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Bihar: वरिष्ठ पत्रकार डॉ. के. विक्रम राव को राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि, कहा- ‘वे एक योद्धा पत्रकार थे’

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Bihar: वरिष्ठ पत्रकार डॉ. के. विक्रम राव को राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि, कहा- ‘वे एक योद्धा पत्रकार थे’

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Bihar: वरिष्ठ पत्रकार डॉ. के. विक्रम राव को राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि, कहा- ‘वे एक योद्धा पत्रकार थे’

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वरिष्ठ पत्रकार एवं इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (IFWJ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. विक्रम राव को श्रद्धांजलि देने बुधवार को विधान परिषद सभागार में भावुक क्षणों का साक्षी बना। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उन्हें “लोकतंत्र को सशक्त करने वाले योद्धा पत्रकार” की संज्ञा दी। राज्यपाल ने कहा कि डॉ. विक्रम राव का जीवन सिर्फ पत्रकारिता के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि सामाजिक सरोकारों से जुड़ी अनेक धाराओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। उन्होंने कहा कि आईपीएस में चयनित होने के बावजूद उन्होंने पत्रकारिता को प्राथमिकता दी और रिपोर्टर बनकर अखबार से जुड़ने का फैसला किया। जीवन भर पत्रकारों की एकता और उनके हक-हुकूक के लिए संघर्ष करते रहे।

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अपने पुराने दिनों को याद करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विक्रम राव से उनकी पहली मुलाकात लखनऊ के तीस हजारी कोर्ट में हुई थी। उस समय वे प्रशिक्षु वकील थे और राव साहब आपातकाल के दौरान बड़ौदा डायनामाइट केस में जॉर्ज फर्नांडिस के साथ अभियुक्त बनाए गए थे। उन्होंने बताया कि समय के साथ संबंध प्रगाढ़ होते गए और एक सच्चे, निर्भीक पत्रकार के रूप में उन्होंने खुद को हमेशा कायम रखा। राज्यपाल ने उनके निधन को लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए एक बड़ी क्षति बताया और कहा कि जमाना बड़े शौक से सुन रहा था, तुम ही सो गए दास्तां कहते-कहते।

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स्मृतियों में जीवित रहे डॉ. राव

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कार्यक्रम में विधान परिषद के पूर्व सदस्य प्रो. रणवीर नंदन ने डॉ. राव से अपनी शैक्षिक समानता साझा करते हुए कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं भी उसी पटना हाई स्कूल का छात्र रहा, जहां से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की थी। समस्तीपुर के डीआरएम और डॉ. राव के दामाद विनय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वे निर्भीकता, ईमानदारी और सादगी के प्रतीक थे। “अपने विचारों को कहने में वे कभी नहीं हिचकते थे। कर्मठता और सच्चाई उनके जीवन के स्तंभ थे। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ध्रुव कुमार ने कहा कि डॉ. राव का पटना से गहरा नाता रहा है। उन्होंने 1982 में प्रेस बिल के विरोध में पटना में डेरा डाला था, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री को बिल वापस लेना पड़ा था।

वरिष्ठ पत्रकारों ने अर्पित की श्रद्धांजलि

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श्रद्धांजलि सभा में वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी, एनयूजेआई बिहार के महासचिव कृष्ण कांत ओझा, IFWJ बिहार के अध्यक्ष प्रमोद दत्त, पूर्व अध्यक्ष डॉ. ध्रुव कुमार, उपाध्यक्ष मोहन कुमार, अमिताभ ओझा, सुधीर मधुकर, मुकेश महान, आलोक नंदन, स्वस्तिका सिंह, अभिजीत पांडेय, संजय कुमार सहित अनेक पत्रकारों ने डॉ. विक्रम राव के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके योगदान को स्मरण किया। गौरतलब है कि डॉ. के. विक्रम राव का 12 मई को लखनऊ के एक निजी अस्पताल में 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। वे न सिर्फ पत्रकारिता के एक सजग प्रहरी थे, बल्कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रखर पैरोकार भी थे।

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