Bihar: सरकारी अस्पताल में मोबाइल की रोशनी में इलाज का वीडियो सामने आया, पूर्व सूचना के बावजूद बरती लापरवाही

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Bihar: सरकारी अस्पताल में मोबाइल की रोशनी में इलाज का वीडियो सामने आया, पूर्व सूचना के बावजूद बरती लापरवाही
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Bihar: सरकारी अस्पताल में मोबाइल की रोशनी में इलाज का वीडियो सामने आया, पूर्व सूचना के बावजूद बरती लापरवाही

रोहतास जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सदर अस्पताल सासाराम की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बीते मंगलवार रात ट्रामा सेंटर में बिजली गुल होने के दौरान मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। यह दृश्य स्वास्थ्य व्यवस्था की खस्ता हालत और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की स्पष्ट तस्वीर पेश करता है।

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20 मिनट तक अंधेरे में तड़पते रहे मरीज

जानकारी के मुताबिक, मंगलवार की रात करीब 10 बजे के आसपास ट्रामा सेंटर की बिजली गुल हो गई और यह स्थिति लगभग 20 से 30 मिनट तक बनी रही। इस दौरान न तो बैकअप जनरेटर चालू किया गया और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई। परिणामस्वरूप डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी मोबाइल की टॉर्च जलाकर मरीजों का इलाज करते देखे गए। मरीज और उनके परिजन उमस भरी गर्मी और अंधेरे में बेहद परेशान रहे।

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जनरेटर होने के बावजूद अंधेरे में रहा ट्रामा सेंटर

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि अस्पताल परिसर में कई बड़े जनरेटर लगे होने के बावजूद बिजली गुल होते ही उनका उपयोग नहीं किया गया। वायरल वीडियो ने यह साबित कर दिया है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए किए गए करोड़ों रुपये के खर्च के बावजूद व्यवस्थाएं कागजों तक ही सीमित हैं।

 

पूर्व सूचना के बाद भी नहीं हुई तैयारी

बिजली विभाग की ओर से पहले ही अस्पताल प्रशासन को सूचित कर दिया गया था कि रात नौ बजे के बाद करीब आधे घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रहेगी, क्योंकि केबल बदली जानी है। लेकिन इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन ने कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं किया। अगर समय रहते जनरेटर चालू कर दिया गया होता, तो मरीजों और डॉक्टरों को इस संकट से नहीं गुजरना पड़ता।

 

स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल

वायरल वीडियो ने अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता और गैरजिम्मेदारी को उजागर कर दिया है। ट्रामा सेंटर जैसे अति संवेदनशील वार्ड में जहां जीवन और मृत्यु के बीच पल-पल का फर्क होता है, वहां इस तरह की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती थी। सवाल यह उठता है कि जब पूर्व सूचना मिल चुकी थी, तब अस्पताल प्रबंधन ने तैयारी क्यों नहीं की?

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स्थानीय लोगों में गुस्सा, जांच की मांग

वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों में भी रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि सदर अस्पताल में आए दिन अव्यवस्थाएं उजागर होती रहती हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। कई संगठनों ने इस मामले की जांच और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

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