Bihar Municipal Election : कौन हैं मुजफ्फरपुर के ‘केजरीवाल’ जिनकी याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने सुनाया ये बड़ा फैसला, जानें

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Bihar Municipal Election : कौन हैं मुजफ्फरपुर के ‘केजरीवाल’ जिनकी याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने सुनाया ये बड़ा फैसला, जानें

Bihar Municipal Election : कौन हैं मुजफ्फरपुर के ‘केजरीवाल’ जिनकी याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने सुनाया ये बड़ा फैसला, जानें

पटना : हाईकोर्ट ने बिहार में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। पटना हाईकोर्ट ने पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव कराने से रोक लगा दी है। अब ऐसे में अक्टूबर में होने वाले निकाय चुनाव की इन सीटों पर वोटिंग नहीं होगी। कोर्ट के फैसले के हिसाब से सिर्फ जेनरल और सामान्य महिला वाली सीटों पर ही वोट डाले जा सकते हैं। NBT आपको उस शख्स से रूबरू करवा रहा है। जिनके प्रयासों की बदौलत पटना हाईकोर्ट को ये महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।

संजय की याचिका पर आया फैसला
जिनकी याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने बिहार निकाय चुनाव में बड़ा फैसला दिया है। उनका पूरा नाम संजय कुमार केजरीवाल है। संजय कुमार मुजफ्फरपुर वार्ड 20 के निवर्तमान पार्षद हैं। केजरीवाल सामाजिक और राजनीतिक रूप से काफी एक्टिव हैं। संजय कुमार केजरीवाल ने NBT से बातचीत में बताया कि मैंने ही पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होने कहा कि बिहार राज्य चुनाव आयोग की ओर से 11 सितंबर 2022 को अधिसूचना जारी हुई। जिसमें मेयर, डिप्टी मेयर सहित तमाम पदों के लिए आरक्षण सूची भी जारी की गई। उस आरक्षण सूची को देखकर मैं काफी आहत हुआ था। उसी वक्त मैंने पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कुमार मंगलम से संपर्क साधा। उसके बाद मैंने उनके माध्यम से याचिका दायर की।

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में दायर की थी याचिका
संजय कुमार केजरीवाल ने बताया कि ये याचिका सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के आलोक में दायर की गई। याचिका में कहा गया था कि पिछले 12 सालों से कोई जनगणना नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी ट्रिपल टेस्ट लेयर का संधारण नहीं हुआ। उसके अलावा आरक्षण आयोग समिति का गठन नहीं हुआ। याचिका में ये भी जिक्र किया गया था कि पूरे हिंदुस्तान की सूची में पिछड़ा वर्ग आता है। बिहार में आकर वो दो पार्ट में बंट जाता है। इस स्थिति में आरक्षण का लाभ सिर्फ एक्सट्रीमली बैकवर्ड क्लास को दे दिया जाता है। रेस्ट जो पिछड़े वर्ग के लोग हैं, उन्हें आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिलता।

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अधिवक्ताओं की सलाह पर दायर की याचिका
उन्होंने कहा कि मैंने इन तमाम मुद्दों का जिक्र करते हुए अपने अधिवक्ताओं की सलाह पर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उस याचिका पर लगातार बहस हुई। मुझे पता था कि इंसाफ के मंदिर में न्याय की उम्मीद जीत जाएगी। वहीं हुआ। आज पटना हाईकोर्ट का जो निर्णय आया है। उसका मैं स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि ये निर्णय तमाम बिहारवासियों की जीत है। मुजफ्फरपुर के 2 लाख 85 हजार वोटरों की जीत है। उन्होंने कहा कि अब हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि जहां-जहां ईबीसी के लिए आपने आरक्षण तय कर दिया है। वहां आप सामान्य चुनाव कराएं। नहीं तो, ट्रिपल टेस्ट लेयर का संधारण करें।

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पटना हाईकोर्ट को किया सादर प्रणाम
उन्होंने ये भी कहा कि पटना हाईकोर्ट ने ट्रिपल लेयर टेस्ट संधारण के अलावा आरक्षण रोस्टर तैयार करने की भी बात कही है। कोर्ट ने आरक्षण आयोग समिति के गठन का आदेश भी दिया है। उसके बाद आरक्षण रोस्टर को लागू करने की बात कही है। तब चुनाव कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि ये एक बहुत बड़ी जीत है। मैं समझता हूं, तमाम लोगों की जीत है। मैं पटना हाईकोर्ट को सादर प्रणाम करता हूं।

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