को बंद किए जाते हैं। इस घटना के प्रकाश में आने के बाद मामले ने तूल पकड़ा और इस तरह से आबादी के लिहाज से व्यवस्था बदलने को लेकर घमासान मचा है।
‘किसके आदेश पर शुक्रवार को बंद रहते हैं स्कूल?’, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मांगा जवाब
केवल नाम है ‘उर्दू’ स्कूल
नवभारत टाइम्स डॉट कॉम लगातार इस खबर पर निगाह बनाए हुए है। सबसे पहले नवभारत टाइम्स डॉट कॉम ने ही इस बात की आधिकारिक पुष्टि की थी कि किशनगंज में सरकार की जानकारी में 37 सरकारी स्कूलों को रविवार की जगह शुक्रवार को बंद किया जा रहा है। किशनगंंज के शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि ये स्कूल केवल उर्दू की पढ़ाई की वजह से उर्दू कहे जाते हैं। जहां सामान्य विषयों की ही पढ़ाई होती है। केवल एक सब्जेक्ट उर्दू है।
नाम में उर्दू होने से समझ लिया मदरसा
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी की मानें तो ये परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। जिस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि स्कूलों बिहार में ऐसे स्कूलों की संख्या 500 के आस-पास है। जिन्हें शुक्रवार को बंद रखा जा रहा है। उर्दू स्कूल की एक प्रिंसिपल ने NBT को बताया कि नाम में केवल उर्दू होने के कारण इन स्कूलों को मदरसा समझ लिया गया है। जो कहीं से सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन भी स्कूलों के नाम में ‘उर्दू’ से मदरसे की तरह शुक्रवार की छुट्टी दी जा रही है। इसके लिए सरकार की तरफ से कोई आदेश नहीं है।
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Web Title : Hindi News from Navbharat Times, TIL Network
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केवल उर्दू होने के कारण इन स्कूलों को मदरसा समझ लिया गया है। जो कहीं से सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन भी स्कूलों के नाम में ‘उर्दू’ से मदरसे की तरह शुक्रवार की छुट्टी दी जा रही है। इसके लिए सरकार की तरफ से कोई आदेश नहीं है। गिरिराज सिंंह ने कहा यह स्कूलों में किसी खास धर्म का शरिया कानून लागू करने जैसा है। बेगूसराय के सांसद ने कहा कि इस तरह की घटना सबसे पहले उत्तर प्रदेश में सामने आईं थी। बिहार में भी इस तरह की घटना के सामने आने के बाद उन्होंने इसे शरिया कानून लागू करना बताया है।
बिहार में स्कूलों के जरिए लागू किया जा रहा शरिया कानून?
बताते चलें कि बिहार के किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधेपुरा जैसे सीमावर्ती या जिलों के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में रविवार की छुट्टी की जगह शुक्रवार को बंद किए जाते हैं। इस घटना के प्रकाश में आने के बाद मामले ने तूल पकड़ा और इस तरह से आबादी के लिहाज से व्यवस्था बदलने को लेकर घमासान मचा है।
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केवल नाम है ‘उर्दू’ स्कूल
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नाम में उर्दू होने से समझ लिया मदरसा
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी की मानें तो ये परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। जिस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि स्कूलों बिहार में ऐसे स्कूलों की संख्या 500 के आस-पास है। जिन्हें शुक्रवार को बंद रखा जा रहा है। उर्दू स्कूल की एक प्रिंसिपल ने NBT को बताया कि नाम में केवल उर्दू होने के कारण इन स्कूलों को मदरसा समझ लिया गया है। जो कहीं से सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन भी स्कूलों के नाम में ‘उर्दू’ से मदरसे की तरह शुक्रवार की छुट्टी दी जा रही है। इसके लिए सरकार की तरफ से कोई आदेश नहीं है।
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